Sunday, November 23, 2008

रामसेतु फिर चर्चा में


रामेश्वरम. महत्वाकांक्षी सेतुसमुद्रम परियोजना को लेकर विवादों में आया रामसेतु का पौराणिक पुल फिर चर्चा में है। इस पवित्र ढांचे का हिस्सा मानी जा रही चट्टानों की बिक्री यहां पूरे जोरों पर है।
एजेंटों और टूरिस्ट गाइडों द्वारा बेची जा रही इन मूंगा चट्टानों को बड़ी संख्या में तीर्थयात्री खरीद रहे हैं। विक्रेताओं का दावा है कि ये चट्टानें भगवान राम की वानरसेना द्वारा तैयार किए गए पुल का हिस्सा हैं।

मन्नार की खाड़ी के समुद्री नेशनल पार्क के एक अधिकारी के अनुसार श्रद्धालु इस भरोसे से चट्टानों को खरीद रहे हैं कि ये रामसेतु का हिस्सा हैं, लेकिन वास्तव में ये मूंगा चट्टानें हैं। मूंगा चट्टानें पानी में नैसर्गिक रूप से तैरती हैं। इस कारण लोगों को भरोसा होने लगता है कि भगवान राम की सेना ने इन्हीं चट्टानों का उपयोग सेतु बनाने में किया होगा और श्रद्धावश वे इन्हें खरीद रहे हैं।
वन्य और समुद्री जीवन संरक्षण अधिनियम के तहत प्रतिबंधित होने के बावजूद पांच स्थानों-सीता तीर्थम, राम तीर्थम, लक्ष्मण तीर्थम, कंधमाधनापर्वम और एक आश्रम में इन चट्टानों की ब्रिकी हो रही है। चट्टान के एक टुकड़े की कीमत 500 से हजार रु. तक लगाई जा रही है। बिक्री करने वाले एक टूरिस्ट गाइड गोपीनाथन ने बताया कि बेचे गए हर चट्टान के टुकड़े पर उन्हें एक निश्चित कमीशन मिलता है। द्वीप का दौरा करने वाले विशेष अतिथियों को भी यह चट्टानें भेंट की जाती हैं। उसके अनुसार इन चट्टानों को घर में रखना शुभ होता है।


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रॉबर्ट गिब्स होंगे ओबामा के प्रेस सचिव


शिकागो: अमेरिका के नवनिर्वाचित प्रेजिडंट बराक ओबामा ने अपने निकट सहयोगी रॉबर्ट गिब्स को वाइट हाउस का प्रेस सचिव, जबकि एलेन मोरेन को कम्यूनिकेशन डायरेक्टर बनाए जाने की घोषणा की है। साथ ही ओबामा ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा है कि उनके दफ्तर के प्रमुख रहे डॉन प्रेफर वाइट हाउस के डिप्टी कम्यूनिकेशन डायरेक्टर होंगे।


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पुरोहित को उम्मीदवार बना सकती है शिवसेना

मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी बनाए गए लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को शिवसेना अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि हालांकि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है लेकिन अगर उन्हें उम्मीदवार बनाया जाता है तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। माना जा रहा है कि मराठी बनाम बाहरी के मुद्दे पर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से पिछड़ती दिख रही शिवसेना को लगता है कि पुरोहित को उम्मीदवार बनाए जाने से उसकी हिंदुत्ववादी पार्टी की छवि और मजबूत होगी।
शिवसेना शुरू से ही मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों का खुलकर बचाव करती रही है। हाल ही में पार्टी ने जनहित याचिका दायर करके मालेगांव ब्लास्ट की जांच एटीएस से वापस लेकर सीआईडी को सौंपे जाने की मांग की है। इसके अलावा नासिक कोर्ट में आरोपियों की पेश के दौरान भी शिवसेना के कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद थे और पुरोहित व साध्वी प्रज्ञा के समर्थन में नारे लगा रहे थे।


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आशुतोष ने जीता बिग बॉस-2


रिऐलिटी शो 'बिग बॉस' शनिवार को खत्म हो गया। आशुतोष कौशिक शो के विजेता घोषित किए गए। पुरस्कार राशि के तौर पर उन्हें 1 करोड़ रुपये की राशि और ट्रोफी दी गई। आशुतोष ने जीत का क्रेडिट राहुल को दिया। राहुल ने उनकी जीत के लिए शुभकामनाएं दी थीं। समारोह में आशुतोष की मां मौजूद थीं। आशुतोष उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।

शो के अंतिम राउंड में आशुतोष के अलावा जुल्फी सैयद व राजा चौधरी पहुंचे थे। बिग बॉस में 14 प्रतियोगियों ने भाग लिया था। शो के दौरान वहां बाहर जमा स्थानीय लोग अंदर प्रवेश न देने पर काफी नाराज थे। कुछ लोगों ने नाराज होकर पत्थर फेंके, जिससे शीशा टूटा। समारोह स्थल पर पहले सुरक्षा व्यवस्था का पर्याप्त इंतजाम नहीं किया गया था। बाद में पुलिस ने मौके पर आकर स्थिति को नियंत्रण में लिया। मौके पर अपनी ऐनिमेशन फिल्म 'जंबो' का प्रमोशन करने के लिए अभिनेता अक्षय कुमार भी आए थे। अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की मां सुनंदा शेट्टी भी मौजूद थीं।


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धोनी की असली परीक्षा विदेशी धरती पर


भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा है कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया का प्रदर्शन निखर रहा है लेकिन उन्हें अभी बहुत अधिक साबित करना है। उन्होंने कहा कि बतौर कप्तान धोनी की असली परीक्षा विदेशी धरती पर होगी। गांगुली ने एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, ' धोनी एक साल से भारतीय टीम के कप्तान हैं, लेकिन बतौर कप्तान उनकी असल परीक्षा विदेशी धरती पर होगी।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में खत्म हुई बॉर्डर-गावसकर सीरीज़ के बाद संन्यास लेने वाले सौरभ ने माना कि भारत को उसी की धरती पर मात देना हमेशा से कठिन रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी जीत के रेकॉर्ड को विदेशी धरती पर बरकरार रखना धोनी के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी। भारत ने माही की कप्तानी में अब तक खेले गए सभी तीन टेस्ट जीते हैं और जबकि गांगुली ने 49 टेस्ट मैचों में देश का नेतृत्व किया है जिनमें से 21 में उन्होंने जीत दिलाई है। गांगुली ने चैपल विवाद के बारे में कहा कि किसी भी टीम की सफलता में उसके कोच की भूमिका महज 25 प्रतिशत होती है और बाकी कप्तान व टीम पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, ' जिस तरह से भारतीय क्रिकेट के मामले में ग्रेग चैपल ने दखलंदाजी की वह उचित नहीं


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रामायण पढ़ रही हैं शिल्पा


शिल्पा शेट्टी इन दिनों अपनी जिंदगी के बेहतरीन दौर को एंजॉय कर रही हैं। जहां वह 'बिग बॉस 2' में होस्ट की भूमिका में नजर आ रही हैं, वहीं 'दोस्ताना' में उनके आइटम नंबर को सभी ने पसंद किया है। फिलहाल, वह सनी देओल की फिल्म 'द मैन' की शूटिंग के साथ अपने प्रॉडक्शन हाउस के काम में बिजी हैं।


  • पूरा हफ्ता तरोताजा रहने के लिए मुझे एक दिन की छुट्टी जरूर चाहिए। इसलिए अब मैं संडे को काम नहीं करती। हालांकि बहुत जरूरी होने पर मुझे अपना यह रूल तोड़ना पड़ता है।

  • मैं रात को दो बजे तक टीवी देखती हूं, इसलिए छुट्टी वाले दिन मैं काफी देर से सोकर उठती हूं।

  • मैं अपने सारे ई-मेल चेक करती हूं और सबका जवाब देती हूं।

  • अमेरिकी टीवी सीरियल देखना काफी पसंद करती हूं। 'ग्रे एनॉटमी' और 'हीरोज' मुझे काफी पसंद हैं।

  • मेरी फास्ट फ्रेंड वंदना बंगलूर में रहती है और उसकी-मेरी दोस्ती स्कूल के दिनों की है।

  • इस समय मैं सी. राजगोपालाचारी की रामायण पढ़ रही हूं।



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Friday, November 21, 2008

संयुक्त राष्ट्र ने सोमालिया पर प्रतिबंध लगाए

न्यू-यॉर्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमालिया में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने को विश्व की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा करार देते हुए गुरुवार को उसके खिलाफ यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगा दिया और शांति प्रक्रिया में बाधक माने जा रहे कुछ लोगों के वित्तीय लेन-देन पर रोक लगा दी। सुरक्षा परिषद ने उन व्यक्तियों और संगठनों पर भी हथियारों का प्रतिबंध लगा दिया जो संयुक्त राष्ट्र समिति द्वारा नामजद नहीं हैं। इन उपायों का उद्देश्य अराजकता और हिंसा को समाप्त करने और सरकार के हाथ मजबूत करना है। संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत डी. कुमालो ने कहा कि सोमालिया के हालात दिनोंदिन बेकाबू होते जा रहे हैं जबकि वहां जारी संघर्ष की वजह से बड़ी संख्या में लोग बेघर हो रहे हैं। कुमालो ने कहा कि जब तक कुछ विशिष्ट संगठन शांति प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे तब तक स्थायी शांति संभव नहीं होगी। सुरक्षा परिषद सोमालिया सरकार की मदद के लिए शांति सेना की तैनाती पर भी विचार कर रही है।


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लोकल कॉल 20 पैसे, एसटीडी 40 पैसे होगी

नई दिल्लीः आने वाले वक्त में मोबाइल पर बातचीत और सस्ती हो सकती है। टेलिकॉम मंत्री ए. राजा का कहना है कि नए ऑपरेटरों के बाजार में आ जाने के बाद लोकल कॉल की दरें 20 पैसे प्रति मिनट और एसटीडी की दरें 40-50 पैसे प्रति मिनट तक आ सकती हैं। राजा ने कहा कि कॉल दरों में कमी की अब भी काफी संभावनाएं हैं।
डिपार्टमंट ऑफ टेलिकॉम (डॉट) ने टेलिकॉम सेवाएं शुरू करने के लिए 120 नए लाइसेंस जारी किए हैं। जिन कंपनियों को लाइसेंस दिए गए हैं उनमें से यूनिटेक, स्वान, डेटाकॉम और श्याम टेलिकॉम को स्पेक्ट्रम भी अलॉट किए जा चुके हैं। नेटवर्क तैयार होते ही ये कंपनियां अपना कामकाज शुरू कर देंगी। गौरतलब है कि इस समय लोकल कॉल दरें 40 पैसे (ऑपरेटर के अपने नेटवर्क में) से लेकर 1 रुपये तक के बीच है, जबकि नैशनल कॉल दरें 1 रुपये से लेकर 2.65 रुपये के बीच हैं। राजा ने कहा कि कॉल दरों का निर्धारण फिलहाल बाजार के आधार पर होता है और रेगुलेटर इसे तय नहीं करता है। ऐसे में हमने प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार किया है, जिससे कॉल दरों में कमी आएगी। राजा ने कहा कि देश में अभी 30 करोड़ अतिरिक्त टेलिफोन लाइनों की जरूरत है, जिसे पुराने व नए ऑपरेटर मिलकर पूरा कर सकते हैं।


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आमिर ने चुराई 'तारे ज़मीं पर' की कहानी?


आमिर खान पर ' तारे ज़मीं पर ' की स्टोरी चुराने का आरोप लगा है। मैथमैटिक्स एक्सपर्ट शकुंतला देवी ने कहा है कि उनकी किताब ' द वन्डर लैंड ' से आइडिया चुराकर आमिर खान प्रोडक्शन ने फिल्म ' तारे ज़मीं पर ' बनाई है और इसके लिए उन्हें क्रेडिट भी नहीं दिया गया। उन्होंने बताया , ' मेरी किताब की कुछ लाइन हू-ब-हू उठा ली गई हैं। मेरे कुछ दोस्त प्रड्यूसर के खिलाफ कारर्वाई करने को भी कहते हैं और मैं भी फिल्म के प्रड्यूसर्स को जल्द ही एक लेटर लिखकर यह पूछने वाली हूं कि बिना बताए उन्होंने ऐसा क्यों किया। '

उन्होंने ने कहा कि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब किसी प्रड्यूसर ने उनकी किताब से स्टोरी चुराई है। इससे पहले राजेश खन्ना की फिल्म ' रेड रोज ' की कहानी भी उन्हीं की किताब से ली गई थी। अब तक 22 किताबें लिख चुकीं 69 वर्षीय शकुंतला देवी ने कहा कि वह दुनिया भर में मैथमैटिक्स की संस्थाएं खोलना चाहती हैं ताकि युवाओं को वैदिक मैथमैटिक्स में ट्रेंड किया जा सके।


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Tuesday, November 18, 2008

नो दारू, नो अहमदाबाद

11 दिसंबर को भारत और इंग्लैंड के बीच अहमदाबाद में पहला टेस्ट मैच खेला जाना है। लेकिन अपनी इंग्लैंड टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए उनके फैन्स, जिन्हें बार्मी आर्मी भी कहा जाता है, वहां नहीं जाना चाहते। इसके पीछे शराबबंदी को मुख्य कारण बताया जा रहा है।
बार्मी आर्मी की वेबसाइट और मैगजीन के एडिटर पॉल विंस्लो का कहना है कि अहमदाबाद में टूरिस्टों के लिए कोई खास आकर्षण नहीं हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ' जाड़े के मौसम में इंग्लिश टीम के फैन्स कैरिबियन जाना ज्यादा पसंद करेंगे। अगर भारत में वे कहीं जाएंगे तो वह जगह मुंबई होगी न कि अहमदाबाद। गुजरात में शराबबंदी भी इसके पीछे एक वजह है। '
अपने ब्लॉग में विस्लो ने लिखा है, ' अहमादाबाद के बारे में उत्साहित होने वाली कोई बात नहीं है। चूंकि गुजरात ड्राई स्टेट है इसलिए अहमदाबाद में बार्मी आर्मी के ज्यादा लोग नहीं होंगे, साथ ही यहां टूरिस्टों के लिए कोई खास आकर्षण नहीं हैं। ' रिटायर्ड ब्रिटिश क्रिकेटर शाइल्ड बेरी ने अहमदाबाद को इंटरनैशनल क्रिकेट सर्किट में सबसे अलोकप्रिय जगह बताया है।


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ग्लेशियर के लुप्त होने का ख़तरा


बढ़ते तापमान का भारतीय ग्लेशियरों पर बुरा असर पड़ रहा है और अगर ग्लेशियरों के पिघलने की यही रफ़्तार रही तो हिमालय के ग्लेशियर 2035 तक ग़ायब हो जाएँगे. अध्ययन में पाया गया है कि हिमालय के ग्लेशियरों के पिघलने की रफ़्तार बहुत तेज़ है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कश्मीर में कोल्हाई ग्लेशियर पिछले साल 20 मीटर से अधिक पिघल गया है जबकि दूसरा छोटा ग्लेशियर पूरी तरह से लुप्त हो गया है.

ब्राउन क्लाउड
हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान के मुनीर अहमद का कहना है कि ग्लेशियरों के इस कदर तेज़ी से पिघलने की वजह ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ 'ब्राउन क्लाउड' है. दरअसल, ब्राउन क्लाउड प्रदूषण युक्त वाष्प की मोटी परत होती है और ये परत तीन किलोमीटर तक मोटी हो सकती है.
इस परत का वातावरण पर विपरीत असर होता है और ये जलवायु परिवर्तन में अहम भूमिका निभाती है.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम यानी यूएनईपी की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट की तलहटी में भी काले धूल के कण हैं और इनका घनत्व प्रदूषण वाले शहरों की तरह है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि क्योंकि काली-घनी सतह ज़्यादा प्रकाश और ऊष्मा सोखती है, लिहाजा ग्लेशियरों के पिघलने की ये भी एक वजह हो सकती है.
अगर ग्लेशियरों के पिघलने की रफ़्तार अंदाज़े के मुताबिक ही रही तो इसके गंभीर नतीजे होंगे.
दक्षिण एशिया में ग्लेशियर गंगा, यमुना, सिंधु, ब्रह्मपुत्र जैसी अधिकाँश नदियों का मुख्य स्रोत हैं.
ग्लेशियर के अभाव में ये नदियां बारामासी न रहकर बरसाती रह जाएँगी और कहने की ज़रूरत नहीं कि इससे लाखों, करोड़ों लोगों का जीवन सूखे और बाढ़ के बीच झूलता रहेगा.


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विकसित देशों में प्रदूषण बढ़ा


जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी का कहना है कि औद्योगिक देशों में वर्ष 2000 से 2006 के बीच ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 2.3 प्रतिशत बढ़ा है. कार्बन गैसों में सबसे ज़्यादा बढ़ोत्तरी पूर्व सोवियत संघ के देशों और कनाडा में हुई है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा है कि यदि ख़तरनाक जलवायु परिवर्तन को रोकना है तो देशों को ज़्यादा तेज़ी से कार्रवाई करनी होगी. दुनिया भर के देश अगले महीने पोलैंड में जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए मिलने वाले हैं और प्रदूषण के जो नए आँकड़े आए हैं वो आशाजनक नहीं हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हालांकि वर्ष 2006 में दुनिया भर में कार्बन गैसों के उत्सर्जन में 0.01 प्रतिशत की गिरावट आई. लेकिन संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का कहना है कि सांख्यिकी की दृष्टि से इस कमी का कोई महत्व नहीं है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2000 के बाद से कार्बन गैसों में बढ़ोत्तरी दिख रही है. हालांकि जिन देशों में कार्बन गैसों में बढ़ोत्तरी हुई है उन देशों ने गैसों में कटौती का आश्वासन दिया था. इस मामले में सबसे बड़ा दोषी देश कनाडा दिख रहा है. रिपोर्ट के अनुसार 1990 से अब तक वहाँ कार्बन गैसों में 21.3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है जबकि इसमें छह प्रतिशत की कमी होनी चाहिए थी.
हाल के समय में सबसे ज़्यादा गैसों का उत्सर्जन पूर्वी एशियाई देशों में दर्ज किया गया है. वर्ष 2000 के बाद से यहाँ 7.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. ब्रिटेन उन चुनिंदा देशों में से है जो अपने कार्बन गैसों पर नियंत्रण रख पा रहा है. हालांकि ब्रिटेन सरकार को दी गई एक ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि हवाई जहाज़ और समुद्री पोतों के चलते वहाँ प्रदूषण बढ़ रहा है. इस रिपोर्ट के अनुसार वहाँ आयात की जा रही सामग्री में मौजूद कार्बन के कारण भी इसमें बढ़ोत्तरी हुई है.


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अपहृत तेल जहाज़ सोमालिया के क़रीब


अमरीकी नौसेना का कहना है कि हिंद महासागर से अगवा किए गए सऊदी अरब से एक बड़े तेल टैंकर को समुद्री लुटेरे सोमालिया के तट के क़रीब ले गए हैं. यह अब तक का सबसे बड़ा तेल टैंकर है जिसका अपहरण किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि इस पर दो लाख बैरल तेल लदा हुआ है जो सऊदी अरब के प्रतिदिन के उत्पादन का एक चौथाई है. इसकी क़ीमत 20 करोड़ डॉलर आंकी गई है

समुद्री लुटेरों ने कीनियाई तट से दूर हिंद महासागर में इस तेल टैंकर को अगवा कर लिया था.
शनिवार को जब सीरियस स्टार नामक यह टैंकर कीनियाई बंदरगाह मोम्बासा से 450 समुद्री मील की दूरी पर था तभी समुद्री लुटेरों ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया. बताया गया है कि टैंकर पर सवार अंतरराष्ट्रीय चालक दल के सभी 25 सदस्य सुरक्षित हैं. इनमें ब्रिटेन के भी दो सदस्य शामिल हैं.
अमरीकी नौसेना के पाँचवे बेड़े के मुताबिक टैंकर आईल बंदरगाह के पास पहुँच रहा है जिसका इस्तेमाल सोमालियाई समुद्री लुटेरे करते आए हैं. आंतरिक युद्ध से ग्रस्त सोमालिया में 1991 के बाद से ही कोई असरदार सरकार नहीं है.


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Monday, November 17, 2008

चाबी लहराते ही पेट्रोल का पेमंट


कार में पेट्रोल डलवाने के लिए लंबी लाइनों में लगने से निजात मिल सकती है। बीएमडब्ल्यू एक ऐसी कार लेकर आरही है, जिसमें ड्राइवर को पंप के सामने बस कार की चाबी को लहराना होगा और पेट्रोल की कीमत का भुगतान हो जाएगा। इसी तरह की तकनीक पार्किन्ग मीटरों पर काम करेगी। ड्राइवरों को अपनी जेबों में सिक्के नहीं खोजने पड़ेंगे।

इस सिस्टम में कार की चाबी में एक छोटी चिप लगी होगी। इस चिप में ड्राइवर के बैंक अकाउंट का ब्यौरा होगा। इसके लिए पेट्रोल पंपों और टिकट मशीनों में एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक रीडर फिट करना होगा। इसके जरिए यूजर की कार की चाबी में लगी चिप से रुपये ट्रांसफर किए जा सकेंगे। बीएमडब्ल्यू ने इस शंकाओं को साफ किया है कि चोर इन चाबियों को निशाना बना सकते हैं। कंपनी का कहना है कि अगर चाबी खो जाती है तो सिस्टम को तुरंत कैंसल किया जा सकेगा। कंपनी को इस सिस्टम की कामयाबी की काफी उम्मीदें हैं।
उसका सुझाव है कि ड्राइवर इस चाबी को पर्सनल क्रेडिट कार्ड की तरह इस्तेमाल करें। इस खास चाबी को हॉलैंड की फर्म एनएक्सपी सेमीकंडक्टर ने तैयार किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि अगर पेट्रोल स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक रीडर लगा है तो आपको बिल का भुगतान करने के लिए सिर्फ चाबी घुमानी होगी। इसके लिए अंदर जाने की जरूरत नहीं होगी। यह क्रेडिट कार्ड से काफी अच्छा होगा। आपको बस चाबी लेकर रीडर के पास तक जाना होगा और रुपये आपके अकाउंट से ट्रांसफर हो जाएंगे।


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'आडवाणी टीवी'


चुनावी मौसम में बीजेपी ने अपनी पहुंच बढ़ाने की लिए अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा का रास्ता चुना है। पार्टी अपने पीएम कैंडिडेट लालकृष्ण आडवाणी के नाम पर ' आडवाणी टीवी ' के नाम से आईपीटीवी लॉन्च करने जा रही है। आडवाणी के हर कार्यक्रम को उनकी वेबसाइट www . lkadvani . in पर लाइव देखा जा सकेगा। भारतीय राजनीति में प्रचार के इस तरीके को पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है।

बीजेपी की आईटी सेल के चीफ प्रद्युत बोरा ने बताया कि यह आईपीटीवी का जमाना है। पार्टी आडवाणी के हर कैंपेन के कवरेज के लिए इस लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इस तरह जो लोग आडवाणी के कार्यक्रम को लाइव देखना चाहते हैं, वे घर बैठे आराम से इसे देख सकते हैं। पार्टी ने पिछले बुधवार को सबसे पहले आडवाणी टीवी को टेस्ट किया। आडवाणी की आत्मकथा 'माई कंट्री, माई लाइफ' के तमिल वर्जन के रिलीज के प्रोग्राम का लाइव टेलिकास्ट किया गया। आईपीटीवी का इस्तेमाल अमेरिका में नया नहीं है। डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी जीतने के बाद से ओबामा के हर स्पीच को टेलिकास्ट किया गया। बोरा ने बताया कि आडवाणी की आत्मकथा की वेबसाइट www . mycountrymylife . com में हर महीने एक लाख से भी अधिक हिट हो रहे हैं। इतनी जबर्दस्त प्रतिक्रिया को देखते हुए आडवाणी पर आईपीटीवी को लॉन्च करने का फैसला किया गया। आडवाणी भी इंटरनेट पर इस तरह के प्रचार से काफी उत्साहित हैं।


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Sunday, November 16, 2008

'तीसरी दुनिया' की टिप्पणी पर हेडन को लताड़ा


मैथ्यू हेडन की 'तीसरी दुनिया' की टिप्पणी पर भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलियाई ओपनर को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम दुनिया के किसी भी हिस्से में खेले, उसकी ओवर गति हमेशा धीमी होती है। धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे मैच की पूर्व संध्या पर मीडिया से बातचीत में कहा, 'ऑस्ट्रेलियाई दुनिया में जहां भी खेलते हैं, उनकी ओवर गति हर जगह धीमी ही रहती है।' गौरतलब है कि भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में 2-0 से शिकस्त के बाद हेडन ने मैदान की खराब स्थितियों और बेवजह की देरी पर टिप्पणी की थी और कहा था कि तीसरी दुनिया के देशों में ऐसा होता है।

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने महाराष्ट्र के भंडारा में प्रदर्शनी मैच में खेलने पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। इस मामले पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हम इंग्लैंड के खिलाफ सोमवार को होने वाले मैच के बारे में बात कर रहे हैं। शनिवार को जो हुआ उसके बारे में बीसीसीआई से पूछो।' जब उनसे एक और सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'पहले ही कहा है कि सोमवार को होने वाले दूसरे वनडे इंटरनैशनल मैच के बारे में बात करो।' गौरतलब है कि धोनी, जहीर खान और आर.पी. सिंह शनिवार को एविएशन मिनिस्टर प्रफुल्ल पटेल के पिता के नाम पर एक क्रिकेट अकैडमी के उद्घाटन के लिए गए थे। प्रदर्शनी मैच के बाद में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई थी। बीसीसीआई ने हालांकि इस घटना को तवज्जो न देते हुए कहा कि खिलाडि़यों ने इसकी अनुमति ले ली थी और कहा कि उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई गई थी।


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अजमेर शरीफ ब्लास्ट के पीछे भी पुरोहित?

मालेगांव ब्लास्ट के मुख्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित के बारे में एटीए
स रोज़ नए-नए सनसनीखेज दावे कर रही है। एटीएस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित का आतंकी नेटवर्क जांच एजेंसियों की सोच से कहीं ज्यादा बड़ा है।
एटीएस के सूत्रों ने कहा है कि लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित के तार हैदराबाद की मक्का मस्जिद और अजमेर शरीफ में हुए ब्लास्ट से भी जुड़े हो सकते हैं। इससे पहले एटीएस ने नासिक कोर्ट में शनिवार को कहा था कि पुरोहित ने ही समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट के लिए भगवान नाम के एक व्यक्ति को 60 किलोग्राम आरडीएक्स दिया था। इसमें से कुछ समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में और कुछ मालेगांव में इस्तेमाल हुआ। एटीएस के सूत्रों ने बताया, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने नार्को टेस्ट में कहा कि अजमेर शरीफ ब्लास्ट का मास्टरमाइंड स्वामी अमृतानंद थे और उन्हें इसकी जानकारी थी। यह भी माना जा रहा है कि इस ब्लास्ट को अंजाम देने में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने अहम भूमिका निभाई थी।


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सहमति

  • पति ( पत्नी से )- हम किसी बात पर सहमत नहीं हो सकते क्या ? पत्नी ( पति से )- हो सकते हैं। इसी बात पर कि हम दोनों किसी बात पर सहमत नहीं हो सकते।
  • संता - डॉक्टर साहब , मैंने चाबी निगल ली। डॉक्टर - कब ? संता - सर , करीब तीन महीने पहले। डॉक्टर - तुम अब तक क्या कर रहे थे ? संता - मैं डुप्लीकेट चाबी इस्तेमाल कर रहा था , लेकिन अब वह भी खो गई है।
  • बेटा - पिताजी हमारे मास्टर जी की याददाश्त बहुत कमजोर है। पिताजी - तुम्हें कैसे पता ? बेटा - हमसे वे मुंहजबानी पाठ सुनते हैं और खुद किताब लेकर पढ़ाते हैं।
  • एक शराबी एयरपोर्ट के बाहर खड़ा था। एक वर्दीधारी युवक उधर से गुजरा। शराबी ने उससे कहा एक टैक्सी ले आओ। युवक ( शराबी से )- मैं पायलट हूं , टैक्सी ड्राइवर नहीं। शराबी ( युवक से )- नाराज क्यों होते हो भाई ? तो एक हवाई जहाज ले आओ।
  • एक बार एक संता समोसे के बीच के आलू खा रहा था और बाहर के हिस्से को फेंक रहा था। बंता : तुम समोसे के सिर्फ आलू क्यों खा रहे ? संता : डॉक्टर ने मुझे बाहर की चीजें खाने से मना किया है।


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कैसे जिएं 120 साल


वैज्ञानिकों की कसरत कामयाब रही तो एक दिन इंसान 120 साल जिएगा। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चूहा डिवेलप किया है जिसकी उम्र सामान्य चूहों की तुलना में 40 फीसदी धीरे बढ़ती है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने पहले चूहे के जीन में ऐसे बदलाव किए जिससे उसमें कैंसर को लेकर प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई। इसके बाद उन्होंने चूहे में आनुवंशिक तौर पर एक खास प्रोटीन टीलोमेरेज की मात्रा बढ़ाई। टीलोमेरेज कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रवृति पर रोक लगाने के लिए जाना जाता है। टीलोमेरेज कोशिकाओं का पुनर्नवीकरण करके उन्हें लंबे समय तक युवा रखता है। इससे पहले की कोशिशों में एक समस्या यह थी कि जैसे ही चूहों में टीलोमेरेज की मात्रा बढ़ती थी उनमें कैंसर पनपने की आशंका भी उतनी ही बढ़ जाती थी। ताजा स्टडी में वैज्ञानिकों ने चूहे के जीन में ऐसे फेरबदल किए जिससे उनमें कैंसर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता डिवेलप हो जाए। इस तरह जो चूहे पैदा हुए उनमें बुढ़ापे में भी मजबूत मांसपेशियां थीं, त्वचा भी स्वस्थ थी और पाचन संबंधी बीमारियां कम से कम थीं। स्पेन की वैलेंसिया यूनिवर्सिटी की मारिया ए. ब्लास्को का कहना है, इन चूहों में एकसाथ टीलोमेरेज और कैंसर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता डिवेलप करने से उनमें उम्र का बहुत कम असर दिखाई दिया। अगर इंसानों में इस तरह की क्षमता विकसित कर दी जाए तो वह 120 साल तक जीवित रहेंगे।


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शर्ट लहराने के लिए शर्मिन्दा हैं गांगुली


लॉर्ड्स के मैदान में नेटवेस्ट ट्रॉफी जीतने के बाद बालकनी में सौरभ गांगुली का कमीज उतारकर लहराने वाला दृश्य हर भारतीय क्रिकेटप्रेमी को रोमांचित करता है लेकिन खुद पूर्व भारतीय कप्तान इसके लिए शर्मिन्दा हैं। सौरभ गांगुली ने कहा, ' जीत से हम इतने खुश थे कि मैने शर्ट उतार दी, लेकिन अब उसके बारे में सोचकर शर्म आती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके गांगुली ने आक्रामकता को टीम के लिए जरूरी बताते हुए कहा, ' खिलाड़ी आक्रामक तरीके से खेलते हैं तो उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है। '
उन्होंने कहा कि नेटवेस्ट फाइनल में लॉर्ड्स पर मिली जीत से पहले शाम प्रैक्टिस के दौरान मेरी कोच जॉन राइट से बहस हो गई थी। बाद में हम दोनों में बात ही नहीं हुई। अगले दिन मैं अच्छा खेला और टीम भी जीत गई। उसके बाद राइट ने कहा कि वह चाहते थे कि मैं इसी मूड में बल्लेबाजी करूं। एक समय कोच ग्रेग चैपल के साथ अपने कटु संबंधों के कारण टीम में स्थान गंवा चुके दादा ने एक इंटरव्यू में इस मुद्दे पर भी खुलकर बात की।
उन्होंने गुरु ग्रेग के बारे में कहा, ' भारतीय क्रिकेट में जो अच्छा प्रदर्शन करेगा वह हीरो होगा और जो नाकाम रहेगा वह खलनायक। हमें लगा था कि चैपल भारतीय क्रिकेट की मदद करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। '
मैच जीतने के लिए तरह-तरह के टोटकों पर यकीन करने वाले गांगुली ने बताया कि वह कभी बांए पैर का पैड पहले पहना करते थे। उन्होंने कहा, ' एक बार पाकिस्तान के खिलाफ मैने 200 रन बनाए। उस समय मैं होटल के कमरा नंबर-315 में रुका था। दूसरी बार किसी टीम के खिलाफ दोबारा वहां गया तो मैने वही कमरा मांगा। '
उन्होंने एक और खुलासा करते हुए कहा कि सचिन तेंडुलकर को वह पिछले 13 साल से बांग्ला सिखाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह तीन लाइन से ज्यादा नहीं सीख सके।
हिन्दी फिल्मों के भी शौकीन दादा को करीना कपूर बेहद पसंद है लेकिन उनका साइज ज़ीरो फिगर उन्हें नहीं भाता। उन्होंने कहा, ' वह रिफ़्यूजी में जैसी थीं, वैसी ही बहुत अच्छी लगती हैं। ऐक्टर में अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान पसंद है। दादा की पसंदीदा फिल्मों में ' दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ' शामिल है।


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समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में भी पुरोहित!

मालेगांव ब्लास्ट केस में गिरफ्तार लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित बुरी तरह फंसते
नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र एटीएस का कहना है कि फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के लिए आरडीएक्स का इंतजाम पुरोहित ने किया था। नासिक कोर्ट में पुरोहित की पेशी के दौरान एटीएस ने यह खुलासा किया। पुरोहित को मंगलवार तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। पुरोहित ने खुद को टॉर्चर किए जाने की बात से इनकार किया।
एटीएस के मुताबिक, पुरोहित (36) को जम्मू-कश्मीर से बरामद आरडीएक्स आर्मी में जमा कराना था, लेकिन उन्होंने 60 किलोग्राम आरडीएक्स भगवान नाम के एक व्यक्ति को दे दिया। इसमें से कुछ समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में और कुछ मालेगांव में इस्तेमाल हुआ। पुरोहित ने अधिकारियों से कहा कि मैंने आरडीएक्स झेलम नदी में फेंक दिया। समझौता ब्लास्ट केस में पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से पूछताछ करने के लिए हरियाणा रेलवे पुलिस की टीम मुंबई में है। टीम ने कानपुर से गिरफ्तार सुधाकर द्विवेदी उर्फ स्वामी अमृतानंद से पूछताछ की। शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के दौरान सुधाकर ने कहा था कि मेरा नाम दयानंद पांडे नहीं है, जैसा कि बताया जा रहा है। एटीएस ने भी कहा था कि उन्होंने इस फर्जी नाम से सिम कार्ड लिया था।
पुरोहित ने नारको टेस्ट में कबूला था कि हमने सिमी के हमलों का बदला लेने के लिए धमाके किए। कोर्ट में नारको टेस्ट को सबूत नहीं माना जाता। पुरोहित ने हमलों की साजिश में साध्वी प्रज्ञा और सुधाकर के शामिल होने की बात भी कही थी। वह सुधाकर के जरिए ही साध्वी से मिले थे। इन तीनों के अलावा साजिश रचने वालों में भोंसला मिलिट्री स्कूल के पूर्व प्रिंसिपल अजय रहीरकर का नाम है। सूत्रों के मुताबिक, रहीरकर ने सुधाकर को 2.5 लाख रुपये दिए थे। नासिक कोर्ट में एटीस के वकील अजय मिसार ने बताया कि पुरोहित ने 2006 में 16 से 21 अक्टूबर तक एमपी के पंचमढ़ी में दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत के सदस्यों को आर्म्स ट्रेनिंग दी थी। महाराष्ट्र के पुलिस चीफ ए. एन. रॉय ने मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच पर शिवसेना-बीजेपी द्वारा सवाल उठाए जाने पर नाराजगी जताई है।


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Saturday, November 15, 2008

ऐक्टिंग छोड़ने के मूड में


हॉलिवुड सुपरस्टार ऐंजिलीना जोली ऐक्टिंग छोड़ने का मन बना रही हैं। वह अब पूरा समय अपने बच्चों को हॉलिवुड ऐक्ट्रिस ऐंजिलीना जोली।देना चाहती हैं। ऑस्कर विजेता ऐक्ट्रिस ने बताया कि मैं अपनी फिल्मों को लगातार कम कर रही हूं। उन्होंने जुलाई में जुड़वा बच्चों विवियन और नॉक्स को जन्म दिया था। कपल की एक बेटी और तीन गोद लिए हुए बच्चे भी हैं।

ऐंजिलीना ने कहा कि मैं ज्यादा दिनों तक ऐक्टिंग करने के मूड में नहीं हूं। मैं अब कुछ चीजें करना चाहती हूं और एक दिन दादी बनने के लिए तैयार हूं। जब उनसे पूछा गया कि बढ़ती उम्र क्या उनके करियर को नुकसान पहुंचा सकती है ? ऐंजिलीना ने कहा कि मैं परेशान नहीं हूं। मैं अपनी गति बरकरार रखना चाहती हूं और हमेशा सिलेब्रिटी और कामयाब ऐक्ट्रिस बने रहना चाहती हूं। मुझे लगता है कि यह अच्छा है। ऐंजिलीना ने 30 से अधिक फिल्मों में काम किया है। वह रीज विदर्सपून के बाद दुनिया की दूसरी सबसे महंगी ऐक्ट्रिस हैं।

ऐंजिलीना ने कहा कि मैं फिल्मों के बारे में सोच सकती हूं लेकिन शायद तीन साल में सिर्फ एक फिल्म के बारे में। मैं फरवरी में कुछ महीने काम करूंगी। उसके बाद अगले साल मैं शायद बिल्कुल काम न करूं। मेरे बहुत सारे बच्चे हैं। वे बड़े हो रहे हैं और मेरी जिम्मेदारियां बढ़ रही हैं।


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धोनी के लिए नियमों में ढील


झारखंड सरकार ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को प्रतिबंधित बोर वाले हथियार का लाइसंस देने के मामले में नियमों में ढील देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि धोनी ने लगभग दो महीने पहले प्रतिबंधित बोर वाले रिवाल्वर के लाइसंस के लिए आवेदन किया था। लेकिन, इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें लाइसंस नहीं दिया गया।

छोटानागपुर क्षेत्र की आयुक्त शीला किस्कु रापाज ने मीडियाकर्मियों के पूछने पर कहा कि पहले धोनी को सतर्कता विभाग, स्पेशल ब्रांच और सीआईडी के पुलिस अधीक्षकों का एनओसी लाने दीजिए, फिर इस पर विचार किया जाएगा। आयुक्त के मुताबिक आतंकवादी और चरमपंथी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में बिना पूरी छानबीन के किसी को हथियार का लाइसंस देना ठीक नहीं है।

धोनी के परिवार ने आयुक्त के इस बयान पर विरोध जताया था। उसका कहना था कि धोनी कोई मामूली शख्स नहीं कि उन्हें प्रमाणपत्रों के जरिए पहचान साबित करनी पड़े। उनके चरित्र को भी प्रमाणपत्रों की दरकार नहीं है। अब राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारी इस मामले को लेकर ढीले पड़ते दिखाई दे रहे हैं। रांची के उपायुक्त अरुण एक्का ने इस संबंध में कहा, 'धोनी जैसे व्यक्ति को प्रमाणपत्रों के जरिए पहचान जाहिर करने की जरूरत नहीं। उन्हें किसी चरित्र प्रमाणपत्र की भी जरूरत नहीं है।'


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ओबामा पर हो सकता है आतंकी हमला


अमेरिका और ब्रिटेन के टॉप सिक्यूरिटी अफसरों को इस बात की आशंका है कि वॉशिंगटन में नए प्
रेज़िडंट की कुर्सी संभालने के दौरान ही अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी कोई अलग तरह का आतंकी हमला कर सकते हैं।

टाइम्स अख़बार ने ख़बर दी है कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा को दोनों देशों के नेता जल्द ही आतंकी हमले के अंदेशे की चेतावनी दे रहे हैं। बुश प्रशासन के कार्यभार संभालने के एक साल के अंदर ही 9/11 की घटना हुई थी। सीआईए के निदेशक जनरल माइकल हेडन ने गुरुवार को जानकारी दी कि नए प्रेज़िडंट के पदभार ग्रहण करने की प्रक्रिया के दौरान हमले की आशंका है। नए अधिकारियों के पदभार संभालने और चुनौतियों से परिचित होने के दौरान हमले किए जा सकते हैं।

गौरतलब है कि 19 जनवरी, 2009 को बराक ओबामा अमेरिका के नए प्रेज़िडंट के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे। ब्रिटेन के अख़बार ने ख़बर दी है कि ब्रिटेन के सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि पदभार ग्रहण करने की प्रक्रिया के दौरान अल-कायदा के हमले की काफी आशंका है। साथ ही इसका कहना है कि हमले का निशाना निर्वाचित राष्ट्रपति ओबामा की तुलना में प्रेज़िडंट जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के बनने की ज़्यादा गुंजाइश है।

सीएसआईएस के विशेषज्ञ जेम्स लेविस ने कहा कि अल-कायदा चाहेगा कि अगला अमेरिकी प्रशासन भी प्रतिक्रिया के लिए उत्तेजित हो ताकि वह बाकी दुनिया के सामने यह दिखा सके कि अब भी पापी धर्मयोद्धा है।


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455 रुपये महीना कमाने वाले भी 'गरीब' नहीं

बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों का जीना दूभर हो रहा है। लेकिन सरकार अब भी 'गरीबी' की अपनी परिभाषा बदलने को तैयार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सरकार ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में 455 रुपये प्रति महीना और ग्रामीण क्षेत्रों में 328 रुपये प्रति महीना कमाने वाले व्यक्ति को गरीब नहीं माना जाएगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो ताजा शपथ पत्र दाखिल किया है, उसके मुताबिक 1999 - 2000 की कीमतों के आधार पर ऑल इंडिया लेवल पर गरीबी रेखा का मतलब ग्रामीण और शहरी इलाकों में क्रमश: 327.56 रुपये और 454.11 रुपये प्रति महीने की कमाई है।
सरकार की स्कीम में गरीबी रेखा मासिक आय के आधार तय होती है। यह पैमाना राज्यवार लिए गए आंकड़ों से तैयार किया जाता है। अगर महानगरों को देखें तो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नै में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की मासिक आय क्रमश: 506 रुपये, 540 रुपये, 410 रुपये और 475 रुपये होनी चाहिए। इसका मतलब अगर दिल्ली में आपकी रोजाना कमाई 17 रुपये, मुंबई में 18 रुपये, कोलकाता में 14 रुपये और चेन्नै में 16 रुपये से अधिक है तो आप गरीब नहीं कहे जाएंगे।
यह एफिडेविट एक एनजीओ 'आजादी बचाओ आंदोलन' द्वारा दाखिल की गई याचिका के मद्देनजर दाखिल किया गया था। एनजीओ ने सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार देश में गरीबी की समस्या के प्रति गंभीर नहीं है। इस परिभाषा के आधार पर 26 करोड़ से अधिक लोग गरीब हैं।


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चाँद पर पहुँचा तिरंगा

भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कामयाबी की नई इबारत लिखते हुए चाँद पर तिरंगा फहरा दिया है. ये कामयाबी हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है. चंद्रयान का मून इम्पैक्ट प्रोब (एमआईपी) चाँद पर पहुँच गया है. इससे पहले अमरीका, रूस और जापान ये कामयाबी हासिल कर चुके हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन जी माधवन नायर ने शुक्रवार रात हैदराबाद में पत्रकारों को मिशन की सफलता की जानकारी दी. उन्होंने कहा, "आज रात लगभग आठ बजे हमारे उपग्रह चंद्रयान से एमआईपी सफलतापूर्वक अलग हुआ और लगभग साढ़े आठ बजे तिरंगे में लिपटा एमआईपी चाँद की सतह पर लैंड कर गया." उन्होंने इसे भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिए मील का पत्थर बताते हुए कहा कि कुछ ही समय में हमें चाँद के बारे में अहम जानकारियाँ मिलने लगेगी.
इसरो चेयरमैन ने कहा कि चंद्रयान चाँद से महज सौ किलोमीटर की दूरी में चक्कर लगा रहा है और उसने चाँद की सतह की बेहद खूबसूरत तस्वीरें ली हैं जिन्हें जल्दी ही जारी किया जाएगा. एमआईपी चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा है. माधवन नायर ने बताया कि 35 किलोग्राम वजनी इस उपकरण के साथ उच्च क्षमता के कैमरे लगे हैं जो सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रुप में चर्चित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भी उपस्थित थे.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "आज सुबह मैं चंडीगढ़ में था. वहाँ से मैं जल्दबाजी में यहाँ पहुँचा और कंट्रोल रुम में जो कुछ देखा उससे मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ." उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्दी ही भारतीय वैज्ञानिक चाँद पर विचरण करते नज़र आएंगे.
चाँद मिशन
एमआईपी उन 11 वैज्ञानिक उपकरणों (पेलोड) में से एक है, जो 22 अक्तूबर को चंद्रयान के साथ भेजे गए हैं. इसरो का कहना है कि अगले दो साल तक चंद्रयान इसी कक्षा में रहेगा और यहाँ से वह आधुनिक उपकरणों की मदद से तस्वीरें भेजेगा. चंद्रयन पर मौजूद 11 पेलोड में से से छह विदेशी एजेंसियों के हैं.
दो अमरीकी, तीन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और एक बुल्गारिया का उपकरण चंद्रयान पर है, बाक़ी के पाँच उपकरण भारतीय हैं जिन्हें इसरो ने तैयार किया है.


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Friday, November 14, 2008

फिल्मों में कहां हैं बच्चे?


पिछले कुछ साल में बॉलिवुड में बच्चों के लिए कम-से-कम एक दर्जन फिल्में बनाई गईं। आमिर खान की फिल्म 'तारे ज़मीं पर' की कहानी एक मंदबुद्धि बच्चे पर आधारित थी। इस फिल्म ने तो बॉक्स ऑफिस पर खूब मुनाफा कमाया, लेकिन 'तहान' और 'रामचंद पाकिस्तानी' जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट में बच्चे कहीं पीछे छूट गए।

बच्चों की पढ़ाई पर आधारित 'नन्हा जैसलमेर' की स्क्रिप्ट में कुछ नयापन तो था, लेकिन फिल्म की कहानी बॉबी देओल के इर्द-गिर्द ही घूमती रही। विशाल भारद्वाज की 'ब्लू अंब्रेला' को तो नैशनल अवॉर्ड तक से सम्मानित किया गया। राहुल बोस की 'चेन कुली की मेन कुली', सहारा व परसेप्ट पिक्चर्स की एनिमेशन फिल्म 'हनुमान', अनुराग कश्यप की 'बाल गणेश', 'माई फ्रेंड गणेश', 'रिटर्न ऑफ हनुमान' जैसी फिल्में भी काफी चर्चा में रहीं।

अजय देवगन की 'राजू चाचा' हालांकि बच्चों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी, लेकिन फिल्म ठीकठाक चली। भारत में बच्चों की फिल्मों का उतना बड़ा मार्किट कभी नहीं रहा, लेकिन इधर कुछ समय से बच्चों की कई फिल्में आई हैं। पहले निर्माता बच्चों के लिए अच्छी और बड़े बजट की फिल्म बनाने में खास रुचि नहीं लेते थे। उन्हें फिल्म के फ्लॉप होने का डर रहता था, लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है।

अब बॉलिवुड में भी बच्चों के लिए काफी कुछ हो रहा है, लेकिन हॉलिवुड की फिल्मों से मुकाबला करने के लिए बॉलिवुड को अभी एक लंबी दूरी तय करनी होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि अपने यहां बनने वाली बच्चों की फिल्मों में कई बार बच्चे कहीं पीछे छूट जाते हैं, जबकि हॉलिवुड की फिल्मों में बच्चों की मानसिकता का पूरा ध्यान रखा जाता है।

'हैरी पॉटर', 'स्पाइडरमैन' और 'बैटमैन' जैसी फिल्में इस बात का उदाहरण है। मुनाफे का सौदा बॉलिवुड में कुछ समय से एक और ट्रेंड भी देखने को मिला है। नामी डायरेक्टर और कॉर्परट घराने सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से बच्चों की फिल्मों से जुड़ रहे हैं। बाल फिल्मों से होने वाले जबर्दस्त मुनाफे को इसकी एक बड़ी वजह माना जा सकता है। 'मकड़ी', 'कृष' और 'हनुमान' जैसी फिल्में जब बॉक्स ऑफिस पर शानदार कारोबार करती हैं, तो बड़े निर्माताओं को लगता है कि ऐसी फिल्में मुनाफे का सौदा हैं। जाहिर है, वे ऐसे प्रॉजेक्ट्स में हाथ आजमाने की बात सोचेंगे ही। 'ब्लू अंब्रेला' के डायरेक्टर विशाल भारद्वाज कहते हैं, 'आने वाला समय बच्चों की फिल्मों का है। वह दिन दूर नहीं, जब बच्चे फिल्मों के लीड रोल में होंगे। यहां तक कि स्मॉल स्क्रीन पर भी बच्चों का जलवा छाने लगा है। 'बालिका वधू' में आनंदी के रोल की शानदार कामयाबी आपके सामने है।'

चरित्रों को पहचान बीते वक्त के कलाकार सारिका, सचिन, मास्टर राजू, जूनियर महमूद, मास्टर अलंकार, बेबी नाज, बेबी गुड्डू ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काफी नाम कमाया, लेकिन उन्होंने बच्चों की किसी फिल्म में काम नहीं किया। वैसे, आजकल बच्चों को फिल्मों में निभाए गए चरित्रों से खूब पहचान मिल रही है। 'तारे ज़मीं पर' में स्पेशल बच्चे का रोल निभा चुके दर्शील सफारी अपनी पहली ही फिल्म से दर्शकों के दिलोदिमाग पर छा गए। अपने तमाम फैंस के दिलों पर राज करने वाली श्रीदेवी को फिल्म 'जूली' में हीरोइन की छोटी बहन के रूप में पहचाना गया। उस वक्त उनकी उम्र 12 साल थी। इसी तरह उर्मिला भी 'मासूम' से पहचान बनाने में कामयाब रहीं। बॉलिवुड में बच्चों पर फिल्में तो बनी हैं, लेकिन ऐसी फिल्मों को उंगलियों पर गिना जा सकता है, जिन्होंने वाकई बच्चों के दिलोदिमाग पर असर छोड़ा। जाहिर है, बॉलिवुड के निर्माता-निर्देशकों के पास इस दिशा में सार्थक करने को अभी काफी कुछ है।


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विजेन्द्र को हॉलिवुड का ऑफर

हॉलिवुड स्टार सिल्वेस्टर स्टैलन अपने ओलिंपिअन बॉक्सर विजेन्द्र कुमार से इतने प्रभावित हैं कि उन्होंने उन्हें अपने हिट शो में हिस्सा लेने का ऑफर दिया है। स्टैलन 'द कन्टेंडर' शो के को-प्रड्यूसर हैं। सिल्वेस्टर स्टैलन ने विजेन्द्र को इस शो में भाग लेने को कहा है। इस ऑफर से विजेन्द्र गदगद हैं। वह कहते हैं, 'मैं सिल्वेस्टर स्टैलन का बहुत बड़ा फैन हूं। मैंने उनकी हर फिल्म देखी है, खासकर रॉकी सीरीज़ वाली, जिसमें वह बॉक्सर बने हैं।' स्टैलन के इस रिऐलिटी शो में 16 पेशेवर बॉक्सर एक ट्रेनिंग कैंप में भाग लेते हैं और चैंपियन बनने की प्रतियोगिता करते हैं। इस शो में भाग लेने के बारे में विजेन्द्र कहते हैं, 'मैंने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया है। फिलहाल अपने देश के लिए खेलना मेरी प्राथमिकता है।'


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मधुशाला के खिलाफ फतवा


हरिवंश राय बच्चन की अमर रचना 'मधुशाला' अब कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं के निशाने पर है। इन धर्मगुरुओं ने मधुशाला को इस्लाम विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि मधुशाला की कुछ पंक्तियां मस्जिद की बेइज्जती करती हैं।

उन्होंने कहा कि मस्जिद की तुलना मधुशाला से की गई है, जो बेहद आपत्तिजनक है। वहीं मस्जिद को विधवा और मधुशाला को सदा-सुहागिन बताए जाने पर भी फिरंगी महली को सख्त ऐतराज है। मधुशाला की जिन पंक्तियों पर उन्हें ऐतराज हैं, वे हैं:

'शेख , कहां तुलना हो सकती मस्जिद की मदिरालय से,
चिर विधवा है मस्जिद तेरी , सदा सुहागिन मधुशाला।
बजी नफ़ीरी और नमाज़ी भूल गया अल्लाताला ,
गाज गिरी , पर ध्यान सुरा में मग्न रहा पीनेवाला।
शेख , बुरा मत मानो इसको , साफ़ कहूं तो मस्जिद को,
अभी युगों तक सिखलाएगी ध्यान लगाना मधुशाला।

हालांकि, मधुशाला में कई जगह हिंदू मुस्लिम एकता और गंगा-जमुनी तहजीब का भी जिक्र है, मसलन : ' मुसलमान औ ' हिन्दू है दो , एक , मगर , उनका प्याला,
एक , मगर , उनका मदिरालय , एक , मगर , उनकी हाला।
या फिर
दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मन्दिर में जाते ,
बैर बढ़ाते मस्जिद मन्दिर मेल कराती मधुशाला !
कुछ धर्मगुरुओं के विरोध के उलट अदब और साहित्य के जानकार इस विरोध को बेबुनियाद बताते हैं। उनका कहना है कि साहित्यिक रचनाओं को इस तरह के विवाद से दूर रखा जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर वे गालिब के शेर का जिक्र करते हैं जिसमें कहा गया है-
जाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर,
या वो जगह बता जहां पर खुदा न हो।


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लंबू क्रिकेटरों के लिए खास पलंग


इंदौरः भारत और इंग्लैंड के बीच अगले सोमवार को खेले जाने वाले वन-डे मुकाबले के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। खास इसलिए क्योंकि दोनों टीमों में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनकी लंबाई औसत से अधिक है। यही कारण है कि उनके लिए खास पलंग तैयार कराए जा रहे हैं। उषा राजे क्रिकेट स्टेडियम में 17 नवंबर को होने वाले इस मुकाबले के लिए टीमों को फाइव स्टार होटल फॉर्च्यून लैंडमार्क में ठहराया जाएगा। होटल में टीमों के स्वागत के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। होटल के स्थानीय डाइरेक्टर आर.के. गुप्ता ने बताया कि दोनों टीमों में भारत के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा, इंग्लैंड के कैप्टन केविन पीटरसन, ऑलराउंडर खिलाड़ी एंड्रू फ्लिंटॉफ, तेज गेंदबाज स्टीव हर्मिसन, रेयान साइडबॉटम, जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और ल्यूक राइट की लंबाई औसत से कहीं ज्यादा है। गुप्ता के मुताबिक उनके होटल में उपलब्ध पलंग की लंबाई छह फीट है। लिहाजा ये पलंग इन खिलाड़ियों के लिए सुविधाजनक नहीं रहेंगे। इसलिए इनके लिए होटल मैनिजमंट खास पलंग बनवा रहा है। इन खिलाड़ियों की लंबाई छह से छह फीट चार इंच तक है। लिहाजा इसी लंबाई के पलंग बनाए जा रहे हैं।


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Thursday, November 13, 2008

ज़मीन पर कितना पानी?

ये तो आप जानते ही हैं कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है. 1.6 प्रतिशत पानी ज़मीन के नीचे है और 0.001 प्रतिशत वाष्प और बादलों के रूप में है. पृथ्वी की सतह पर जो पानी है उसमें से 97 प्रतिशत सागरों और महासागरों में है जो नमकीन है और पीने के काम नहीं आ सकता. केवल तीन प्रतिशत पानी पीने योग्य है जिसमें से 2.4 प्रतिशत ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है और केवल 0.6 प्रतिशत पानी नदियों, झीलों और तालाबों में है जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है. एक अनुमान के अनुसार पृथ्वी पर कुल 32 करोड़ 60 लाख खरब गैलन पानी है. और एक रोचक बात ये भी है कि ये मात्रा घटती बढ़ती नहीं है. सागरों का पानी वाष्प बनकर उड़ता है, बादल बनकर बरसता है और फिर सागरों में जा समाता है. और ये चक्र चलता रहता है.


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सूर्य की पहली किरण

पहाड़ों पर ज़मीन की अपेक्षा ठंड इसलिए रहती है क्योंकि पहाड़ों पर हवा का दबाव कम होता है. जब सूर्य की किरणें वायुमंडल से होती हुई धरती पर पड़ती हैं तो वहाँ मौजूद हवा उनकी गर्माहट को जज़्ब कर लेती है. लेकिन जैसे-जैसे हवा ऊपर की ओर उठती है तो फैलती जाती है और हल्की हो जाती है इसलिए उसकी गर्माहट भी कम होती जाती है. धरती की सतह के पास की हवा सबसे गर्म होती है. हर 1000 फ़िट की ऊँचाई पर तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस गिर जाता है. पहाड़ जितना ऊँचा होगा तापमान उतना ही कम होता जाएगा. इसीलिए पर्वत शिखरों पर प्राय बर्फ़ जमी रहती है. वहाँ बर्फ़ जमे रहने का एक कारण ये भी है कि बर्फ़ आइने की तरह काम करती है और सूर्य की रौशनी को परावर्तित कर देती है.


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बिग बैंग थ्यौरी क्या है?

बिग बैंग या ज़ोरदार धमाका, ब्रह्मांड की रचना का एक वैज्ञानिक सिद्धांत है. यह इस सवाल का जवाब देने की कोशिश करता है कि यह ब्रह्मांड कब और कैसे बना. इस सिद्धांत के अनुसार, कोई 15 अरब वर्ष पहले समस्त भौतिक तत्व और ऊर्जा एक बिंदु में सिमटी हुई थी. इससे पहले क्या था, यह कोई नहीं जानता. फिर इस बिंदू ने फैलना शुरू किया. बिग बैंग, बम विस्फोट जैसा विस्फोट नहीं था बल्कि इसमें, प्रारंभिक ब्रह्मांड के कण, समूचे अंतरिक्ष में फैल गए और एक दूसरे से दूर भागने लगे. इस सिद्धांत का श्रेय ऐडविन हबल नामक वैज्ञानिक को जाता है जिन्होंने कहा था कि ब्रह्मांड का निरंतर विस्तार हो रहा है. जिसका मतलब ये हुआ कि ब्रह्मांड कभी सघन रहा होगा


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नासा के मंगल मिशन का अंत

अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि मंगल ग्रह की ज़मीन पर उतरे उसके मानवरहित मिशन फ़ीनिक्स का अंत हो गया है. फ़ीनिक्स एक मानव रहित यान था. नासा अपने इस मिशन के ज़रिए मंगल पर जीवन की संभावना के बारे में जानने का प्रयास कर रहा था.
नासा के इंजीनियरों ने कहा कि इस अंतरिक्ष यान ने पिछले दो नवंबर के बाद से कोई सूचना नहीं भेजी है जब इसका संपर्क कुछ देर के लिए पृथ्वी के साथ हुआ था. उनका कहना है कि मंगल ग्रह की ज़मीन पर बदलते मौसम से इस यान के पैनलों की सौर ऊर्जा से प्रचालित होने और बैटरी रीचार्ज करने की क्षमता कम हो गई है.
सफल मिशन
विश्वेषकों का मानना है कि इस मिशन के अंत होने की संभावना थी ही और इसे एक सफल मिशन माना जाना चाहिए क्योंकि यह लगभग छह महीनों तक चला जो उम्मीद से दोगुना समय है. इस मिशन की अवधि मात्र तीन महीने की थी जबकि यह छह महीने तक जानकारी भेजने में सफल रहा और इस बीच इसने मंगल ग्रह पर पानी और बर्फ़ के होने का पता लगाया. इस साल 25 मई को मंगल ग्रह पर उतरा अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यान फ़ीनिक्स पिछले कुछ समय से बढ़ती सर्दी में ठंड और अंधेरे से जूझ रहा था. नासा का कहना है कि वे लगातार इस यान के साथ संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब उन्हें उम्मीद नहीं है कि यह संपर्क हो पाएगा.
समाप्ति की घोषणा
फ़ीनिक्स मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर बैरी गोल्डस्टीन ने केलीफ़ोर्निया में कहा, "हम इस बिंदु पर आकर दरअसल इस अभियान को विश्राम देते हुए इसकी समाप्ति की घोषणा कर रहे हैं." पृथ्वी से अगस्त 2007 में प्रक्षेपित किया गया यह यान फ़ीनिक्स मंगल ग्रह पर 25 मई को पहुँचा था और मंगल के उत्तरी हिस्से पर उतरा था.
अंतरिक्ष यान फ़ीनिक्स मंगल के उत्तरी ध्रुव की भू-रसायन और वातावरण के अध्ययन के लिए अपने साथ कई उपकरण लेकर गया था. इसका मौसम केंद्र यान के आसपास के तापामान, दबाव और हवा की निगरानी करता रहता था. 1971 के बाद से अब तक मंगल पर इस तरह से 11 बार किसी यान को उतारने की कोशिश की जा चुकी है. लेकिन सिर्फ़ पाँच बार ही इसमें कामयाबी मिली है.


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Tuesday, November 11, 2008

Shandar












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Sourav Ganguly

























































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गांगुली के कैरियर का घटनाक्रम



  • जनवरी 1992 - वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिसबेन में एक दिवसीय क्रिकेट में पदार्पण। तीन रन बनाकर आउट और टीम से बाहर।

  • जून 1996 - इंग्लैंड के खिलाफ ला‌र्ड्स में पदार्पण टेस्ट में ही शतक जमाया। ट्रेंट ब्रिज में अगले टेस्ट मैच में भी शतक जमाया।

  • अगस्त 1997 - कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ एक दिवसीय मैचों में अपना पहला शतक जमाया।

  • सितंबर 1997 - पाकिस्तान के खिलाफ सहारा कप में भारत की 4-1 से जीत में सर्वाधिक रन बनाने और विकेट लेने वाले खिलाड़ी। गांगुली ने 55.5 की औसत से 222 रन और 10.66 की औसत से 15 विकेट लिए। उन्हें चार मैच में मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।

  • नवंबर-दिसंबर 1997 - श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की घरेलू सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज। उन्होंने 98.00 की औसत से 392 रन बनाए।

  • मई 1999 - श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप मैच में टांटन में 183 रन बनाए जो उस समय एक दिवसीय मैचों में किसी भारतीय का सर्वाधिक स्कोर था।

  • सितंबर 1999 - सचिन तेंदुलकर के चोटिल होने के कारण हटने से सिंगापुर चैलेंज में पहली बार एक दिवसीय मैचों में भारत की कप्तानी की।

  • फरवरी 2000 - लंकाशर से जुड़े।

  • फरवरी 2000 - तेंदुलकर के कप्तानी पद से इस्तीफे के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज के लिए कप्तान नियुक्त।

  • मार्च 2001 - भारत को आस्ट्रेलिया पर अपनी सरजमीं में 2-1 से ऐतिहासिक जीत दिलाई।

  • नवंबर 2001 - गांगुली और पांच अन्य भारतीयों को पोर्ट एलिजाबेथ टेस्ट के दौरान मैच रेफरी माइक डेनेस ने अधिक अपील करने के लिए आगाह किया। एक टेस्ट मैच और पांच एक दिवसीय मैचों का निलंबित प्रतिबंध लगाया।

  • जुलाई 2002 - भारत की नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में जीत के बाद ला‌र्ड्स की बालकनी में शर्ट निकालकर लहराई।

  • मार्च 2003 - भारतीय टीम को विश्व कप फाइनल तक पहुंचाया।

  • अप्रैल 2004 - पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बने। इसके साथ ही 15 टेस्ट जीत के साथ भारत के सबसे सफल कप्तान बने।

  • अक्टूबर 2004 - भारत ने 35 साल बाद आस्ट्रेलिया से घरेलू सीरीज गंवाई।

  • मार्च 2005 - पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज ड्रा करवाई।

  • अप्रैल 2005 - पाकिस्तान के खिलाफ एक दिवसीय सीरीज के दौरान धीमी ओवर गति के लिए छह मैच का प्रतिबंध। भारत सीरीज 2-4 से हारा।

  • सितंबर 2005 - जिम्बाब्वे में खुलासा किया कि कोच ग्रेग चैपल ने उनसे कप्तानी छोड़ने के लिए कहा था।

  • नवंबर 2005 - टेस्ट कप्तानी के पांच साल के कार्यकाल का अंत। राहुल द्रविड़ नए कप्तान बने।

  • जनवरी 2006 - पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए चुने गए।

  • दिसंबर 2006 - दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में वापसी। सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज।

  • जनवरी 2006 - एक दिवसीय मैचों में वापसी। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मैच में ही 98 रन बनाए।

  • जुलाई-अगस्त 2007 - इंग्लैंड के खिलाफ भारत की जीत में 49.80 की औसत से 249 रन

  • नवंबर-दिसंबर 2007 - पाकिस्तान के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में सर्वाधिक 534 रन बनाए। मैन ऑफ द सीरीज बने। पहली बार अपने घरेलू मैदान ईडन गार्डस पर शतक जड़ा। बेंगलूर में अगले मैच में पहला दोहरा शतक बनाया।

  • दिसंबर 2007 से जनवरी 2008 - आस्ट्रेलिया के खिलाफ मिश्रित सफलता। दो अर्धशतक 29.37 की औसत से रन बनाए। एक दिवसीय टीम से बाहर।

  • अक्टूबर 2008 - आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद संन्यास लेने की घोषणा की।

  • दस नवंबर 2008 - आस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में अपने कैरियर का अंतिम टेस्ट मैच में खेला। भारत इस मैच को 172 रन से जीता और आठ साल के बाद बोर्डर-गावस्कर ट्राफी पर कब्जा जमाया।


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10 ka dam

भारत ने गांगुली की कप्तानी में ही विदेशों में जीत दर्ज करना शुरू किया था। उनकी कप्तानी में भारत ने जो 21 मैच जीते थे उसमें से 11 मैच विदेश और दस मैच भारतीय सरजमीं पर जीते गए। यदि दस तारीख की बात की जाए तो यह भी संयोग है कि गांगुली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना जो पहला टेस्ट मैच खेला था वह दस तारीख (दस अक्टूबर 1996) को शुरू हुआ था। दिल्ली में खेला गया यह मैच भारत ने सात विकेट से जीता था। वह मैच भी दस तारीख (दस दिसंबर 2005 बनाम श्रीलंका) को ही दिल्ली में शुरू हुआ था जिसके बाद गांगुली को टीम से बाहर कर दिया था। यही नहीं गांगुली ने 2002 में एंटीगा में वेस्टइंडीज के खिलाफ जब सभी 11 खिलाड़ियों से बोलिंग करवाई थी तब भी मैच दस तारीख (दस दिसंबर) को शुरू हुआ था।


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जिस दिन संभाली कप्तानी, उसी दिन आखिरी सलाम


वह दस नवंबर 2000 का दिन जब सौरभ गांगुली पहली बार भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर टॉस के लिए मैदान में उतरे थे और इसके ठीक आठ साल बाद दस नवंबर 2008 को ' दादा' ने अपने प्रिय खेल क्रिकेट को अलविदा कहा। भारत ने जब ऑस्ट्रेलिया को नागपुर में 172 रन से हराकर सीरीज जीती तो कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी नहीं बल्कि गांगुली ही कर रहे थे।

इस तरह से दस नवंबर को शुरू हुए भारतीय कप्तानी के गोल्डन पीरियड का अंत भी दस नवंबर को ही हुआ। भारत में कप्तानी को लेकर 1932 से ही उठापटक चलती रही जब देश ने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लिया था लेकिन कुछ ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने इस पद की इज्जत बढ़ाई और लंबे समय तक इस पर बने रहे। इन खिलाड़ियों की सूची में गांगुली टॉप पर काबिज हैं।

गांगुली ने भारत की तरफ से सर्वाधिक 49 मैचों में कप्तानी की, जिसमें से 21 में उन्होंने टीम को जीत दिलाई जो भारतीय रेकॉर्ड है। गांगुली ने ऐसे समय में टीम की कमान संभाली थी जब भारत मैच फिक्सिंग के संकट से जूझ रहा था और उस समय के सबसे सफल कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन इसके जाल में फंसे हुए थे। सचिन तेंडुलकर जैसे महान बल्लेबाज ने भी जब कप्तानी छोड़ दी तो गांगुली को यह जिम्मा संभाला गया। भारत ने गांगुली की अगुवाई में पहली बार बांग्लादेश का दौरा किया और वह दस नवंबर 2000 का दिन था जब बाएं हाथ का यह बल्लेबाज पहली बार टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के तौर पर मैदान पर उतरा था। भारत ने यह मैच नौ विकेट से जीता था।


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महाराज बनकर रहे गांगुली


अपने पहले इंटरनैशनल दौरे में ही दुनिया भर की नज़रों में हठी और घमंडी बनने वाले सौरव गांगुली अपनी इच्छाशक्ति से देश के सबसे कामयाब कप्तान बने। उन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों में वापसी का जज्बा दिखाकर दुनिया भर के क्रिकेटरों और खेल प्रेमियों को अपना कायल बना दिया। उन्होंने इंडियन क्रिकेटर के अंदर जीत का जज्बा भरा।

गांगुली यानी महाराज को कुछ ने भले ही नकारात्मक रूप में पेश करने की कोशिश की हो , लेकिन बाएं हाथ का बल्लेबाज़ वास्तव में क्रिकेट का महाराज बनकर रहा। गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को उस मुकाम पर पहुंचाया जिसकी पहले सिर्फ कल्पना की जाती थी। उन्हें लेकर कई सवाल उठते रहे लेकिन कोई इस बात को नहीं नकार सकता कि वह भारत के सबसे सफल कप्तान हैं। भारत को दूसरी टीमों में आतंक पैदा करने वाली टीम उन्होंने ने ही बनाया। वनडे क्रिकेट के वह ऑल टाइम ग्रेट्स में हमेशा शामिल रहेंगे।

गांगुली का करियरः गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैच की 188 पारियों में 42 .17 की औसत से 7212 रन बनाए , जिसमें 16 सेंचुरी और 35 हाफ सेंचुरी शामिल हैं। इसके अलावा 311 वनडे मैचों की 300 पारियों में उन्होंने 41.02 की औसत से 11, 663 रन बनाए , जिसमें 22 सेंचुरी और 72 हाफ सेंचुरी शामिल हैं।

गांगुली को 1992 में आस्ट्रेलियाई दौरे पर गई भारतीय टीम में जगह दी गई थी , जहां उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिस्बेन में 11 जनवरी को अपना पहला वनडे मैच खेला। लेकिन 12 वें बल्लेबाज की भूमिका निभाने से इन्कार करने के कारण उन पर हठी होने के आरोप लगे और अगले चार साल तक यह सितारा घरेलू क्रिकेट में खो गया। यह वह दौर था जब यह खिलाड़ी लोगों के लिए भले ही गुमनामी के अंधेरे में खो गया लेकिन वास्तव में वह जोरदार वापसी की तैयारियों में जुटा था। इसी के बाद क्रिकेट जगत पहली बार गांगुली के जज्बे और इच्छाशक्ति से रूबरू हुआ। उन्होंने लॉर्ड्स में पहला टेस्ट मैच खेला। महान अंपायर डिकी बर्ड जब अपने अंतिम टेस्ट मैच के लिए उतर रहे थे तब दो दिग्गज बल्लेबाज़ गांगुली और राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में डेबू किया। बाद में द्रविड़ ने गांगुली के बारे में कहा था , ' यह ऑफ साइड का जबर्दस्त खिलाड़ी है। इसे ऑफ साइड का भगवान कह सकते हैं। ' गांगुली ने इस मैच में 131 रन बनाए , जो लॉर्ड्स में टेस्ट में डेबू करनेवाले किसी भी क्रिकेटर का उच्चतम स्कोर है।


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Monday, November 10, 2008

Be Indian



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आओ, गिरफ्तार कर लो मुझे


मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का पक्ष लेने पर कांग्रेस सांसद गुरुदास कामत की उन्हें गिरफ्तार करने की मांग पर ठाकरे ने कहा है कि वह गिरफ्तार होने को तैयार हैं। ठाकरे ने शिवसेना मुखपत्र में अपने संपादकीय में कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा, ' कांग्रेसियों पर मुस्लिम तुष्टिकरण का दौरा पड़ता है वे मेरी गिरफ्तारी के सपने देखते हैं। ' गौरतलब है कि एक समारोह में कामत ने मांग की थी कि आतंकवाद के सिलसिले में गिरफ्तार प्रज्ञा का समर्थन करने पर ठाकरे को जेल में डाल देना चाहिए। ठाकरे ने दावा किया कि कामत ने यह मांग की तो उस वक्त देशमुख भी जरूर गए होंगे। ठाकरे ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी का डर नहीं है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें हिंदुस्तान में हिंदुओं की हिमायत करने के लिए गिरफ्तार किया जाएगा या महाराष्ट्र में मराठी गौरव के खतरे को खत्म करने के लिए गिरफ्तार किया जाएगा।


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Aankhen












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नहीं मचाया हंगामा: श्रीसंत


क्रिकेटर एस . श्रीसंत ने इस बात का पुरजोर खंडन किया कि उन्होंने शुक्रवार को यहां एक अपार्टमंट में अपने दोस्तों की एक पार्टी में जमकर हंगामा मचाया था। क्रिकेट में अपनी तेज गेंदों और तुनकमिजाजी के लिए मशहूर श्रीसंत ने कहा कि कुछ लोग हमेशा मुझे बदनाम करने की कोशिश करते हैं।

इस बीच, बेंगलुरु पुलिस ने पड़ोसियों की शिकायत के बाद श्रीसंत को चेतावनी दी है। बताया जाता है कि होसुर रोड के एक अपार्टमंट में देर रात तक चली इस पार्टी में श्रीशांत के साथ कुछ लड़कियां भी मौजूद थीं। अपार्टमंट के निवासियों ने पुलिस को लिखाई अपनी शिकायत में कहा कि श्रीसंत ने उनके साथ ग़लत बर्ताव किया। पुलिस के मुताबिक एल्गिन अपार्टमंट के निवासियों ने अपनी शिकायत में कहा है कि क्रिकेटर श्रीसंत द्वारा किराए पर लिए गए फ्लैट से रात में जोर-जोर से आवाज़ आ रही थी, जिससे यहां रहने वाले लोग चैन से नहीं सो सके।

डीसीपी जी. रमेश ने कहा कि हमने श्रीसंत को चेतावनी दे दी है और उनसे कहा है कि आगे इस तरह की कोई घटना नहीं होनी चाहिए। श्रीसंत ने इस पूरे मामले पर कहा कि यह छोटा समारोह था, जिसमें मेरे करीबी 10-15 दोस्त शामिल हुए। पार्टी रात करीब 11:45 तक चली। उसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं। श्रीसंत के मुताबिक उन्हें पूरे मामले की जानकारी सुबह अख़बारों के जरिए हुई।

श्रीसंत ने पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि इस सिलसिले में मुझसे कोई पूछने नहीं आया। मुझे नहीं मालूम कि मेरा नाम इस मामले में कैसे आ गया? श्रीसंत और उनके परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया कि उनके मेहमान होम थियेटर सिस्टम पर फिल्म देख रहे थे, जिसकी वजह शोर हुआ होगा। श्रीसंत के परिवारवालों के मुताबिक श्रीसंत के कुछ दोस्त छत पर चले गए और वहां दीवार का सहारा लेकर फोटो खिंचवाने लगे। दीवार कमजोर थी, इस वजह से वह ढह गई। इस दौरान उनका एक मेहमान ज़ख़्मी भी हो गया, जिसे बाद में हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा।


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175 साल से फैसले की बाट जोहता एक केस

भारतीय न्याय प्रणाली के पहिये धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, पर कभी-कभार ऐसा भी होता है कि वह आगे बढ़ ही नही पाते। बंगाल के एक शाही परिवार की संपत्ति का मामला भी एक ऐसा ही केस है, जो पिछले 175 साल से फैसले की बाट जोह रहा है। यह केस फिलहाल कलकत्ता हाई कोर्ट में पेंडिंग है। पिछले 175 साल से लंबित पड़े इस मामले को देश का सबसे लंबा खिंचने वाला केस माना जा रहा है।
जिस संपत्ति को लेकर विवाद है, वह असल में राजा राजकृष्ण देव की है। राजा बंगाल के शोवा बाजार शाही परिवार के 18वीं सदी के जमींदार थे। अब राजा की संपत्ति पर उनके वारिस, जो कि करीब दो सौ की संख्या में हैं, अपना हक मांग रहे हैं। संपत्ति के दावेदार ही नहीं, संपत्ति का लेखा-जोखा भी काफी लंबा-चौड़ा है। उत्तरी कोलकाता में राजा के नाम पर सात बंगले हैं। जबकि करीब एक लाख एकड़ जमीन तो अब बांग्लादेश में है। पश्चिम बंगाल के कम से कम तीन जिलों में ज़मीन के बड़े हिस्से और सुतनती गांव का आधा इलाका भी राजा के नाम पर है।
मॉडर्न कोलकाता जिन तीन गांवों से मिलकर बनता है, उनमें से एक सुतनती है। पर यह सब अब भी अदालत द्वारा नियुक्त रिसीवर के हाथ में है। राजा के एक वंशज ने बताया कि हम सिर्फ नाम के ही राजा हैं। हमारे पास न तो मंदिरों के रखरखाव के लिए पैसा है और न ही पूजा के लिए। ध्यान हो कि शोवा बाजार की दुर्गा पूजा कोलकाता में अपने आप में एक संस्थान की तरह है। संपत्ति को लेकर विवाद 1823 में राजा की मृत्यु के साथ शुरू हुआ। वह अपने सात बेटों को जमीन बांट गए थे। पर बेटों ने जमीन को अपने ऐशोआराम पर खर्च के लिए बेचना शुरू कर दिया। पहली बार मामला अदालत में 1833 में आया, जब राजा के एक एग्जेक्युटिव ने संपत्ति की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की। 22 साल तक सुनवाई के बाद अदालत ने एक ब्रिटिश वकील को संपत्ति के रखरखाव के लिए नियुक्त किया और तब से मामला खिंचता ही चला आ रहा है।


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Sunday, November 9, 2008

दिल्ली मैराथन में इथियोपिया का दबदबा

नई दिल्ली। इथियोपिया के देरीबा मेरगा ने एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन की पुरुष दौड़ जीती। यह दौड़ उन्होंने 59.14 मिनट में पूरी कर एक नया रिकार्ड बनाया। महिला दौड़ में भी इथियोपिया की ही एसेलेफेक मेरगिया ने इस प्रतिस्पर्धा में अपना झंडा गाड़ा। उन्होंने 68.16 मिनट में यह दौड़ पूरी की।
दिल्ली के उप राज्यपाल तेजेंद्र खन्ना ने आज हरी झंडी दिखाकर चौथी एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन की यहां शुरुआत की। 21 लाख अमेरिकी डालर की इनामी राशि वाली इस स्पर्धा में लगभग 25 हजार लोगों ने भाग लिया।
केंद्रीय सचिवालय स्थित विनय मार्ग से प्रात: साढे़ सात बजे हाफ मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जिसमें 21 किलोमीटर की दूरी तय की गई। अवसर पर अन्य गणमान्य लोगों सहित ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया के सचिव ललित भनोत भी उपस्थित थे।
हाफ मैराथन सहित कुल चार घंटे के इस आयोजन में छह किलोमीटर लंबी ग्रेट दिल्ली दौड़ वरिष्ठ नागरिकों के लिए चार किलोमीटर की दौड़ तथा व्हील चेयर वाली ढाई किलोमीटर की दौड़ भी शामिल थी। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण ग्रेट दिल्ली दौड़ थी, जिसमें कई सेलिब्रिटीज सहित 15 हजार लोगों ने भाग लिया।


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Some interesting facts about Allahabad

  • World's first official air mail was sent from Allahabad on Saturday, 18 February 1911
  • Charles Canning, 1st Earl Canning made the famous declaration in 1858 when East India Company officially handed over control of India to the British Raj. It happened in a park known as Minto Park or Madan Mohan Malviya Park
  • On June 12, 1975, Justice Jagmohan Sinha of the Allahabad High Court determined and wrote his opinion on the inappropriateness of the election of Indira Gandhi from the Raibareli constituency, thereby requiring Indira Gandhi to step down from the prime ministership (Case: Raj Narain vs. Indira Gandhi). This resulted in Indira Gandhi imposing national emergency on June 26, 1975 and imprisoning most of the political opposition in the country.
  • India's first jet plane took its flight from Allahabad
  • In January 2007, more than 70 million Hindu pilgrims from around the world gathered at Allahabad for the Kumbh Mela, the world's largest religious festival and also the world's largest gathering.


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Notable people from Allahabad

  • Madan Mohan Malaviya (Freedom fighter)
  • Motilal Nehru (advocate and politician)
  • Jawaharlal Nehru (politician and Prime Minister)
  • Indira Gandhi (Prime Minister)
  • G.R.Sharma (eminent Historian)
  • Murli Manohar Joshi (politician)
  • Harivansh Rai Bachchan (poet)
  • Suryakant Tripathi 'Nirala' (Hindi poet)
  • Mahadevi Varma (poet and writer)
  • Firaq Gorakhpuri (Urdu poet)
  • Amitabh Bachchan (film actor)
  • Dhyan Chand (hockey player)
  • Mohammad Kaif (cricket player)
  • Maharishi Mahesh Yogi (spiritual leader)
  • Ravindra Khattree (academic statistician)
  • Purushottam Das Tandon (politician and freedom fighter)


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Education in Allahabad

  • Allahabad has renowned universities, institutes and colleges that are famous not only in India but also abroad.Allahabad is a hub of students coming from all over India to seek knowledge at the prestigious:
  • Allahabad University has been granted Central University status and is often called the "Oxford of the East".
  • Motilal Nehru National Institute of Technology (MNNIT) Allahabad, one of the twenty National Institutes of Technology (NIT) is an Institute of National Importance of India. It is consistently rated among the most premier technology schools of India.
  • Allahabad Agricultural Institute is the oldest such institute in South Asia. It has produced a number of scientists, agricultural engineers and professionals working in India and abroad.
    Harish-Chandra Research Institute is a very famous research institute.
  • Indian Institute of Information Technology, Allahabad (IIIT-A) is a famous and well known institute started by Ministry of Human Resource Development (Government of India) to provide an outstanding and highly rated educational experience with state-of-the-art infrastructure. IIIT-A is also a rated among top 20 Engineering Schools in India.
  • Birla Institute of Technology has an extension center in Allahabad. BIT Mesra is considered as a premier engineering college of India.
  • Boys High School situated here is the fourth best school in India


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Allahabad Transportation


Air
Allahabad is served by the Allahabad Airport (Bamrauli Air Force Base) (IXD) and is linked to Delhi and Kolkata (Calcutta) by JetLite and Air India Regional. Other larger airports in the vicinity are at Varanasi (Varanasi Airport 147 km (91 mi)) and Lucknow (Amausi International Airport 210 km (130 mi)).

Road
National Highway 2 runs through the center of the city. Allahabad is located in between Delhi and Kolkata on this highway. Another highway that links Allahabad is National Highway 27 that is 93 km (58 mi) long and starts at Allahabad and ends at Mangawan in Madhya Pradesh connecting to National Highway 7. There are other highways that link Allahabad to all parts of the country. Allahabad also has three bus stations catering to different routes - at Zero Road, Leader Road and Civil Lines. Golden Quadrilateral highway also passes through it. A new expressway- Ganga Expressway is also proposed to pass through Allahabad.
Tourist taxis, auto rickshaws (or tempos) are available for local transport. There is also a local bus service that connects various parts of the city. But the most convenient method of local transport is the cycle rickshaw. Rates are not fixed and one needs to bargain.
Train
Served by Indian Railways, Allahabad is the headquarters of the North Central Railway Zone, and is well connected by trains with all major cities, namely, Kolkata , Delhi, Mumbai (Bombay), Chennai (Madras), Hyderabad, Lucknow, Patna, Bangalore and Jaipur. Allahabad has the following railway stations with in the city limits: Prayag , Allahabad City (Rambagh), Daraganj, Allahabad Junction, Naini Jn, Prayag Ghat, Subedar Ganj & Bamrauli.


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Allahabad at a glance



Allahabad district is located at the confluence of Ganges, Yamuna and Saraswati, popularly known as Triveni Sangam. The district is famous for its rich cultural heritage and religious importance. There are a number of small and large-scale industries in Allahabad district that play a vital role in the economy of the district. To name a few popular industries of the district are Triveni Sheet Glass Ltd Naini, ITI Naini, Raymond Synthetics Karchana, Hindustan Cable Ltd Naini, IFFCO Phulpur, and GEEP Industries. The renowned institutions like Harish Chandra Mehta Atomic Research Center and Civil Aviation Training Center are also established here.
Allahabad is also famous for producing prime ministers of India in some form or another. Jawaharlal Nehru, Lal Bahadur Shastri, Indira Gandhi, Rajiv Gandhi, Gulzarilal Nanda, Vishwanath Pratap Singh and Chandra Shekhar were all either born in Allahabad, are alumni of Allahabad University or elected from a constituency in Allahabad. In total, Allahabad has produced 7 out of 14 Prime Ministers of India.culturally rich district of Allahabad is a favorite destination for pilgrims.

Millions of pilgrims come to visit the Kumbh Mela of Allahabad which is held after a gap of twelve years. Other tourist attractions are:

  • Allahabad Fort
  • Hanuman Mandir
  • Ashoka Pillar
  • Alope Devi Mandir
  • Nagvasuki Temple
  • Patalpuri
  • Swaraj
  • Akshaya Vat


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The second Yamuna Bridge (ALLAHABAD)



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चंद्रयान चांद की कक्षा में दाखिल

चंद्रमा के रहस्य सुलझाने के लिए गया भारत का चंद्रयान लॉन्चिंग के बाद शनिवार को अपने सबसे महत्वपूर्ण चरण के तहत चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। कक्षा में यान के प्रवेश की प्रक्रिया शाम पांच बजे शुरू हुई। इस अभियान के पूरा होने के बाद यान चंद्रमा की दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में पहुंच जाएगा। चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के साथ ही चंद्रयान चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के दायरे में पहुंच गया। चंद्रयान 22 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा स्थित एक स्पेस पोर्ट से लॉन्च किया गया था।


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चंद्रयान चांद की कक्षा में दाखिल

चंद्रमा के रहस्य सुलझाने के लिए गया भारत का चंद्रयान लॉन्चिंग के बाद शनिवार को अपने सबसे महत्वपूर्ण चरण के तहत चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। कक्षा में यान के प्रवेश की प्रक्रिया शाम पांच बजे शुरू हुई। इस अभियान के पूरा होने के बाद यान चंद्रमा की दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में पहुंच जाएगा। चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के साथ ही चंद्रयान चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के दायरे में पहुंच गया। चंद्रयान 22 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा स्थित एक स्पेस पोर्ट से लॉन्च किया गया था।


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बेबो नंबर वन




आखिरकार लंबे इंतजार के बाद करीना का बॉलिवुड की क्वीन बनने का सपना पूरा हो गया। एक जाने-माने ट्रेड एनालिस्ट कहते हैं, 'करीना की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में रिलीस हुई 'गोलमाल रिर्टन्स' को बेहतरीन ओपनिंग मिलने क्रेडिट भी करीना को ही जाता है।


प्रड्यूसर ने करीना को सभी प्रोमोज और प्रमोशनल ऐड में फिल्म के सेंट्रल अट्रेक्शन के तौर पर इस्तेमाल किया है। यही वजह है कि फाइनैंशल क्राइसिस के बावजूद करीना के फैंस यह फिल्म देखने के लिए 300 रुपये की टिकट खरीदने को भी तैयार हैं। फिल्म को शुरुआती दो दिनों में 95-100 पर्सेन्ट कलेक्शन मिला है। ऐसा करिश्मा बॉक्स ऑफिस पर 'सिंह इज किंग' के बाद देखने को मिला है। उम्मीद लगाई जा रही है कि 'गोलमाल रिर्टन्स' जल्द ही 'सिंह इज किंग' का रिकॉर्ड तोड़ देगी।' हालांकि इस फिल्म का पूरा क्रेडिट करीना को देने की राय पर इंडस्ट्री एकमत नहीं है।


एक दूसरे ट्रेड एनालिस्ट कहते हैं, 'आप 'गोलमाल रिर्टन्स' की सफलता का सारा क्रेडिट करीना को ही नहीं दे सकते। सबसे पहली बात तो यह है कि यह बहु प्रतीक्षित सीक्वल थी। इसके अलावा दीवाली के समय लोग वैसे भी थियेटरों में ज्यादा जाते हैं।' दूसरी ओर कुछ इस तरह की रिपोर्ट भी आ रही हैं कि लोगों ने करीना की परफॉर्मेन्स को ज्यादा पसंद नहीं किया है। उनमें कहा गया है करीना ने बचकाना कॉमिडी की है।


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Saturday, November 8, 2008

मैं भी शादीशुदा हूं

  • ' डॉक्टर साहब मेरा दिल-दिमाग बिल्कुल जवाब दे चुका है। जरा-सी आहट से ही उछल पड़ता हूं। दरवाजे की घंटी बजते ही दिल धड़कने लगता है। रात को कभी-कभी हड़बड़ा कर उठ बैठता हूं। आखिर मुझे बीमारी क्या है ?' डॉक्टर बोला , ' तुम्हारी और मेरी बीमारी में कोई अंतर नहीं है। मैं भी शादीशुदा हूं।
  • बॉस की बीवी अचानक ऑफिस पहुंच गई। उसने देखा सेक्रटरी बॉस की गोद में है। बॉस बिना घबराए बोला , ' और कान खोल कर सुन लो। बजट की चाहे कितनी ही कमी हो , मैं एक कुर्सी से काम नहीं चला सकता। दूसरी कुर्सी खरीदने का ऑर्डर आज ही दे दो। '
  • एक कवि मंच पर कविता पढ़ते हुए अपनी पैंट को बार-बार खींच कर ऊपर कर लेता। दर्शकों में से एक बोला , ' यह बार-बार आप क्या कर रहे हैं ? बहुत भद्दा लगता है। ' कवि: ' अगर न करूं तो और भी भद्दा लगेगा।
  • एक दुकान में आग लग गई। मित्रों ने दुकानदार से पूछा: ' लगता है , काफी नुकसान हुआ है। ' दुकानदार बड़ी सहजता से बोला: ' नहीं , इस हफ्ते हमने सेल के कारण चीजों के दाम आधे किए हुए थे। अगर आग पिछले हफ्ते लगती तो काफी नुकसान होता। '
  • चूहे ने शेरनी को प्रपोज़ किया। शेरनी बोली : अबे चूहे अपना साइज़ तो देख ? चूहा बोला : अरे मेरी जान , साइज़ पे मत जा , मेरा कॉन्फिडंस देख।


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पुरोहित ने तीन अफसरों के नाम बताए

लेफ्टिनंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित ने पुलिस पूछताछ में मालेगांव धमाकों में कथित की बात कबूल ली है। सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ ने खुफिया सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पुरोहित ही धमाकों का मास्टरमाइंड था और उसी ने विस्फोटों के लिए आरडीएक्स और हथियार मुहैया कराए। पुरोहित पर शक उसकी फोन कॉल डिटेल के कारण हुआ। पुरोहित और धमाकों के सिलसिले में पहले से गिरफ्तार पूर्व सैन्यकर्मी रमेश उपाध्याय के बीच हुए टेक्स्ट मैसिजों का आदान-प्रदान ही पुरोहित की गिरफ्तारी के लिए अहम सबूत बना।
यहां तक कि ब्लास्ट की जांच शुरू होने के बाद पुलिस ने जब पहली बार कुछ लोगों को हिरासत में लिया तो पुरोहित ने उपाध्याय को मेसेज भेजा। मेसेज में लिखा था - द कैट इज आउट ऑफ द बास्किट। बाद में जब इस बात का खुलासा हुआ कि साध्वी प्रज्ञा ने पूछताछ के दौरान अहम खुलासा किया है, पुरोहित ने फिर से उपाध्याय को मेसेज भेजकर कहा कि - सिंह हैज संग। पुरोहित ने उपाध्याय को यहां तक बताया कि उन दोनों पर एटीएस नजर रखे हुए है, इसलिए अपना सिम कार्ड जल्द से जल्द बदल लें। एटीएस सूत्रों के मुताबिक मालेगांव धमाकों के पीछे पुरोहित ही मास्टरमाइंड था। कॉल डिटेल देखने के बाद पुरोहित ने यह बात कबूली। सूत्रों के मुताबिक पुरोहित ने विस्फोट अंजाम देने वालों को आरडीएक्स और हथियार भी सप्लाई किए थे। हालांकि पुरोहित ने यह नहीं बताया कि अभिनव भारत नाम के संगठन के पास हथियार कैसे पहुंच गए। ब्लास्ट केस में गिरफ्तार रमेश उपाध्याय और समीर कुलकर्णी ने भी पुरोहित से दिशानिर्देश मिलने की बात कबूली है।


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क्रिकेट इतिहास का सबसे कुख्यात ओवर

20 मार्च 1990 को क्राइस्ट चर्च में वेलिंगटन और कैन्टरबरी के बीच न्यूजीलैंड की घरेलू प्रतियोगिता शैल ट्रोफी के मैच का आखिरी दिन था। कैन्टरबरी को जीत के लिए 291 रनों की जरूरत थी। वेलिंगटन की घातक गेंदबाजी के आगे कैन्टरबरी की टीम के शुरुआती आठ विकेट फकत 108 रन पर गिर गए थे, लेकिन ली जरमोन और रोजर फोर्ड ने जैसे तैसे समय काटा।
अब सिर्फ दो ओवर बाकी बचे थे। मैच के ड्रॉ होने की पूरी संभावना नजर आ रही थी। उस वक्त स्कोर था 115 पर 8 विकेट। जरमोन 75 रन बनाकर खेल रहे थे। वेलिंगटन के कैप्टन जान मॉरिसन को एक आइडिया सूझा और उन्होंने गेंद रॉबर्ट वान्स को थमा दी।
न्यूजीलैंड की ओर से बतौर बल्लेबाज टेस्ट और वन डे खेल चुके वान्स के करिअर के अंतिम दिन चल रहे थे। उनका क्रिकेट जीवन बहुत साधारण रहा था और अब यह बात तय है कि अगर वान्स को यह ओवर नहीं मिलता, तो शायद उनका नाम इतिहास की गर्द से कब का ढंक चुका होता। मॉरिसन ने वान्स से कहा कि वह बिल्कुल लप्पा गेंद डाले और जितना संभव हो रन पिटाए। इसके पीछे दलील यह थी कि मारने के चक्कर में बल्लेबाज अक्सर विकेट दे बैठते हैं और वेलिंगटन के लिए यह जीत प्रतियोगिता के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होती।
खैर वान्स ने अपने कप्तान की बात को ज्यादा ही अच्छी तरह समझ लिया और क्रिकेट के इतिहास का सबसे कुख्यात ओवर डाला। वान्स ने ओवर में कुल 22 गेंदें डालीं। पहली गेंद नो बाल थी। दूसरी पर जरमोन ने चौका मारा। उसके बाद जानबूझकर अगली 15 गेंदें वान्स ने नो बॉल कीं। वान्स की कमजोर फुलटॉसों के सिलसिले के जवाब में न्यूजीलैंड के टेस्ट विकेटकीपर रहे ली जरमोन ने चौकों और छक्कों की झड़ी लगा दी। ओवर की छठी गेंद पर लगाए एक छक्के के साथ उन्होंने अपना शतक पूरा किया। आलम यह था कि फील्डर गेंद को रोकने में कतई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे जबकि जरमोन ने गेंदों के साथ कत्लेआम मचा रखा था।
ओवर की 22 में से 2 गेंदें दूसरे छोर पर खेल रहे फोर्ड को मिलीं जिन पर उन्होंने 5 रन बनाए। बाकी की गेंदों में जरमोन ने कुल मिला कर 70 रन ठोक डाले। इनमें 8 छक्के और 5 चौके शामिल थे। ध्यान रहे नो बाल पर रन बनने की स्थिति में नो बाल का रन उन दिनों स्कोर में नहीं जोड़ा जाता था। नए नियमों के हिसाब से चलें, तो कुल स्कोर में पंद्रह रन और जुड़ते।
ओवर का विवरण कुछ इस तरह था - 04446646410666401
उधर बेचारे स्कोररों का बुरा हाल था और उनकी कुछ समझ में कुछ नहीं आ रहा था। एकाध बार उन्हें अपने काम में दर्शकों तक की मदद लेनी पड़ी। हतप्रभ अंपायरों के पल्ले भी कुछ ज्यादा नहीं पड़ रहा था। इसी अफरातफरी के बीच आखिरी ओवर शुरू हुआ। स्कोर दोनों टीमों को नहीं मालूम था। लेकिन असल में कैन्टरबरी को जीत के लिए 18 रन रह गए थे। पहली पांच गेंदों में जरमोन ने 17 रन बना डाले। फोर्ड ने अंतिम गेंद पर रक्षात्मक शॉट खेला और मैच टाई पर खत्म हुआ।
खिलाड़ियों को मैच की स्थिति ड्रेसिंग रूम में पहुंचने के बाद साफ हुई। दो ओवर पहले जो टीम मैच को जैसे-तैसे बचाने के प्रयास में लगी हुई थी, वह असल में जीत से सिर्फ एक रन दूर रह गई थी। मैच को याद करते हुए वेलिंगटन के कैप्टन का कहना था कि इस बात का पता चलने के बाद उन्हें कई दिनों तक बुरे सपने आते रहे। 77 रन लुटा देने वाले उस बदनाम ओवर के कारण रॉबर्ट वान्स इतिहास का एक दिलचस्प हिस्सा बन गए।


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