इस्लामाबाद।। लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमले की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों का इस हमले में हाथ हो सकता है। पिछले साल लश्कर के खिलाफ अभियान के बाद ये आतंकवादी भूमिगत हो गए थे। समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि लश्कर के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने अपने बूते कार्रवाई की और हमले को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि मुंबई हमले के बाद लश्कर और जमात-उद-दावा जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के बाद ये आतंकवादी भूमिगत हो गए थे और रावलपिंडी में छिप गए थे। हालांकि अधिकारी लश्कर के आतंकवादियों की संलिप्तता की पुष्टि नहीं कर रहे हैं लेकिन उन्होंने साफ तौर इस हमले में भारतीय खुफिया एजंसी रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ)या लिट्टे की इस हमले में शामिल होने से इनकार किया है क्योंकि इस संबंध में अब तक कोई सबूत नहीं पाए गए हैं। क्रिकेट टीम पर हमले की जांच कर रहे अधिकारियों का मानना है कि हमलावरों को लश्कर के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी के कैम्पों में कमांडो ट्रेनिंग मिली और उनकी कार्यप्रणाली मुंबई हमले में शामिल आतंकवादियों की ही तरह थी। अधिकारियों ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद से भी संपर्क किया है ताकि आतंकवादियों को पकड़ने में वह उनकी मदद कर सकें। सईद फिलहाल लाहौर के जौहर शहर स्थित अपने घर में नजरबंद हैं।
Friday, March 6, 2009
लाहौर हमले में लश्कर का हाथ !
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