Sunday, May 17, 2009

जिनके सिर जूता, उनकी मौजां ही मौजां

यह महज इत्तेफाक या कुछ और भी हो सकता है कि जो राजनेता लोकसभा चुनाव से पहले ' जूता मिसाइल' का शिकार बने, उन सभी ने जीत का स्वाद चखा है। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और उद्योगपति नवीन जिंदल चुनाव जीत गए हैं। इन सभी पर जूते उछाले गए थे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर भी जूता उछाला गया, लेकिन वह इस बार चुनावी मैदान में नहीं थे। वैसे वह एक विजेता के तौर पर उभरे , क्योंकि उनके नेतृत्व में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए ने सत्ता में शानदार वापसी की। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस . येदियुरप्पा पर पिछले महीने हासन में एक चुनावी सभा के दौरान जूता उछाला गया था। उन्होंने अपने पुत्र बी . वाई . राघवेन्द्र के लिए जीत सुनिश्चित की। सिंह , चिदंबरम , आडवाणी और जिंदल उन नेताओं में शामिल रहे जिन पर चुनाव से पहले जूते उछाले गए थे , लेकिन असल में जूते उन्हें छू नहीं पाए थे। प्रधानमंत्री पर भी गुजरात में उनकी पहली चुनावी सभा के दौरान एक स्टूडंट ने जूता उछाला था। पिछले महीने आडवाणी पर एक चुनावी सभा के दौरान एक बीजेपी कार्यकर्ता ने चप्पल उछाली थी। वहीं , नवीन जिंदल पर स्कूल के एक रिटायर्ड टीचर ने जूता फेंका था। इसकी शुरुआत पत्रकार जनरैल सिंह के साथ हुई थी , जिन्होंने चिदंबरम पर 8 अप्रैल को एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान जूता उछाला।

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