Monday, October 27, 2008

बॉयफ्रेंड की तलाश में




अपने कैलिफॉर्निया बेस्ड बॉयफ्रेंड सीन टैगू के साथ 2 साल लंबे अफेअर के बाद सेलीना का ब्रेकअप हो गया था। उसके बाद से सेलीना सिंगल हैं। यही वजह है कि अक्सर उनका नाम को-स्टार्स के साथ जोड़ा जाता है। पिछले दिनों उनका नाम तुषार कपूर के साथ जोड़ा जा रहा था। सेलीना कहती हैं, 'मैं अभी शादी के लिए तैयार नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि लाइफ में ऐसा कोई जरूर होना चाहिए, जिससे हम प्यार कर सकें। मुझे इस बात से कोई इनकार नहीं है कि मैं बॉयफ्रेंड की तलाश में हूं, लेकिन फिलहाल शादी का कोई प्लान नहीं है।' क्या सेलीना अपने पुराने प्यार को मिस करती हैं, 'किसी के प्यार में खो जाना मुझे बेहद पसंद है। हालांकि अब मेरा ब्रेकअप हुए करीब 4 साल होने वाले हैं। इस बीच मैंने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। इसके बावजूद मुझे अभी भी अपनी लाइफ में प्यार का इंतजार है। मुझे नहीं पता कि अब मुझे किस तरह का इंसान मिलेगा, लेकिन मुझे लगता है कि वह मेरे काफी करीब होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि जल्दी ही मुझे प्यार का साथ मिल जाएगा। वैसे प्यार के अलावा मेरी लाइफ में बाकी सब ठीक हो रहा है। मेरा करियर अच्छा चल रहा है। जल्द ही मेरी 7 फिल्में रिलीस होने जा रही हैं।'


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धरती के 2.8 किमी नीचे मिला जीवन

जोहानसबर्ग
धरती के 2.8 किमी नीचे जीवन पाया गया है। पोनेंग गोल्ड माइन क्षेत्र के 1.74 मील नीचे क्षेत्र में छड़ के आकार के बैक्टीरिया पाए गए हैं। अंधेरे व ऑक्सीजन की कमी के बीच इस क्षेत्र में 60 डिग्री का तापमान पाया जाता है। यहाँ पाया गया आडेक्सीवेटर नामक जीव सूर्य की रोशनी के बजाय रेडियोएक्टिव तत्व यूरेनियम से पैदा हुई हाइड्रोजन व सल्फेट से ऊर्जा प्राप्त करता है। यह पानी, अकार्बनिक कार्बन व चट्टानों के पास एकत्रित नाइट्रोजन से पोषण प्राप्त करता है। यह वायुमंडल की नाइट्रोजन को सीधे ही फिक्स करके उसका उपयोग कर लेता है। इसके जीन का मेटाजीनोमिक्स तकनीक के माध्यम से विश्लेषण करने के बाद पाया गया कि इसकी मदद से विश्व के किसी भी भाग में जीवन की सूक्ष्म अवस्था का पता लगाया जा सकता है।दक्षिण अफ्रीका के खदान एरिया में 280 प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इस बैक्टीरिया में पृथ्वी के केंद्र तक जाने की क्षमता की बात वैज्ञानिकों ने कही है।


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सबसे बुजर्ग महिला ओबामा को वोट देंगी


अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वालों में रोम में रहने वाली 106 वर्ष की एक अमेरिकी नन सबसे बुजुर्ग मतदाता हो सकती हैं। सिस्टर सिलीलिया गोदेत्ते ने 1952 में भी राष्ट्रपति मतदान में हिस्सा लिया था। इस बार भी उन्होंने मतदान के लिए पंजीकरण कराया है और कहा है कि वे डेमोक्रेट पार्टी के बराक ओबामा के लिए मतदान करेंगी।
BBCमुश्किल लगता है, लेकिन यह सच है कि वे अब भी में टीवी देखती हैं और समाचार-पत्र पढ़ती हैं। इस कारण वे सभी सूचनाओं के प्रति सजग हैं। उन्होंने कहा मैं सीनेटर ओबामा के प्रति उत्साहित हूँ। उन्होंने कहा मैं उनसे कभी नहीं मिली हूँ, लेकिन वे अच्छी निजी जिंदगी के साथ अच्छे आदमी लगते हैं और यही सबसे अच्छी बात है। इसके बाद यह कि उन्हें शासन करना आना चाहिए। विवाद के प्रति उदासीन : रोम के कांवेंट शहर में वे पिछले 50 वर्षों से रह रही हैं, लेकिन वे अमेरिकी कैथोलिक चर्चों के उस विवाद के प्रति उदासीन दिखती हैं, जो गर्भपात के मुद्दे पर ओबामा के समर्थन से पैदा हुआ था।जब उनसे पूछा गया कि उन्हें राष्ट्रपति बनने के बाद ओबामा से क्या उम्मीदें हैं, उन्होंने कहा हर जगह शांति। मैं इराक युद्ध के लिए चिंतित नहीं हूँ, क्योंकि इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकती। सिर्फ ईश्वर ही जानता है कि यह कैसे खत्म होगा।


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कैसे पूजें लक्ष्मी कि खूब बरसे लक्ष्मी


भगवान विष्णु की पत्नी और धन की देवी लक्ष्मी का पूजन कार्तिक अमावस्या को संपूर्ण भारतवर्ष में सभी वर्गों द्वारा समान रूप से किया जाता है। पूर्व ईशान कोण में वेदी बनाकर उस पर लाल कपड़ा बिछा दिया जाता है। इस पर लक्ष्मीजी की सुंदर प्रतिमा और ईशान में श्रीयंत्र विराजित करें।

इसके बाद चावल-गेहूँ की नौ-नौ ढेरी बनाकर नवग्रहों के समान सजाएँ। शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित कर 1 या 5 खुशबूदार अगरबत्ती जलाएँ। इत्र आदि का सुगंधित द्रव्य के बाद गंध पुष्पादि से नैवेद्य चढ़ाकर यह मंत्र बोलें-

गुरुर्बह्मा गुरु र्विष्णु गुरु र्देवो महेश्वर:।गुरु साक्षात्परब्रह्मं तस्मै श्री गुरुवे नम:।।

इसके बाद निम्न मंत्र का जाप करें-

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

इसके बाद आसन के नीचे कुछ मुद्रा रखकर उसके ऊपर सुखासन (पालथी मारकर बैठे) में बैठकर सिर पर रुमाल या टोपी लगाकर शुद्ध चित्त मन से इस मंत्र का जितना भी बन पड़े जाप करना चाहिए

- ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये।प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्मै नम:।।

महानिशिथ काल में लक्ष्मीजी का जाप करने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं। यह समय मध्य रात्रि 12.11 से 1.46 तक है।


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उफ, ये बेशर्म लड़के!

  • कॉलिज की 2 लड़कियां आपस में बातें कर रही थीं। पहली: पता नहीं लड़के अकेले में कैसी-कैसी बातें करते हैं ? दूसरी: इसी तरह की जैसी हम करती हैं और कैसी ? पहली: सच ? दूसरी: हां , और क्या ? पहली: हाय राम! ये लड़के कितने बेशर्म होते हैं
  • समंदर किनारे एक लड़की आई और एक-एक कपड़े उतारने लगी। पास ही एक सिपाही खड़ा देख रहा था। जब लड़की नहाने के लिए पानी में उतरने लगी तो सिपाही दौड़ा-दौड़ा आया। सिपाही: इस किनारे पर नहाना मना है। लड़की: तुमने पहले क्यों नहीं बताया , इतनी देर से तो देख रहे थे ? सिपाही: कपड़े उतारना मना नहीं है , खूब उतारो। लेकिन नहाने की मनाही है।
  • मिसिज़ संता हड़बड़ी में डेंटिस्ट की क्लिनिक में पहुंचीं। मिसिज़ संता : डॉक्टर साहब ! मैं बहुत जल्दी में हूं। मुझे एक जरूरी मीटिंग में जाना है इसलिए एनस्थीज़िया के बिना ही जल्दी से दांत निकाल दीजिए। डॉक्टर : कमाल की बहादुर औरत हैं आप ! ठीक है , जैसी आपकी मर्जी। इस कुर्सी पर बैठ जाइए और बताइए कौनसे दांत में दर्द है ? मिसिज़ संता ने मिस्टर संता को आवाज दी : चलो जी ! डॉक्टर साहब को दांत दिखाओ
  • संता : बड़े परेशान नजर आ रहे हो , आखिर बात क्या है ? बंता : क्या बताऊं दोस्त , समझ में नहीं आ रहा कि क्या करूं ! संता : लेकिन हुआ क्या है ? बंता : तुम तो जानते हो कि मेरी शादी नहीं हो रही थी। पिछले दिनों एक स्वामी जी मिल गए। उन्होंने मुझे दो पुड़िया दीं और बोले कि जो लड़की तुम्हें पसंद आए , उसे किसी तरह पुड़िया नंबर - एक खिला देना , तुम्हारी शादी उससे पक्की हो जाएगी। शादी के फौरन बाद पुड़िया नंबर - दो खिला देना , एक साल बाद वह एक बच्चे को जन्म देगी। संता : तो फिर ? बंता : फिर क्या , मुझे एक लड़की पसंद आ गई। मैंने उसे पुड़िया खिला दी। उससे मेरी सगाई हो गई और सगाई होते ही वह डेढ़ साल के लिए अमेरिका चली गई है। जाते - जाते कह गई कि आते ही धूमधाम से शादी करेंगे। संता : यह तो अच्छी खबर है। इसमें परेशान होने की क्या बात है ? बंता : मुझे अभी कुछ देर पहले ही पता चला कि मैंने गलती से उसे पुडि़या नंबर - दो खिला दी थी।
  • एक भिखारी ने दरवाजे पर आवाज़ लगाई : दाता के नाम पर रोटी दे दो। भीतर से आवाज आई, ममी घर में नहीं हैं। भिखारी : मैं रोटी मांग रहा हूं , तुम्हारी ममी नहीं।
  • संता : ज़रा , टूथब्रश देना , मेरे ब्रश का एक बाल टूट गया है। दुकानदार : एक ही बाल तो टूटा है , नया लेकर क्या करोगे ? संता : जो टूटा था , वह आखिरी बाल था।
  • संता जी अपनी पत्नी और छोटी बच्ची के साथ खरीदारी करने निकले। बच्ची ने पपीता देखकर कहा , ' पापा पपीता खरीद दीजिए। ' संता जी ने कहा , ' अरे यह कोई पपीता है , यह तो पपीती है , पपीता तो अपने पंजाब में होता है। ' आगे चलकर बच्ची को सन्तरा दिखा। बच्ची ने फिर कहा , ' पापा सन्तरा खरीद दीजिए। ' संता ने फिर वही दोहराया , ' अरे यह कोई सन्तरा है , यह तो सन्तरी है , सन्तरा तो अपने पंजाब में होता है। ' कुछ और आगे चलने के बाद बच्ची को केला दिखा। बच्ची ने अब केला खरीदने का आग्रह किया। संता जी ने फिर वही कहा , ' अरे यह कोई केला है , यह तो केली है , केला तो अपने पंजाब में होता है। ' इस बार संता की पत्नी आपे से बाहर हो गई। बोली , ' चुप रह बेटी ! यह कोई पापा हैं , यह तो पापी हैं , पापा तो अपने पंजाब में हैं।


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कौन न खो जाए





  • अमेरिकी टीवी E! ने हाल ही में एक सर्वे किया है। इस सर्वे में हॉलिवुड और बॉलिवुड की ऐक्ट्रिस के सबसे सेक्सी बॉडी पार्ट के लिए वोटिंग कराई गई। एक बार दुनिया की नौवीं सबसे सुंदर महिला चुनीं जा चुकी ऐश्वर्या इस सर्वे में एंजेलीना जोली, मेगन फॉक्स और स्करालेट जोहैनसन को पीछे छोड़ते हुए सबसे सुंदर आंखों वाली मानी गईं।
  • ऐक्ट्रिस स्कारलेट जोहैनसन आंखों के मामले में भले ही ऐश्वर्या राय से पिछड़ गईं लेकिन सबसे सेक्सी ब्रेस्ट के लिए हुई वोटिंग में उनके सामने कोई भी नहीं ठहर paya.
  • विक्टोरियास सिक्रेट के सर्वे में सबसे ऐक्ट्रिस चुनी जा चुकीं इवा मेंडेस के बालों को इस सर्वे में सबसे सुंदर और सेक्सी बताया गया है।
  • ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुकीं चार्लीज थेरॉन को सबसे सेक्सी कंधे के लिए वोट किया गया।


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Sunday, October 26, 2008

मैंने हेडन से दोस्ती कर ली है

आपसी छींटाकशी के कारण विवादों में फंसे हरभजन सिंह और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैथ्यू हेडन अब दोस्त बन गए हैं। हेडन ने जहां मैदान पर हरभजन के बर्ताव की तारीफ की है, वहीं भारतीय ऑफ स्पिनर ने अगले दो टेस्ट में हेडन के फॉर्म में लौटने की बात कही है। मोहाली टेस्ट में हेडन को आउट करके आठवीं बार उनका विकेट लेने वाले हरभजन ने कहा कि अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी से उन्होंने दोस्ती कर ली है। उन्होंने कहा कि हेडन बेहतरीन खिलाड़ी है और मैं बतौर बल्लेबाज़ उनका काफी सम्मान करता हूं। हमने आईपीएल के दौरान अपने गिले-शिकवे दूर कर लिए थे। हमारे करिअर में अच्छे-बुरे दौर आते रहते हैं, यह वक्त की बात है। हरभजन ने कहा कि हम नहीं चाहते कि वह फॉर्म में लौटें क्योंकि वह जब भी फॉर्म में होते हैं तो बहुत रन बनाते हैं। वह आला दर्जे के खिलाड़ी हैं जिन्होंने हर सीरीज़ में अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं हेडन ने कहा कि मैदान पर हरभजन का व्यवहार बहुत अच्छा रहा है। मोहाली में उन्हें आउट करने के बाद जश्न में डूबे भज्जी की प्रतिक्रिया के बारे में हेडन ने कहा कि वह खुश क्यों नहीं होगा, यदि मैं गेंदबाज़ी कर रहा होता तो मैं भी ऐसा ही करता। मेरे मन में भारतीय टीम के किसी भी खिलाड़ी के प्रति मैल नहीं है।


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श्रीलंका के साथ भारत का क्रिकेट बैन

कराचीः इंडियन प्रीमियर लीग के खिलाफ श्रीलंका क्रिकेट अधिकारियों की बयानबाज़ी से नाखुश बीसीसीआई ने श्रीलंका के खिलाफ भारत की सारी भावी द्विपक्षीय सीरीज़ पर रोक लगा दी है। दोनों बोर्ड के अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई बैठक के गोपनीय दस्तावेज़ समाचार एजेन्सी को मिले हैं। इनमें भारत ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक श्रीलंका क्रिकेट बीसीसीआई के प्रति अपना रवैया ठीक नहीं करता, भारतीय टीम के 2012 तक सारे श्रीलंका दौरे अनिश्चित रहेंगे।
दस्तावेज़ों में बताया गया है कि आईपीएल प्रमुख ललित मोदी और बीसीसीआई के अन्य अधिकारी श्रीलंका बोर्ड के अधिकारियों खासकर अध्यक्ष अर्जुन रणतुंगा की बीसीसीआई और आईपीएल के खिलाफ बयानबाज़ी को लेकर नाराज़ हैं। दस्तावेज़ में कहा गया है कि मोदी और निरंजन शाह श्रीलंका क्रिकेट के बीसीसीआई के प्रति रवैये को देखकर हैरान रह गए। श्रीलंका क्रिकेट के कुछ अधिकारियों के बयानों से वे चिंतित हैं। बैठक में मोदी और भारतीय बोर्ड के अन्य अधिकारियों ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के प्रतिनिधियों से बात की। श्रीलंका बोर्ड के प्रतिनिधियों में सिद्धार्थ वेट्टीमुनि शामिल थे।
दस्तावेज़ में कहा गया है कि भारतीय बोर्ड ने श्रीलंका क्रिकेट के सामने रखी चार करोड़ डॉलर के बेलआउट पैकिज की पेशकश भी वापिस लेने का फैसला किया है क्योंकि इस गोपनीय पेशकश को रणतुंगा द्वारा सार्वजनिक किए जाने से वह खुश नहीं है। मोदी ने कहा कि बेलआउट पैकिज की पेशकश श्रीलंका क्रिकेट से बातचीत के बाद उसकी मदद के लिए की गई थी। श्रीलंका क्रिकेट इंग्लैंड के टेस्ट दौरे की पुष्टि करना चाहता था लेकिन बीसीसीआई और आईपीएल ने कहा कि श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने आईपीएल के साथ तीन साल का करार किया है लिहाज़ा उन्हें खेलना होगा।


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जलवायु पर बादलों का असर


प्रशांत महासागर के आकाश में बनने वाले बादलों के जलवायु पर असर के अध्ययन के लिए चिली में एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक अभियान शुरू हो रहा है। इसमें 10 देशों के विशेषज्ञ भाग लेंगे. उल्लेखनीय है कि बादल एक विशाल दर्पण की तरह काम करते हैं, और इस तरह सूर्य की किरणों को परावर्तित कर ये अपने नीचे के समुद्र को ठंडा करने में योगदान देते हैं.
जहाँ तक प्रशांत महासागर के आकाश के बादलों की बात है तो इनमें से कुछ तो बढ़ कर अमरीका के आकार से भी बड़े हो जाते हैं। अब 10 देशों के 200 जलवायु विज्ञानियों का एक दल इन बादलों के प्रभाव का विशद अध्ययन करने जा रहा है. वैज्ञानिकों की रूचि ये जानने में भी होगी कि खनन कार्य जैसी व्यावसायिक गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण का बादलों पर कितना और किस तरह का असर पड़ता है.
महीने भर तक चलने वाले इस अध्ययन का केंद्र होगा दक्षिण अमरीकी देश चिली.
ब्रितानी दल इस अध्ययन में ब्रिटेन के वायुमंडलीय विज्ञान के राष्ट्रीय केंद्र(एनकैस) के 20 वैज्ञानिक भी शामिल हो रहे हैं। एनकैस के दल के मुख्य वैज्ञानिक ह्यू को ने प्रशांत महासागरीय बादल प्रणाली के बारे में कहा, "ये दुनिया के सबसे बड़ी बादल प्रणालियों में से हैं, और हम जानते हैं कि इनकी जलवायु परिवर्तन में बड़ी भूमिका होगी. लेकिन हमें ये भी पता है कि जलवायु संबंधी मौजूदा वैज्ञानिक मॉडेल इस बारे में सही जानकारी नहीं दे पाते हैं."
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस व्यापक अध्ययन के बाद मौजूदा जलवायु मॉडेल की अनिश्चितताओं से पार पाया जा सकेगा। प्रोफ़ेसर को का दल दो विमानों के ज़रिए आँकड़े जुटाएगा. वायुमंडल के निचले हिस्से में जमा बादलों के बीच घूमते हुए इन विमानों से जुड़े विशेष उपकरण बादलों की निर्माण प्रक्रिया और उसके आसमान में मौजूद रहने की अवधि के बारे में ज़्यादा-से-ज़्यादा जानकारी जुटा पाएँगे.
ये अध्ययन वोकल्स नामक एक त्रिवर्षीय अंतरराष्ट्रीय अभियान के तहत किया जा रहा है जिसमें बादलों, समुद्रों और भूखंडों के बीच के जटिल संबंधों की पड़ताल की जानी है.


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'वायु सेना की दुर्गति में सरकार की ग़लती'


नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में हवाई सुरक्षा में कोताही के लिए सरकार पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी ने ग़लती स्वीकार की है.
एंटनी ने स्वीकार किया है कि वायु सेना को रडार और अन्य ज़रूरी उपकरण समय पर उपलब्ध न करा पाने की ग़लती उनके मंत्रालय से हुई है.
बंगलौर में पत्रकारों से बातचीत में एंटनी ने कहा, "मैं इस तथ्य को ग़लत नहीं ठहरा रहा हूँ कि समय पर रडार और ज़रूरी उपकरण उपलब्ध न करा पाने के कारण वायु सेना में गंभीर समस्या है. हम पिछड़ रहे हैं."
मैं इस तथ्य को ग़लत नहीं ठहरा रहा हूँ कि समय पर रडार और ज़रूरी उपकरण उपलब्ध न करा पाने के कारण वायु सेना में गंभीर समस्या है। हम पिछड़ रहे हैं। एके एंटनी
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वायु सीमा की निगरानी के लिए भारतीय वायु सेना के पास रडार अपर्याप्त संख्या में हैं.
रक्षा मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि रडार और अन्य ज़रूरी सामान समय से उपलब्ध न करा पाने की समस्या पिछले 17 वर्षों से है। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे पहले क्या हुआ, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.

एंटनी ने कहा, "रडार और अन्य उपकरणों को शामिल करने की प्रक्रिया वर्ष 1991 में शुरू हुई थी। लेकिन इसमें देरी के लिए कई कारण है. पिछले 17 वर्षों में हम वायु सेना को ज़रूरी हवाई सुरक्षा उपकरण नहीं उपलब्ध करा पाए हैं. लेकिन ये पहले की बातें हैं. अब मैं आपसे यह कह सकता हूँ कि समस्या है. मैं आपसे सहमत हूँ."

रक्षा मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि भारत आधुनिक रडारों को और पहले वायु सेना में शामिल कर सकता था. लेकिन अब पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस प्रक्रिया में तेज़ी आई है. एंटनी ने कहा कि पहले जो भी हुआ हो अब वायु सेना हो या अन्य सेना सभी को ज़रूरी उपकरण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पटरी पर है. उन्होंने दावा किया कि अगले कुछ वर्षों में वायु सेना को अति आधुनिक विश्व स्तरीय रडार उपलब्ध करा दिए जाएँगे और इसमें पैसों की कोई समस्या नहीं होगी.


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दीपावली

माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से उल्लासपूर्ण था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए । कार्तिक मास की घनघोर काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। अधिकतर यह पर्व ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्तूबर या नवंबर महीने में पड़ती है। दीपावली दीपों का त्योहार है इसे दीवाली या दीपावली भी कहते हैं । दिवाली अन्धेरे से रोशनी में जाने का प्रतीक है भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है दिवाली यही चरितार्थ करती है - असतो माऽ सद्गमय , तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है।

धार्मिक संदर्भ
दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियाँ हैं। राम भक्तों के अनुसार दीवाली वाले दिन अयोध्या के राजा राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध कर के अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने कि खुशी मे आज भी लोग यह पर्व मनाते है। कृष्ण भक्तिधारा के लोगों का मत है कि इस दिन भगवान श्री कृण्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था । इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाए। एक पौराणिक कथा के अनुसार विंष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था तथा इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए। जैन मतावलंबियों के अनुसार चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी दीपावली को ही है। सिक्खों के लिए भी दिवाली महत्वपूर्ण है क्यों कि इसी दिन ही अमृत्सर में १५७७ में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। और इसके अलावा १६१९ में दिवाली के दिन सिक्खों के छ्टे गुरु हरगोबिन्द सिंघ जी को जेल से रिहा किया गया था। नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्यों कि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शरू होता है।

पर्वों का समूह दीपावली
दीपावली एक दिन का पर्व नहीं अपितु पर्वों का समूह है। दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस का त्योहार आता है। इस दिन बरतन खरीदना शुभ माना जाता है.इस दिन तुलसी या घर के द्वार पर एक दीपक जलाया जाता है। इससे अगले दिन नरक चतुरदशी या छोटी दीपावली होती है। इस दिन यम पूजा हेतु दीपक जलाए जाते हैं। अगले दिन दीपावली आती है। इस दिन घरों में सुबह से ही तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। बाज़ारों में खील-बताशे , मिठाइयाँ ,खांड़ के खिलौने , लक्ष्मी-गणेश आदि की मूर्तियाँ बिकने लगती हैं । स्थान-स्थान पर आतिशबाजियों और पटाखों की दुकानें सजी होती हैं। सुबह से ही लोग रिश्तेदारों, मित्रों, सगे-संबंधियों के घर मिठाइयाँ व उपहार बाँटने लगते हैं। दीपमालादीपावली की शाम लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा के बाद लोग अपने-अपने घरों के बाहर दीपक व मोमबत्तियाँ जलाकर रखते हैं। चारों ओर चमकते दीपक अत्यंत सुंदर दिखाई देते हैं। रंग-बिरंगे बिजली के बल्बों से बाज़ार व गलियाँ जगमगा उठते हैं। बच्चे तरह-तरह के पटाखों व आतिशबाज़ियों का आनंद लेते हैं। रंग-बिरंगी फुलझड़ियाँ , आतिशबाज़ियाँ व अनारों के जलने का आनंद प्रत्येक आयु के लोग लेते हैं। देर रात तक कार्तिक की अँधेरी रात पूर्णिमा से भी से भी अधिक प्रकाशयुक्त दिखाई पड़ती है। दीपावली से अगले दिन गोवर्धन पर्वत अपनी अँगुली पर उठाकर इंद्र के कोप से डूबते ब्रजवासियों को बनाया था। इसी दिन लोग अपने गाय-बैलों को सजाते हैं तथा गोबर का पर्वत बनाकर पूजा करते हैं। अगले दिन भाई दूज का पर्व होता है। दीपावली के दूसरे दिन व्यापारी अपने पुराने बहीखाते बदल देते हैं। वे दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी की उन पर विशेष अनुकंपा रहेगी। कृषक वर्ग के लिये इस पर्व का विशेष महत्त्व है। खरीफ़ की फसल पककर तैया हो जाने से कृषकों के खलिहान समृद्ध हो जाते हैं। कृषक समाज अपनी समद्धि का यह पर्व उल्लासपूर्वक मनाता हैं।


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Saturday, October 25, 2008

ओसामा बिन लादेन भी लिख रहा है किताब

मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी और अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन संस्मरण लिख रहा है। पाकिस्तानी न्यूज चैनल 'जियो' के अनुसार, यह किताब अरबी में लिखी जा रही है। इसका अंग्रेजी में ट्रांसलेशन किया जाएगा। बिन लादेन ने अल कायदा के खिलाफ कथित दुष्प्रचार के जवाब में यह किताब लिखने का फैसला किया है।
लादेन पश्चिम एशिया के एक युवा की मदद से यह किताब लिख रहा है। वह व्यक्ति ही बाद में किताब का अंग्रेजी में ट्रांसलेशन करेगा। किताब में पाश्चात्य जगत के मुसलमानों पर कथित अत्याचार को प्रमुखता से दर्शाया जाएगा। इसमें अल कायदा के गठन और अमेरिका पर 11 सितंबर को हुए हमले पर भी प्रकाश डाला जाएगा।


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पर टॉइलट चाहिए विदेशी

मुंबई : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे भले भूमिपुत्रों के सबसे बड़े पैरोकार होने का दावा करते हों, जब बात उनकी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की आती है तो वे अपनी विदेशी लाइफ स्टाइल पर भी कोई समझौता नहीं करते। यह बात हाल में तब सामने आई जब उत्तर भारतीय छात्रों की पिटाई के मामले में उन्हें एक रात पुलिस लॉकअप में गुजारनी पड़ी।
पिछले मंगलवार को डोंबिवली पुलिस लॉकअप में हालांकि राज ठाकरे को प्रशंसक बहुत मिले, लेकिन उन्हें वहां का देसी शैली का शौचालय रास नहीं आया। उन्हें पाश्चात्य शैली के टॉइलट की आदत है। रात तो जैसे-तैसे कट गई, लेकिन सुबह में उन्हें टॉइलट की ज़रूरत महसूस हुई। उनके पूछने पर जब थाने के स्टाफ ने बताया कि इस टॉइलट का कोई विकल्प नहीं है, तो भी राज उसका इस्तेमाल करने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने दबा लेना बेहतर समझा।
पुलिस थाने से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राज को पूरा भरोसा था कि उन्हें अगले दिन बेल मिल ही जाएगी। वह जानते थे कि थोड़ी देर में घर पहुंच जाएंगे। इसीलिए उन्होंने देसी टॉइलट का इस्तेमाल नहीं किया।


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Festival of lights


















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हरभजन सिंह गिली पर भड़के


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पालिन के ड्रेस खर्च पर राजनीति शुरू


वॉशिंगटनः चुनाव प्रचार के दौरान अपने कपड़ों पर डेढ़ लाख डॉलर खर्च करने वाली उपराष्ट्रपति पद की
रिपब्लिकन उम्मीदवार सारा पालिन इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं। इस मुद्दे पर अब राजनीति शुरू हो गई है। प्रचार में आर्थिक मदद देने वाले अब अपनी रकम वापस मांगने लगे हैं। हालांकि पालिन ने अपनी सफाई में कहा है कि यह सच नहीं है कि मैंने कपड़ों पर डेढ़ लाख डॉलर खर्च किए। यह कपड़े रिपब्लिकन नैशनल कन्वेंशन के लिए खरीदे गए थे और प्रचार खत्म होने के बाद इन्हें या तो दान कर दिया जाएगा, या इनकी निलामी कर दी जाएगी। इस तरह की आलोचना से दुख होता है। एक डोनर ने कहा कि मेरा वोट मैक्केन को ही मिलेगा, लेकिन प्रचार अभियान का पैसा व्यक्तिगत मद में खर्च करना उचित नहीं है। हमें हमारा पैसा वापस चाहिए। वैसे पार्टी ने इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। पार्टी के मुताबिक, यह कोई खास बात नहीं है। मैक्केन के 540 डॉलर वाले जूते भी चर्चा का विषय हैं। वैसे कपड़ों पर बड़ी रकम खर्च करने से पालिन कानूनी पचड़े में फंस सकती हैं, क्योंकि फेडरल इलेक्शन कैंपेन ऐक्ट के तहत प्रचार राशि को व्यक्तिगत मद में खर्च करना मना है। रिपब्लिकन कैंपेन मैनिजर्स यह कहकर पालिन को इस मुसीबत से बचाने का प्रयास कर रहे हैं कि प्रचार के बाद पालिन कपड़ों को दान कर देना चाहती हैं।


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वार्न देते थे गिली को गालियां





'मंकी गेट' कांड में सचिन तेंदुलकर की ईमानदारी पर सवाल उठाने के अलावा एडम गिलक्रिस्ट ने अपनी जल्द ही प्रकाशित होने वाली आत्मकथा में कहा है कि वह शेन वार्न की मैदान पर अपशब्द कहने की आदत से कई बार गुस्सा जाते थे। गिलक्रिस्ट ने अगले सप्ताह जारी होने वाली अपनी आत्मकथा 'ट्रू कलर्स' में खुलासा किया है कि जब वार्न ने उन्हें चाटुकार कहा था तो वह काफी आहत हुए थे। गिलक्रिस्ट ने दावा किया कि दोनों के बीच विद्वेष के बीज 1990 के दशक के अंतिम वर्षो में शैफील्ड शील्ड मैच के दौरान बोए गए जब वार्न ने इस विकेटकीपर को गाली दी थी। विक्टोरिया की तरफ से खेलने वाले वार्न चाहते थे टेस्ट मैचों में इयान हीली का उत्तराधिकारी वेस्टर्न आस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले गिलक्रिस्ट के बजाय डेरेन बैरी बने।
गिलक्रिस्ट ने लिखा है कि 'वार्नी और डेरेन बैरी ने मुझे अपशब्द कहे। उन दोनों ने मुझे कहा कि ये चाटुकार तुम वही रहोगे जहां हो क्योंकि तुम चाटुकार हो। उन्होंने यह जिस लहजे में कहा था वह काफी आहत करने वाला था। क्रिकेट जगत में वार्न और गिलक्रिस्ट भले ही सबसे सफल गेंदबाज और विकेटकीपर जोड़ी हो लेकिन इन दोनों के बीच कभी अच्छे रिश्ते नहीं रहे। इन दोनों के संबंध तब और बिगड़ गए जब 2000 में वार्न से उपकप्तानी छीनकर गिलक्रिस्ट को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। गिलक्रिस्ट ने कहा, 'वह वास्तव में कई वर्षो तक अपनी हरकतों से मुझे गुस्सा दिलाता रहा।


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वो आंखों से जलाता है मोमबत्ती

बीजिंग। अगर कोई आपसे कहे कि वह आंखों से मोमबत्ती जला सकता है तो निश्चित ही आप इसे मजाक मानेंगे। लेकिन, चीनी मार्शल आर्ट कुंगफू का एक दीवाना वाकई ऐसा करता है।
चीन का यह शख्स अपनी आंखों से मोमबत्ती जलाता है। इस दौैरान वह एक खास चश्मा पहनता है और एक बार में बारह मोमबत्ती तक जला लेता है। चीन के काईफेंग में रहने वाले 35 वर्षीय लिंग चुंगजिआंग यह कमाल अपनी आंखों से फूंक मारकर एक पाइप के जरिए करते हैं।
आठ साल की उम्र से अपने दादा के साथ कुंगफू का अभ्यास कर रहे लिन को अचानक एक दिन पता चला कि वह अपनी नाक बंद कर आंखों के जरिए हवा बाहर निकाल सकते हैं। चाइना न्यूज नेटवर्क में बताया गया है कि लिन इसके अलावा और भी कई हैरतअंगेज कारनामे करते हैं।


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साड़ी में विक्टोरिया बेकहम

पूर्व स्पाइस गर्ल विक्टोरिया बेकहम जल्द ही साड़ी पहन कर भारतीय प्रशंसकों को लुभाने की कोशिश करती दिखेंगी। एक वेबसाइट के मुताबिक विक्टोरिया ने भारतीय दुल्हन सरीखा परिधान पहनने की यह जहमत वोग इंडिया मैगजीन के कवर पेज पर प्रकाशित होने वाली तस्वीरों के लिए उठाई है। 34 वर्षीय स्टाइल आइकन विक्टोरिया बेहद फैशनपरस्त हैं। पिछले 18 महीने से अपने परिवार के साथ हालीवुड में रह रहीं विक्टोरिया इस दौरान फैशन पर काम भी कर रही हैं। फिलहाल तो लोग विक्टोरिया के इस नए अवतार को अगले हफ्ते बाजार में उपलब्ध होने वाले वोग इंडिया के नवंबर अंक में देख सकेंगे।


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Friday, October 24, 2008

गिलक्रिस्ट ने सचिन से माफी मांगी


मेलबर्न। बहुचर्चित मंकीगेट विवाद में हरभजन सिंह का पक्ष लेने के लिए सचिन तेंदुलकर के खिलाफ टिप्पणी करके नया विवाद शुरू करने वाले आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट ने शुक्रवार को इस भारतीय स्टार बल्लेबाज से बात करके उन्हें अपनी आने वाली किताब में की गई टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया।
सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को कहा, 'गिलक्रिस्ट ने मुझे फोन करके कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और उन्होंने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की।' सचिन के अनुसार गिलक्रिस्ट ने कहा, 'मेरे बयान को मुद्दे से अलग ले जाकर बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया।' इस आस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने अपनी आत्मकथा 'ट्रू कलर्स' में इस घटना पर चार पेज लिखे है लेकिन मीडिया ने सिर्फ दो वाक्यों का हवाला दिया। इस पूर्व आस्ट्रेलियाई उप कप्तान ने यह भी कहा कि वह शनिवार को छपने वाले अपने लेख में इस वाकये के दूसरे पहलू से सबको रूबरू कराएंगे।
इससे पहले इस पूर्व विकेटकीपर ने अपनी आत्मकथा 'ट्रू कलर्स' में लिखा है कि सचिन ने सिडनी टेस्ट में हुए भज्जी-सायमंड्स विवाद में अपना बयान बदलते हुए दोषी होने के बावजूद हरभजन का पक्ष लिया। गिलक्रिस्ट की आत्मकथा के कुछ अंश गुड वीकेंड पत्रिका में छपे हैं। गिलक्रिस्ट खास तौर पर तेंदुलकर के बर्ताव से दुखी थे। उन्होंने लिखा है कि तेंदुलकर ने सुनवाई में पहले कहा कि वह सुन नहीं पाए कि हरभजन ने क्या कहा था। बाद में अपील के दौरान सचिन ने कहा कि हरभजन ने हिंदी में कुछ कहा था जो मंकी की तरह सुनाई दिया। गिलक्रिस्ट के अनुसार हरभजन निश्चित तौर पर दोषी था और दौरा वापस लेने की भारत की धमकी अपमानजनक कार्रवाई थी।


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बाजार का सबसे बुरा हफ्ता




मुंबई: भारतीय शेयर बाजारों के लिए आज कोहराम का दिन रहा। शेयर बाजार के दोनों इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी
में 10 परसेंट की गिरावट रही और ये नवंबर 2005 के बाद के सबसे निचले लेवल पर चले गए। जो शेयर सबसे नीचे रहे उनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल है। प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक सेंसेक्स 1131 प्वायंट गिरकर 8639 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 385 अंक गिरकर 2557 पर बंद हुआ। भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का ये अब तक का सबसे बुरा हफ्ता रहा। ट्रेडर कह रहे हैं बाजार पर पहले से ही ग्लोबल मंदी की छाया है और दुनिया भर के बाजार डाउन हैं। ऊपर से आज क्रेडिट पॉलसी रिव्यू में आरबीआई ने मुख्य रेट रेपो, रिवर्स रेपो और सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया। इंडस्ट्री ये उम्मीद कर रही थी कि रिजर्व बैंक इंटरेस्ट रेट घटाने का रास्ता साफ करेगी, जिससे इकॉनमी में कैश बढ़ेगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आरबीआई ने 2008-2009 के लिए ग्रोथ फोरकास्ट 8 परसेंट से घटाकर 7.5 से 8 परसेंट कर दिया है। इससे भी बाजार की मूड बिगड़ा।


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युवराज ने की गाली गलौज

भुवनेश्वर : इंडियन क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा बन चुके बैट्समैन युवराज सिंह अकसर मैदान के बाहर अपनी हरकतों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर के एक होटेल में हुए एक ' हादसे ' के बाद एक बार फिर वह इसी तरह की सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल, मंगलवार शाम युवराज यहां के एक होटेल में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे के बेटे संदीप रे के साथ उलझ पड़े।
युवराज यहां चैलंजर सीरीज़ में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। होटेल सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को तकरीबन साढ़े 10 बजे युवराज बाकी खिलाड़ियों के साथ पूल खेलने में बिज़ी थे और उसी बीच वह कुछ ऐसी भद्दी भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे जिसपर पास ही बैठे संदीप को सख्त आपत्ति थी। गौरतलब है कि उस वक्त संदीप अपनी पत्नी के साथ वहां मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक युवी जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे वह वाकई किसी इंटरनैशनल खिलाड़ी की छवि के अनुरूप नहीं समझी जा सकती है। बस यही बात संदीप को नागवार गुज़री और उन्होंने युवराज को टोक दिया। इतना होना था कि युवराज संदीप से उलझ पड़े। सूत्रों के मुताबिक दोनों एक दूसरे की आंखों में आंखें डालकर अपशब्द कहे जा रहे थे। दोनों ही तरफ से हिंदी और इंग्लिश में गालियां सुनी गईं।
करीब 15 मिनट तक चली इस तकरार का अंत आखिर तभी संभव हो पाया जब सीनियर होटेल स्टाफ ने आकर मामले को रफादफा कराया। सूत्रों के मुताबिक इस घटना के बाद दोनों ने हाथ भी मिलाए।
गौरतलब है कि किसी होटेल में युवराज सिंह का दुर्व्यवहार करना नई बात नहीं है, दिसंबर 2006 में भी युवराज अपने बर्थडे के दिन ही गुड़गांव के एक होटेल में एक मेहमान से उलझ पड़े थे।


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वर्ल्ड कप जीतना मेरा सपना है

नई दिल्ली : टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रनों का ब्रायन लारा का रेकॉर्ड तोड़ने वाले सचिन तें
डुलकर ने संन्यास की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि वर्ल्ड कप जीतना उनका सपना है और वह देशवासियों को यह तोहफा देना चाहते हैं।

तेंडुलकर ने कहा कि मेरा सपना रहा है वर्ल्ड कप जीतना। अपने देश के लिए इससे अच्छा तोहफा क्या हो सकता है। टेस्ट क्रिकेट में 12 हजार रन बनाने वाले इस इकलौते खिलाड़ी ने अपने 20 बरस के करियर के बारे में कहा कि यह बेहतरीन सफर रहा है। मैंने हर पल इसका आनंद उठाया है। ये वो सब कुछ है, जिसके लिए मैंने सपना देखा था और वह सच हो गया।

एक निजी चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने इस रेकॉर्ड के बारे में कहा कि मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा। मेरा ध्यान बस बॉल पर था, उससे पहले हर कोई मुझे एक ही बात पूछता था कि आप रेकॉर्ड कब बनाओगे? मैं इस सवाल से तंग आ चुका था। मैं रेकॉर्ड के लिए नहीं खेलता। उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है।


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झूठे और घमंडी हैं सचिनः गिलक्रिस्ट

नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर ऐडम गिलक्रिस्ट ने सचिन पर ऐंड्रू साइमंड्स-हरभजन विवाद में झ
ूठी गवाही देने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह आरोप अपनी आत्मकथा में लगाए हैं। गिलक्रिस्ट ने कहा कि ऐंड्रू साइमंड्स और भज्जी के बीच हुए झगड़े में भज्जी दोषी थे। इस मामले की सुनवाई के दौरान सचिन ने झूठी गवाही दी थी। उन्होंने कहा कि सचिन पहले सच बोल रहे थे , लेकिन बाद में उन्होंने अपना बयान बदल दिया।
यही नहीं गिलक्रिस्ट ने सचिन पर ' घमंडी ' होने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि सचिन हारने के बाद विरोधी टीम के खिलाड़ियों से हाथ तक नहीं मिलाते हैं। बीसीसीआई के सदस्य राजीव शुक्ला ने गिलक्रिस्ट के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि गिलक्रिस्ट को सचिन जैसे महान खिलाड़ी पर इस तरह का आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए था।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने सचिन को महान क्रिकेटर बताया। उधर , लालचंद राजपूत ने भी गिलक्रिस्ट के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम मोहाली टेस्ट हारने के बाद बौखलाई हुई है। यह उसी का नतीजा है।


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सचिन झूठे हैं: गिलक्रिस्ट

मेलबोर्न

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने सिडनी टैस्ट के मामले में सचिन तेंदुलकर की ईमानदारी पर शक जाहिर किया है। गिलक्रिस्ट के इस कथन से एक बार फिर हरभजन सिंह-सायमंड्स प्रकरण को हवा मिल सकती है। गिलक्रिस्ट ने पत्रिका ‘गुडविकैंड’ में प्रकाशित अपनी आत्मकथा में लिखा कि सचिन से झूठी गवाही की उम्मीद नहीं थी।

उन्हें सत्य का साथ देना चाहिए था जैसी कि उनसे अपेक्षा की गई थी। उन्होंने इसके विपरीत हरभजन का बचाव करने के लिए झूठी गवाही दी। आईसीसी द्वारा जांच के लिए नियुक्त न्यायमूर्ति के सामने सचिन ने कहा कि हरभजन ने सायमंड्स को ‘मंकी’ नहीं कहा था बल्कि हिंदी में कुछ कहा था जो मैं सुन नहीं सका।

गिलक्रिस्ट ने लिखा कि सच तो यह है कि हरभजन दोषी थे लेकिन टीम इंडिया प्रबंधन द्वारा बार-बार स्वदेश वापसी की धमकी के कारण मामला भज्जी के पक्ष में झुक गया। गिलक्रिस्ट ने यहां तक कहा कि सचिन व हरभजन विवादों को भूला कर हमसे हाथ मिलाने की औपचारिकता भी नहीं निभाते थे।

यह बहुत ही दुखद था जिसकी हम अपेक्षा नहीं करते थे। इसके विपरीत ऑस्ट्रेलिया टीम मैदान में भले ही कठोर विपक्षी हो लेकिन मैच खत्म होने के बाद सभी खिलाड़ी गर्मजोशी से विपक्षी टीम से हाथ मिलाते हैं।


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Thursday, October 23, 2008

चाँद की ओर भारत का पहला क़दम

हालांकि बादल छाए हुए थे और वैज्ञानिक मौसम को लेकर थोड़े चिंतित थे लेकिन भारत का पहला मानवरहित अभियान चंद्रयान-1 बुधवार को सुबह नियत समय पर यानी 6 बजकर 22 मिनट पर सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया.
तमिलनाडु के नज़दीक और आंध्रप्रदेश की सीमा में स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी सी-11 इस चंद्रयान को लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुआ.
जहाँ प्रक्षेपण केंद्र में मौजूद वैज्ञानिकों ने सफल प्रक्षेपण का तालियाँ बजाकर ज़ोरदार स्वागत किया, वहीं भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने देश का नाम रोशन किया है.
ग्यारह उपकरण भी भेजे
इसरो के अध्यक्ष माधवन नायर ने प्रक्षेपण के कुछ मिनट बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले चरण का उद्देश्य था कि चंद्रयान सफलता से छोड़ा जा सके और अपनी पहली कक्षा में स्थापित हो. ऐसा हो गया है और हम अपने पहले उद्देश्य में सफल हो गए है.
उन्होंने कहा, "चार दिन से हम लोग कुछ प्रतिकूल चुनौतियों से जूझ रहे थे. बारिश, बिजली, तेज़ हवा जैसी चुनौतियाँ भी हमारे सामने थीं. फिर भी हम सफलतापूर्वक चंद्रयान का प्रक्षेपण कर पाए."

चार दिन से हम लोग कुछ प्रतिकूल चुनौतियों से जूझ रहे थे. बारिश, बिजली, तेज़ हवा जैसी चुनौतियाँ भी हमारे सामने थीं. फिर भी हम सफलतापूर्वक चंद्रयान का प्रक्षेपण कर पाए. इसरो अध्यक्ष माधवन नायर

उन्होंने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए इस अभियान से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को इस सफलता पर बधाई दी है. इसरो के अनुसार चंद्रयान के साथ 11 अन्य उपकरण अंतरिक्ष में भेजे गए हैं जिनमें से पाँच भारत के हैं और छह अमरीका और यूरोपीय देशों के.
वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रयान को उसकी कक्षा में स्थापित करने के लिए कुल मिलाकर क़रीब 15 दिनों का समय लगेगा.
यह चंद्रयान चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर रहकर चंद्रमा का त्रिआयामी नक्शा तैयार करेगा और उसकी सतह पर मौजूद तत्वों और खनिजों के विवरण एकत्रित करेगा.
चंद्रयान-1 का सफ़र
वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत के चंद्रयान सहित 11 उपकरण लेकर अंतरिक्ष में गया पीएसएलवी सी-11 भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के लिहाज से एक काफी बड़ी उपलब्धि है.
ऐसे कम ही देश हैं जो अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर ऐसी उपलब्धि हासिल कर सके हैं.
इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक सबसे पहली जिस कक्षा में यह यान पहुँचेगा उसकी पृथ्वी से न्यूनतम दूरी 250 किलोमीटर की है और अधिकतम 23,000 किलोमीटर की.
पर चंद्रयान यह एक चक्कर काटकर नई कक्षा में प्रवेश कर जाएगा. इस 3,87,000 किलोमीटर वाली कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा करने में इस चंद्रयान को 11 दिन का वक्त लगेगा. चंद्रयान पृथ्वी के चारों ओर पाँच अलग अलग कक्षाओं में धूमेगा.
यहीं अंतिम कक्षा में चंद्रयान की मुलाक़ात होगी चंद्रमा से. जिस वक्त यह चंद्रयान सबसे बाहरी कक्षा में पृथ्वी के चक्कर लगा रहा होगा, उसी वक्त पृथ्वी के गिर्द धूमता चंद्रमा भी ऐसी जगह पर पहुँच जाएगा जहाँ से चंद्रयान और उसके बीच की दूरी कुछ सौ किलोमीटर भर ही रह जाएगी.
इसी वक्त एक नए अंतरिक्षयान मोटर को चालू करके चंद्रयान को चंद्रमा की कक्षा में लाया जाएगा.
यहाँ पहले 5000 किलोमीटर की कक्षा से शुरू करके चंद्रयान तीसरी और अंतिम कक्षा में चंद्रमा से कुल 100 किलोमीटर दूर होगा.
वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रयान-1 पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा की सतह से सौ किलोमीटर ऊपर इसी कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा.
दुनिया के कम ही देश हैं जिन्होंने अंतरिक्ष अभियानों में भारत जैसी उपलब्धियाँ हासिल की हैं
इसी बिंदु से चंद्रयान अपना काम शुरू करेगा. पहले चंद्रमा की सतह पर ‘मून इंपेक्ट प्रोब’ को उतारा जाएगा औऱ फिर वहाँ से जानकारी जुटाने का काम शुरू होगा. इस काम में मदद करेंगे चंद्रयान के साथ गए कैमरे और स्पेक्ट्रोमीटर. इसरो का आकलन है कि यह अभियान दो वर्षों तक .

महत्वाकांक्षी अभियान
हालांकि चंद्रमा के सच को खोजने खंगालने का काम तो सितंबर, 1959 में ही शुरू हो गया था जब सोवियत लूना-2 अंतरिक्षयान ने पहली बार चंद्रमा की सतह को छुआ.
इसके बाद 1969 में नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा की धरती पर पहला क़दम रखकर इतिहास रच दिया. पर भारत अभी तक ऐसी उपलब्धियों से दूर है.
बुधवार को हुए सफल प्रक्षेपण के बाद चंद्रयान अगर चंद्रमा की सतह को छूता है तो भारत के लिए भी यह बड़ी उपलब्धि बन जाएगी.
पर एक सवाल फिर भी जेहन में उठता है कि पिछले कुछ दशकों से दुनिया के अन्य देशों ने चांद को जितना खंगाता है, उससे क्या अलग और नया भारत खोजने जा रहा है.
जाहिर है, भारत के लिए इसका सटीक जवाब अभी कुछ वक्त लेगा पर इसरो ऐसे कई सवालों की ओर इशारा करता है जिनके जवाब दशकों चले अभियानों में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिक नहीं खोज पाए हैं.
यहाँ तक कि चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास तक को लेकर विज्ञानिकों में एक राय नहीं है. फिर चंद्रमा के बारे में जितनी जानकारी अभी तक हासिल हुई है, उससे कहीं, कहीं ज़्यादा जानकारी अभी भी खोज का विषय है.
फिर नाभिकीय ईधन के तौर पर इस्तेमाल हो सकने वाली हीलियम-3 गैस की मात्रा का आकलन और चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी जैसे सवालों का हल खोजने की कोशिशें तो हुई हैं पर नतीजा अभी भी भ्रम के ज़्यादा क़रीब है


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पटना लौटे छात्रों की दास्तां

पंकज की कहानी
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) कार्यकर्ताओं के लाठी-डंडों के शिकार बने पटना के छात्र पंकज कुमार कहते हैं,'' शनिवार की रात मैं यह समझ नहीं सका कि यह क्या हो रहा था. कुछ लोग अचानक मेरे होटल के कमरे में घुस आए.''
पंकज कुमार का कहना है कि अचानक यूँ पीटा जाना मेरी कल्पना से परे था
उनमें से एक ने कहा, ‘यही है... पर एक ने कहा कि पहले यह देख लो कि ये परीक्षार्थी है कि नहीं.'
और उन लोगों ने पहले मेरा एडमिट कार्ड मांगा. फिर जैसे ही वह संतुष्ट हो गए कि मैं रेलवे की परीक्षा देने आया हूँ और मुझ पर मुक्कों और डंडों की बरसात होने लगी. गालियाँ की तो बात ही छोड़िए.
उस वक्त रात के आठ बज रहे होंगे. अंजान जगह पर अचानक यूँ पिटा जाना मेरी कल्पना से परे था. मैं असहाय था. जब मैं गिर पड़ा तो शायद वो लोग चले गए. काफ़ी देर बाद जब होश आया तो मेरे पास एडमिट कार्ड भी नहीं था. मैं रात भर कराहता रहा. और किसी तरह रात बिता सका

जितेंद्र की दास्ताँ
बिहार के सहरसा जिले के परीक्षार्थी जितेंद्र कुमार का परिवार आर्थिक रूप से काफ़ी कमज़ोर है.
जितेंद्र बताते हैं,'' हम लोगों के पास इतने पैसे नहीं थे कि हम किसी होटल के कमरे में ठहर सकें. मैं अपने दोस्त मनोज और विकास के साथ रेलवे स्टेशन के फुटपाथ पर सोया था. अचानक मनसे के दस-बारह कार्यकर्ता लाठी-डंडों के साथ पहुँच गए.
जितेंद्र कहते हैं कि हमें बेहरमी से पीटा गया
उन्होंने आते ही मात्र इतना पूछा कि क्या मैं बिहार से हूँ. बस क्या था. हमारा जवाब सुनते ही वे हमारे बैग की तलाशी लेने लगे और मेरे मोबाइल फ़ोन को अपने क़ब्ज़े में लेते हुए कहा कि मैंने यह मोबाइल चुराया है.
हम तीनों दोस्तों की समझ में कुछ नहीं आया. हमें कुछ भी सोचने का मौक़ा तक नहीं मिला और हमें बेरहमी से पीटा जाने लगा. बचाव के लिए वहाँ कोई नहीं था. सब दर्शक बने देख रहे थे.
हम लोगों की क़िस्मत अच्छी थी कि उनकी नज़र कुछ अन्य बिहारी छात्रों पर पड़ी और वे उनकी तरफ आक्रमक लहज़े में लपक पड़े.
हिलसा के रहने वाले अमित कुमार बताते हैं, '' मुझे इस बात का ग़म नहीं के मुझे मारा-पीटा गया.पर दुख तो इस बात का है कि हम मुंबई में जिस मानसिक यातना के शिकार हुए ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. मैं तो यह कहता हूँ कि इतने ओछेपन तक हम कभी नहीं पहुँच सकते. उस वक्त भी नहीं जब मुंबई या महाराष्ट्र का कोई आदमी हमें पटना में मिले.''
हमें ‘भूखा’, ‘नंगा’ .... ‘भिखारी’ क्या नहीं कहा गया. मुझे लात-घूसों का शिकार बनाया गया.
मैं तब भावुक हो उठा जब मेरी आँखों के सामने मेरा प्रवेशपत्र टुकड़े-टुकड़े कर डाला गया. तब तो जैसे लगा कि मेरे पैरों की ज़मीन खिसक गई. मेरे दिल में अब यह बात आई कि बेरोज़गारी के दंश तो वर्षों से झेल रहा हूँ और अब प्रताड़ना और अपना ही झेलना बाक़ी था. वह भी हो गया.


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'सिंह इज किंग' पटाखों में भी

दीवाली आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं और विभिन्न बाजारों में पटाखे की दुकानें सजने लगी हैं। आग उगलने वाली चाइनीज बंदूक इस बार सबसे नया आइटम है। फिल्म 'सिंह इज किंग' में इस्तेमाल की गई राइफल भी पटाखों की दुकान पर है। इस राइफल में राउंड भरने के लिए मैगजीन भी लगी हुई है। पटाखों की होलसेल मार्किट सदर बाजार में बिक रही चीन के बंदूकनुमा खिलौने का नाम थंडर फायर है। इसकी खूबी यह है कि इसमें लगभग 'थ्री नॉट थ्री' जैसे दो कारतूस भरे जाते हैं और इन्हें हवा में छोड़ने पर आग निकलती हैं। होलसेल में इसकी कीमत 125 रुपये है, चीन में ही निर्मित एके-47 जैसी दिखने वाली राइफल 50 रुपये की है। इस राइफल में मैगजीन लगी हुई है, जिसमें 20 छर्रे भरे जाते हैं। इन दोनों बंदूकों की बाजार में काफी मांग है। दुकानदार ने बताया कि ऐसी राइफल का प्रयोग अक्षय कुमार की फिल्म सिंह इज किंग में किया गया था। इधर, पटाखों में इस बार कुछ विशेष माल नहीं आया है। हालांकि चाइना मेड स्काई शॉट की कम कीमत वाले आइटम जरूर लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। पिकालो नाम के स्काई शॉट की कीमत केवल 120 रुपये है। यह आसमान में पहुंचकर रोशनी के साथ 100 बार आवाज करता है। इसके अलावा माचिस की तीली जैसा एक आइटम भी बाजार में उपलब्ध है। जलाकर पानी में डालने पर भी यह तेज आवाज के साथ फटता है।


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सलमान, शाहरुख ज़रा बचके, आमिर आला रे!

बॉलिवुड में इन दिनों मसल पावर का ही बोलबाला है। बॉलिवुड में इस ट्रेंड को सेट किया सलमान खान ने और उसके बाद जॉन अब्राहम जैसे मॉडल कम ऐक्टर्स ने इस ट्रेंड को आगे बढ़ाया। वक्त की नज़ाकत को पहचाना किंग खान- शाहरुख खान ने और फिल्म ' ओम शांति ओम ' में उनके फैन्स को एकदम शाहरुख का नया लुक नजर आया।
लोग चौंके , लेकिन फिर इस लुक को खूब पसंद किया गया। अब बारी आई है बॉलिवुड के एक और जबरदस्त खान , आमिर खान की। आमिर ने फिल्म इंडस्ट्री में कुछ अलग करने वाले व्यक्ति की छवि बना ली है , इस छवि को आमिर ने पूरी मेहनत और लगन के साथ निखारा है। आमिर की एक अदा है अपने चाहने वालों को चौंका देने की और इस दफा भी उन्होंने चौंका दिया है। फिल्म ' गजनी ' में उनके नए लुक को देखकर सलमान और शाहरुख को अपनी मसल्स पर गर्व करने से पहले एक बार सोचना पड़ेगा।
आमिर खान का यह नया लुक कुछ दिनों में ही नहीं मिला। यह लुक आमिर खान की डेढ़ साल तक लगातार रोज़ साढ़े तीन घंटे एक्सरसाइज़ और कड़े अनुशासन का फल है। ' गजनी ' में अपने चरित्र को निभाने के लिए आमिर ने यह नया लुक हासिल करने का फैसला किया था।
आमिर खान ने 15 मार्च 2007 से लगातार फिजिकल ट्रेनर सत्यजीत चौरसिया और डायटिशियन विनोद दुरंधर की देखरेख में कड़ी मेहनत की है। आमिर खान ने बताया कि हर सोमवार को वह चेस्ट और बैक , हर मंगलवार को वह आर्म्स और हर बुधवार को कंधे और टांगों की कसरत करते थे। उसके बाद फिर इसी साइकल को दोहराते थे। इसके अलावा हर रोज़ आधे से एक घंटे की कार्डियो एक्सरसाइज़ भी उनके रुटीन में शामिल थी।
आमिर बताते हैं कि इतनी कड़ी मेहनत के बावजूद उनके पास दर्द से कराहने की भी फुर्सत नहीं रहती थी क्योंकि ' तारे ज़मीं पर ' के पोस्ट प्रॉडक्शन का काम चल ही रहा था। बाकी कामों के अलावा उन्हें हर रोज़ 8 घंटे की नींद भी लेनी ज़रूरी थी क्योंकि अगले दिन फिर एक्सरसाइज़ जो करनी थी। इसके अलावा आमिर खान को अपने खानपान में बेहद कड़े अनुशासन का पालन करना पड़ा। जो भी हो , आमिर खान के इस लुक को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि आमिर की इतनी मेहनत वाकई रंग लाई है।


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