चुनावी साल होने के कारण इस साल पूर्ण बजट की बजाय 16 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। पूर्ण बजट के ठीक एक दिन पहले जारी की जाने वाली आर्थिक समीक्षा भी इस बार नहीं आएगी।
वर्ष 2004 में तत्कालीन राजग सरकार ने भी ऐसा ही कदम उठाया था, जिसके चलते इस साल आम बजट फरवरी के बजाय एक जुलाई को पेश किया गया था। केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन [यूपीए] सरकार का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है। इसको देखते हुए मनमोहन सरकार ने भी फरवरी में अंतरिम बजट पेश करने की योजना बनाई है। आम चुनाव के बाद जब नई सरकार सत्ता में आएगी तो वह नया बजट पेश करेगी और उसके साथ ही आर्थिक समीक्षा भी जारी होगी।
पूर्व वित्ता मंत्री पी. चिदंबरम को गृहमंत्री बनाए जाने के बाद वित्ता मंत्रालय का कार्यभार प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के पास था। मनमोहन की बाइपास सर्जरी के चलते फिलहाल यह दायित्व विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी संभाल रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि मुखर्जी ही 16 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में बजट भाषण पढ़ेंगे और इससे संबंधित सभी दस्तावेज सदन में रखेंगे।
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