Sunday, October 26, 2008

'वायु सेना की दुर्गति में सरकार की ग़लती'


नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में हवाई सुरक्षा में कोताही के लिए सरकार पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी ने ग़लती स्वीकार की है.
एंटनी ने स्वीकार किया है कि वायु सेना को रडार और अन्य ज़रूरी उपकरण समय पर उपलब्ध न करा पाने की ग़लती उनके मंत्रालय से हुई है.
बंगलौर में पत्रकारों से बातचीत में एंटनी ने कहा, "मैं इस तथ्य को ग़लत नहीं ठहरा रहा हूँ कि समय पर रडार और ज़रूरी उपकरण उपलब्ध न करा पाने के कारण वायु सेना में गंभीर समस्या है. हम पिछड़ रहे हैं."
मैं इस तथ्य को ग़लत नहीं ठहरा रहा हूँ कि समय पर रडार और ज़रूरी उपकरण उपलब्ध न करा पाने के कारण वायु सेना में गंभीर समस्या है। हम पिछड़ रहे हैं। एके एंटनी
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वायु सीमा की निगरानी के लिए भारतीय वायु सेना के पास रडार अपर्याप्त संख्या में हैं.
रक्षा मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि रडार और अन्य ज़रूरी सामान समय से उपलब्ध न करा पाने की समस्या पिछले 17 वर्षों से है। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे पहले क्या हुआ, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.

एंटनी ने कहा, "रडार और अन्य उपकरणों को शामिल करने की प्रक्रिया वर्ष 1991 में शुरू हुई थी। लेकिन इसमें देरी के लिए कई कारण है. पिछले 17 वर्षों में हम वायु सेना को ज़रूरी हवाई सुरक्षा उपकरण नहीं उपलब्ध करा पाए हैं. लेकिन ये पहले की बातें हैं. अब मैं आपसे यह कह सकता हूँ कि समस्या है. मैं आपसे सहमत हूँ."

रक्षा मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि भारत आधुनिक रडारों को और पहले वायु सेना में शामिल कर सकता था. लेकिन अब पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस प्रक्रिया में तेज़ी आई है. एंटनी ने कहा कि पहले जो भी हुआ हो अब वायु सेना हो या अन्य सेना सभी को ज़रूरी उपकरण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पटरी पर है. उन्होंने दावा किया कि अगले कुछ वर्षों में वायु सेना को अति आधुनिक विश्व स्तरीय रडार उपलब्ध करा दिए जाएँगे और इसमें पैसों की कोई समस्या नहीं होगी.

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