Thursday, February 5, 2009

ब्रायन डगलस वेल्स उर्फ़ बॉम्बर वेल्स

इंग्लैंड की ग्लोस्टरशायर और नटिंघमशायर काउंटी की ओर से खेलने वाले क्रिकेटर ब्रायन डगलस वेल्स को उनके डीलडौल के कारण बॉम्बर वेल्स भी कहा जाता था। उन्होंने कभी क्रिकेट को पेशे के तौर पर नहीं लिया। वरिष्ठ क्रिकेट आलोचक माइकल पार्किन्सन के शब्दों में, 'उनके चेहरे पर हमेशा वसंत खिला होता था और आत्मा के भीतर ठहाका।'

वे ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करते थे और खासे सफल भी रहे। 1951 से 1965 के दौरान उन्होंने तीन सौ से ऊपर फर्स्ट क्लास मैच खेले और 998 विकेट लिए। ग्लोस्टर में ब्लैकलिस्ट किए गए ट्रेड यूनियन लीडर के घर पैदा हुए इस खिलाड़ी को उनकी गेंदबाजी ने उतनी ख्याति नहीं दिलाई जितनी घटिया बल्लेबाजी और फील्डिंग ने।

उनके बारे में स्टीफन चॉक लिखते हैं, 'बल्लेबाज के तौर पर उन्हें केवल एक शॉट खेलना आता था। वे हर गेंद को घास काटने वाली शैली से मिडविकेट के ऊपर मारने की कोशिश करते थे। कभी उनका बल्ला सही लग जाता था, जो छक्का ही पड़ता था। फील्ड में वे अक्सर बाउंड्री पर खड़ा रहना पसंद करते थे और दर्शकों से बातचीत का लुत्फ उठाते थे। एक बार किसी दर्शक ने उन्हें फील्ड करते समय चाय का प्याला थमा दिया। तभी बल्लेबाज ने गेंद उन्हीं की दिशा में उठाकर मारी। एक हाथ से चाय का प्याला संभालने की और दूसरे से कैच पकड़ने की कोशिश में संजीदगी से मुब्तिला बॉम्बर वेल्स की कहानियां आज भी चाव से सुनाई जाती हैं।

उनसे संबंधित सबसे मशहूर किस्सा अंपायर डिकी बर्ड ने 'फ्रॉम द पविलियन एन्ड' नामक किताब में लिखा है। वे बताते हैं कि बॉम्बर वेल्स ग्यारहवें नंबर पर बैटिंग करने आते थे क्योंकि उसके नीचे कोई जगह नहीं होती। डेनिस कॉम्पटन ने वेल्स की रनिंग बिटवीन द विकेट्स का कुछ इस तरह वर्णन किया था, 'जब वह यस कहते तो समझिए वह आगामी बातचीत की भूमिका भर बांध रहे हैं।' यह बात दीगर है कि स्वयं कॉम्पटन भी बदनाम रनर थे और उनके बारे में कहा जाता था कि 'यस' कहने के बाद सामने वाले खिलाड़ी से 'ऑल द बेस्ट' कहना नहीं भूलते थे।

एक बार यही दोनों विकेट पर थे। दोनों घायल हो गए। दोनों ने रनर मंगा लिए। स्ट्राइक बॉम्बर के पास था और शॉट मारने के बाद वे रनर को भूल गए। यही बात कॉम्पटन के साथ हुई। जाहिर है दोनों रनर्स भी दौड़ रहे थे। पहला रन जैसे-तैसे बन गया तो दूसरे की पुकार लगी। 'यस' 'नो' की चीख पुकार के बीच जब अंतत: पिच पर पागलपन समाप्त हुआ, चारों खिलाड़ी एक ही एन्ड पर थे। सारा दर्शक समूह हंसी से दोहरा हो गया था और यही हाल फील्डर्स का भी था। ऐसे में एक युवा फील्डर ने दूसरे एन्ड पर विकेट उखाड़ दिए। एलेक स्केल्डिंग मैच में अंपायरिंग कर रहे थे। वे चारों के पास पहुंचे और बोले, 'तुम कम्बख्तों में से एक आउट है, कौन आउट है मुझे पता नहीं। खुद ही फैसला कर लो और जाकर अभागे स्कोरर्स को बता आओ!'

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