एजेंटों और टूरिस्ट गाइडों द्वारा बेची जा रही इन मूंगा चट्टानों को बड़ी संख्या में तीर्थयात्री खरीद रहे हैं। विक्रेताओं का दावा है कि ये चट्टानें भगवान राम की वानरसेना द्वारा तैयार किए गए पुल का हिस्सा हैं।
वन्य और समुद्री जीवन संरक्षण अधिनियम के तहत प्रतिबंधित होने के बावजूद पांच स्थानों-सीता तीर्थम, राम तीर्थम, लक्ष्मण तीर्थम, कंधमाधनापर्वम और एक आश्रम में इन चट्टानों की ब्रिकी हो रही है। चट्टान के एक टुकड़े की कीमत 500 से हजार रु. तक लगाई जा रही है। बिक्री करने वाले एक टूरिस्ट गाइड गोपीनाथन ने बताया कि बेचे गए हर चट्टान के टुकड़े पर उन्हें एक निश्चित कमीशन मिलता है। द्वीप का दौरा करने वाले विशेष अतिथियों को भी यह चट्टानें भेंट की जाती हैं। उसके अनुसार इन चट्टानों को घर में रखना शुभ होता है।
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