वैज्ञानिकों की कसरत कामयाब रही तो एक दिन इंसान 120 साल जिएगा। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चूहा डिवेलप किया है जिसकी उम्र सामान्य चूहों की तुलना में 40 फीसदी धीरे बढ़ती है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने पहले चूहे के जीन में ऐसे बदलाव किए जिससे उसमें कैंसर को लेकर प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई। इसके बाद उन्होंने चूहे में आनुवंशिक तौर पर एक खास प्रोटीन टीलोमेरेज की मात्रा बढ़ाई। टीलोमेरेज कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रवृति पर रोक लगाने के लिए जाना जाता है। टीलोमेरेज कोशिकाओं का पुनर्नवीकरण करके उन्हें लंबे समय तक युवा रखता है। इससे पहले की कोशिशों में एक समस्या यह थी कि जैसे ही चूहों में टीलोमेरेज की मात्रा बढ़ती थी उनमें कैंसर पनपने की आशंका भी उतनी ही बढ़ जाती थी। ताजा स्टडी में वैज्ञानिकों ने चूहे के जीन में ऐसे फेरबदल किए जिससे उनमें कैंसर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता डिवेलप हो जाए। इस तरह जो चूहे पैदा हुए उनमें बुढ़ापे में भी मजबूत मांसपेशियां थीं, त्वचा भी स्वस्थ थी और पाचन संबंधी बीमारियां कम से कम थीं। स्पेन की वैलेंसिया यूनिवर्सिटी की मारिया ए. ब्लास्को का कहना है, इन चूहों में एकसाथ टीलोमेरेज और कैंसर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता डिवेलप करने से उनमें उम्र का बहुत कम असर दिखाई दिया। अगर इंसानों में इस तरह की क्षमता विकसित कर दी जाए तो वह 120 साल तक जीवित रहेंगे।
Sunday, November 16, 2008
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