भारत सरकार ने गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने का फ़ैसला किया है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में जल संसाधन, पर्यावरण एवं वन और नगर विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में ये फ़ैसला किया. बैठक में गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के गठन का भी निर्णय लिया गया.
इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री ख़ुद होंगे और इसके सदस्य उन राज्यों के मुख्यमंत्री होंगे जिन राज्यों से होकर गंगा गुजरती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकार और कार्यक्षेत्र का निर्धारण राज्य सरकारों और मुख्यमंत्रियों से विचार-विमर्श के बाद तय किया जाएगा. मनमोहन सिंह ने कहा कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जनभागीदारी के तहत गंगा की सफ़ाई की जिस योजना की शुरुआत की थी, उसे दोबारा शुरु किया जाएगा. इस संबंध में जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि देशवासियों के दिल में गंगा के विशेष महत्व है इसलिए हमारी ये ज़िम्मेदारी बनती है कि इसे प्रदूषण मुक्त कर आदर्श नदी का रूप दिया जाए.
उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण परियोजना के तहत केवल कुछ नगरों को चुन कर अलग अलग काम करने की बजाए एक समग्र रणनीति बनाने और उसका क्रियान्वयन करने की ज़रूरत है. उल्लेखनीय है कि गंगा का उद्गम स्थल हिमालय पर्वत की दक्षिण श्रेणियाँ हैं. प्रवाह के प्रारंभिक चरण में भारत के उत्तराखंड राज्य में दो नदियाँ अलकनंदा और भागीरथी निकलती हैं. भागीरथी और अलकनंदा का देवप्रयाग में संगम होता है जहाँ से वह गंगा के रूप में पहचानी जाती है. भारत के विशाल मैदानी इलाक़े से होकर बहती हुई गंगा बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है
Wednesday, November 5, 2008
गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने का फ़ैसला
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