Wednesday, November 5, 2008

बराक ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति


अमेरिकी प्रेज़िडंट चुनाव में डेमॉक्रेट उम्मीदवार बराक ओबामा ने बड़ी जीत हासिल की है। अब तक
आए नतीजों के आधार पर 3 49 इलेक्टरल वोट्स हासिल कर उन्होंने रिपब्लिकन जॉन मैक्केन को पछाड़ दिया है। अभी कई राज्यों के नतीजे आने बाकी हैं। मैक्केन 163वोट्स हासिल करके ओबामा से पिछड़ चुके हैं। ओबामा ने कैलिफॉर्निया की 55 इलेक्टरल वोट्स पर कब्ज़ा करके अपनी जीत पक्की कर ली। वॉशिंगटन और ऑरेगन के नतीजे घोषित होते ही पूरे अमेरिका में खुशी की लहर दौड़ गई। ओबामा पहले ब्लैक अमेरिकी प्रेज़िडंट होंगे।

इसके अलावा डेमॉक्रेटिक उम्मीदवार ने मेन, वर्मॉन्ट, न्यू हैंपशर, मैसाचुसिट्स, कनेक्टिकट, न्यू जर्सी, पेनसिलवेनिया, डेलावेअर, मेरिलैंड, ओहायो, मिशिगन, आयोवा, मिनिसोटा, न्यू मेक्सिको और इलिनोय राज्यों में जीत हासिल कर ली है। फ्लॉरिडा और नॉर्थ कैरोलाइना में वह बढ़त बनाए हुए हैं।

उधर जॉन मैक्केन की सबसे बड़ी जीत टेक्सस रही। इसके अलवा वह साउथ डकोटा, निब्रास्का, साउथ कैरोलाइना, जॉर्जिया, वेस्ट वर्जिनिया, केंटकी, टेनेसी, अलबामा, मिसिसिपी, लूईज़ियाना, आर्कन्सो, कैन्ज़ा, नॉर्थ डकोटा, व्योमिंग, यूटा और ओक्लाहोमा में जीत दर्ज कर चुके हैं।

यूनाइटेड ही रहेगा यूएसए: बराक ओबामा

अमेरिका के 44 वें राष्ट्रपति निर्वाचित होने के तुरंत बाद बराक ओबामा ने शिकागो में जनता को संबोधित किया। अपने संबोधन में ओबामा ने जीत के लिए अमेरिकी जनता को धन्यवाद दिया और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का वादा किया।

ओबामा ने कहा कि यह जीत अमेरिका और अमेरिकी नागरिकों की जीत है। उन्होंने यह भी कहा कि इस जीत में बाहर से आए लोगों जैसे एशिया, अफ्रीका और अन्य जगहों से आकर बसे लोगों का भी अहम योगदान रहा। अपने भाषण में ओबामा ने अमेरिकी एकता की बात कही और कहा कि यह ब्लू, ब्लैक या वाइक नहीं बल्कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका ही रहेगा। ओबामा ने अपने प्रतिद्वंदी जॉन मैक्केन और सारा पालिन का शुक्रिया अदा किया और उनके साथ मिलकर देश के लिए काम करने की बात कही। बराक ओबामा को 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी।

ओबामा ने इस जीत सा सेहरा अपने सहयोगी और उप राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए जो बाइडेन, पत्नी मिशेल, परिवार के लोगों, दोस्तों और पार्टी के कार्यकर्ताओं के सिर बांधा। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों के सहयोग के बिना यह जीत संभव नहीं थी।

यह हार मेरी है, आपकी नहीं: मैक्केन

अमरीकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के रुझानों के बीच रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार जॉन मैक्केन ने अपनी हार क़बूल करते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बराक ओबामा को टेलिफ़ोन कर अमरीका के राष्ट्रपति के रुप में बधाई दी.
एक भावपूर्ण संबोधन में जॉन मैक्केन ने बराक ओबामा की मेहनत और सफलता की तारीफ़ की.
उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "हमने अपने मतभेदों को लेकर बहस की. इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी शंकाएँ रहेंगी, लेकिन यह अमरीका के लिए कठिन समय है और हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप सभी बराक ओबामा को बधाई दें."


मुख्य चुनावी मुद्दे

अमरीका के राष्ट्रपति चुनाव में कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर ज़ोरों से बहस होती रही है. इनमें अमरीकी अर्थव्यवस्था का मुद्दा प्रमुख है, ख़ासकर हाल के दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए. इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा, गर्भपात और अवैध आप्रवासियों जैसे घरेलू मसले आमतौर पर छाए रहे

अर्थव्यवस्था अमरीकी अर्थव्यवस्था इस समय जिस दौर से गुज़र रही है, उसे लेकर अमरीकी मतदाताओं में गहरी चिंता है. कई सर्वेक्षणों के मुताबिक अर्थव्यवस्था पहले से ही अहम मुद्दा रहा है लेकिन अमरीका में ताज़ा संकट के बाद तो ये मुद्दा अमरीकी लोगों के लिए सबसे अहम हो गया है. इसलिए जब लीमन ब्रदर्स से जुड़ा संकट सामने आया तो जॉन मैक्केन और बराक ओबामा दोनों ने तुरंत बयान दिया कि बैंकिंग रेगूलेशन में सुधार की ज़रूरत है. जॉन मैक्केन ने तो यहाँ तक कहा था कि वो अपने चुनाव प्रचार को थोड़े समय के लिए रोक देंगे ताकि वो वॉशिंगटन जा सकें और वित्तीय संकट के मुद्दे को सुलझाने में मदद कर सके

रिपब्लिकन पार्टी का रुख़
1.वैकल्पिक न्यूनतम कर हटाकर मध्यम वर्ग पर कर कम करेगी,

2.बुश कार्यकाल के दौरान करों मे गई कटौती जारी रहेगी

3.फिज़ूलख़र्ची कम करके बजट को संतुलित रखा जाएगा.

4.स्वास्थ्य सेवा में सुधार

डेमोक्रेटिक पार्टी का रुख़
1.करों में छूट ताकि मध्यम वर्ग को मदद मिले

2.अमीरों के लिए करों में छूट की नीति बंद की जाएगी

3.मुक्त व्यापार समझौतों पर फिर से विचार

4.स्वास्थ्य सेवा में सुधार

5. राज्यों, बेराज़गारों और कंपनियों की मदद के लिए 60 अरब डॉलर का आपात पैकेज

इराक़

जॉन मेक्केन - वर्ष 2003 में रिपब्लिकन पार्टी ने इराक़ पर हमले के पक्ष में मतदान किया था. जॉन मैक्केन कहते आएँ हैं कि जब तक इराक़ अपनी सुरक्षा ख़ुद नहीं कर सकता तब तक अमरीका को वहाँ रहना चाहिए. लेकिन अब उनका अनुमान है कि उनके कार्यकाल में ज़्यादातर सैनिक 2013 तक हट जाएँगे.

बराक ओबामा - ओबामा शुरु से ही इराक़ युद्ध के खिलाफ़ रहे हैं, उनका कहना है कि इराक़ मसले का सैन्य हल संभव नहीं. वे चरणबद्ध तरीके से अमरीकी सैनिकों की वापसी चाहते हैं. कार्यकाल शुरु होने के बाद वे 16 महीने के अंदर सैन्य अभियान बंद करवाना चाहते


राष्ट्रीय सुरक्षा

अमरीका में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मुख्य मुद्दा ये है कि क्या 9/11 के बाद बनाया गया क़ानून लागू रहना चाहिए या नहीं. इसमें शामिल है

1.पेट्रियट एक्ट- इसके तहत अमरीका में संगिग्ध चरमपंथियों से पूछताछ और संवाद पर नज़र रखी जा सकती है.

2.क्यूबा में ग्वांतानामो बे बंदीगृह जहाँ क़ैदियों को बिना किसी आरोप लगाए या मुकदमा चलाए बरसों रखा जा सकता है

3.विशेष स्थिति में बिना वारंट के लोगों के फ़ोन टैप करना लोगों को तय करना है कि ये क़दम कितने कारगर हैं.

कुछ लोगों की चिंता ये है कि अमरीका पर अब और आतंकवादी हमले न हों जबकि कुछ का मानना है कि इन कदमों से लोगों की आज़ादी का हनन हो रहा है. जॉन मैक्केन का तालुल्क सेना से रहा है और माना जा रहा है कि वो राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर ज़ोर देंगे. लेकिन कई रिपब्लिकन नेताओं से अलग मैक्केन पूछताछ के दौरान ज़ोर-जबरदस्ती किए जाने के ख़िलाफ़ हैं. वे खुद वियतानाम यु्द्ध में बंदी थे और उन पर अत्याचार भी हुआ था. जबकि डेमोक्रेटिक नेता राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत नागरिकों के अधिकारों के हनन को लेकर चिंता जताते रहे हैं. पार्टी 9/ 11 के बाद लाए गए कुछ विधेयकों को वापस लेना चाहती है. इराक़ युद्ध के राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर को लेकर दोनों पार्टियों में मतभेद है. रिपब्लिकन पार्टी और जॉन मैक्केन का तर्क है कि इराक़ युद्ध के कारण अमरीका सुरक्षित जगह बनी है. जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी का तर्क है कि इराक़ युद्ध के कारण अमरीका अल क़ायदा के ख़िलाफ़ लड़ाई में भटक गया है और उसने कई नए दुश्मन बना लिए हैं जिससे अमरीका और असुरक्षित हुआ है

No comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणी हमारे लिए बेहद खास है।
अत: टिप्पणीकर उत्साह बढ़ाते रहें।
आपको टिप्पणी के लिए अग्रिम धन्यवाद।