Thursday, March 19, 2009

उमा के बदलते बयान

पहले
'आपको (लाल कृष्ण आडवानी ) छोड़ूंगी नहीं, पीएम नहीं बनने दूंगी...'
अब
'आडवानी से बेहतर पीएम कोई नही '

नेताओं के बयान कैसे बदलते हैं, उमा भारती इसका उदारण हैं। कल तक आडवाणी को वह कोसती थीं और आज उन्हें ही पीएम पद के लिए सबसे अच्छा कैंडिडेट बता रही हैं। उमा भारती ने बुधवार को कहा कि वह चाहती हैं कि इस बार आडवाणी प्रधानमंत्री बनें क्योंकि उनसे समझदार नेता देश में दूसरा नहीं है। आडवाणी को पिता समान बताते हुए उमा ने उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत बताया।
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अब जरा चार महीने पीछे जाएं। नवंबर में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उमा का मुकाबला बीजेपी से था और वह पानी पी-पीकर पार्टी को कोसती थीं। उन्होंने कहा था कि वह किसी भी कीमत पर आडवाणी को प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगी।
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एक इंटरव्यू के अंश
उमा भारती - 'मैं तो रात-दिन इसके लिए मेहनत कर रही हूं कि भारतीय जनशक्ति की सरकार बने। भारतीय जनशक्ति की सरकार अगर यहां बनेगी तो मैं लक्ष्य केंद्र पर भी रखे हुए हूं। फिर मैं आडवाणी जी को प्रधानमंत्री बनने से रोकूं। क्योंकि मुझे बहुत डर लग रहा है। आडवाणी जी ने प्रधानमंत्री बनने के लिए, आपको पता नहीं, कौन सी देहरी नहीं छोड़ी।
पहले वो राम की देहरी में मत्था टेके। तो उसमें अटल जी बन गए धोखे से। उसके बाद वो जिन्ना की देहरी पर मत्था टेके तो फिर उनका हिसाब-किताब गड़बडा गया। उनको अध्यक्ष पद से ही निकाल दिया गया। अब उन्होंने अपने ईसाई होने का भी दावा कर दिया है, अगर आपको पता हो तो। अरे उन्होंने तो कह दिया ना कि मैं ईसाई स्कूल में पढ़ा हूं, ईसा मसीह को बहुत मानता हूं। ये बात उन्होंने पांच-सात साल नहीं कही होगी।
इसलिए मुझे बहुत डर लग रहा है कि जिस आदमी की असली रंगत ही न पता हो कि वास्तविकता क्या है, ऐसा व्यक्ति अगर एक घंटे के लिए भी प्रधानमंत्री के पद पर बैठ गया तो हे भगवान, इस देश को कौन बचाएगा। इसलिए मैं ये परम लक्ष्य मानती हूं अपना कि आडवाणी को पीएम बनने से रोकना है। मैं आज भी कहूंगी कि अर्जुन ने जब बाण चलाए तो भीष्म पितामह को प्रणाम करते हुए चलाए थे। तो मैं आपके माध्यम से आडवाणी जी को प्रणाम करूंगी और ये बाण चलाऊंगी कि आपने देश के साथ धोखा किया, आपने राम के साथ धोखा किया, आपने ईमानदार नेताओं को निकाला, आपने सत्ता के दलालों के कहने पर बीजेपी चलाई और हमारे जैसे ईमानदार लोगों का अपमान किया, इसकी माफी आपको देश की जनता से नहीं मिल सकती। आप पिता समान हैं। लेकिन आपको छोड़ूंगी नहीं, प्रधानमंत्री नहीं बनने दूंगी।'

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