Monday, March 9, 2009

'कश्मीर न सुलझा तो और करगिल होंगे'

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने चेताया है कि पाकिस्तानी समाज में काफी 'मुजाहिदीन' और 'आजाद जिहादी' हैं, जिनका कश्मीरियों की समस्याओं से भावनात्मक रिश्ता है। और अगर कश्मीर मुद्दा लंबे समय तक अनसुलझा रहा तो करगिल जैसे और विवाद हो सकते हैं। मुशर्रफ को एक सेमिनार में कई असहज सवालों का सामना करना पड़ा। तीन घंटे की चर्चा के दौरान कई सवालों पर उनकी चिढ़ भी दिखी। खासकर, जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान से आतंकवाद क्यों जारी है, करगिल की घटना क्यों हुई और क्या भारत पाकिस्तानी सेना व आईएसआई पर भरोसा कर सकता है।
करगिल पर जब समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह ने पूछा कि अगर वह शांति चाहते थे तो पाकिस्तान इस तरह की गतिविधि में क्यों शामिल हुआ। मुशर्रफ ने यह कहकर जवाब टाल दिया कि यह संवेदनशील मुद्दा है। भारत में आतंकवाद का मुख्य कारण कश्मीर समस्या है (तो फ़िर पाकिस्तान का इसमे क्या रोल है)। लश्कर-ए-तयबा और जैश-ए-मोहम्मद वजूद में इसलिए आए कि पाकिस्तान में कश्मीरी जनता के प्रति सहानुभूति है (अपने घर में आग लगी है तो दूसरी जगह निगाह रखना कोई आपसे सीखे) । मुशर्रफ ने कहा कि पाक सरकार को मुंबई हमले के मामले में सहयोग करना चाहिए। हालांकि उन्होंने भारत पर युद्धोन्माद पैदा करने का आरोप लगाया (क्योंकि शर्म हमको नही आती)।

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