केविन पीटरसन और उनके खिलाड़ियों को महेंद्र सिंह धौनी के रणबांकुरों से उस धरती पर लोहा लेना होगा जहां पिछले 23 साल में इंग्लैंड की टीम केवल एक टेस्ट मैच जीत पाई है और इस बीच वह कभी सीरीज अपने नाम नहीं कर पाई।
- इंग्लैंड ने भारतीय सरजमीं पर अंतिम बार 1984-85 में डेविड गावर के नेतृत्व में 2-1 से सीरीज जीती थी। इसके बाद उसने भारत में नौ टेस्ट मैच खेले लेकिन इनमें से पांच में उसे हार मिली और केवल एक मैच में वह जीत दर्ज कर पाया।
- इसके दो साल बाद कपिल देव की टीम ने उसे उसकी सरजमीं पर 2-0 से हराकर इतिहास रचा था जबकि 1992-93 में जब इंग्लैंड की टीम भारत आई तो मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई वाली टीम ने 3-0 से व्हाइटवाश किया
- भारत ने पिछले साल [2007 में] इंग्लैंड दौरे में तीन मैचों की सीरीज 1-0 से अपने नाम की थी। इस बीच 2005-06 की भारत में खेली गई सीरीज 1-1 से बराबर रही थी।
- इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ वैसे अंतिम सीरीज 12 साल पहले 1996 में अपनी सरजमीं पर 1-0 से जीती थी।
- इंग्लिश टीम ने कुल 97 मैच में से 34 में जीत दर्ज की जबकि भारत ने 18 मैच जीते। लेकिन यदि भारतीय सरजमीं पर प्रदर्शन की चर्चा की जाए तो भारत का पलड़ा भारी है जिसने 43 मैच में से 13 में जीत हासिल की जबकि इंग्लैंड ने 11 मैच अपने नाम किए।
- सचिन तेंदुलकर [1994] को इन दोनों देशों के बीच मैचों में 2000 रन पूरा करने वाला दूसरा बल्लेबाज बनने के लिए केवल छह रन चाहिए। सुनील गावस्कर [2483] इसमें चोटी पर हैं।
- राहुल द्रविड़ को टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक कैच का रिकार्ड अपने नाम करने के लिए केवल तीन कैच की जरूरत है। उन्होंने अब तक 179 कैच लिए हैं और आस्ट्रेलिया के मार्क वॉ के 181 कैच के विश्व रिकार्ड से केवल दो कैच दूर हैं।
- कप्तान धौनी भारत की तरफ से 100 शिकार करने वाले चौथे विकेटकीपर बनने की राह पर हैं। इसके लिए अब उन्हें सात शिकार की जरूरत है।
No comments:
Post a Comment
आपकी टिप्पणी हमारे लिए बेहद खास है।
अत: टिप्पणीकर उत्साह बढ़ाते रहें।
आपको टिप्पणी के लिए अग्रिम धन्यवाद।