सौर ऊर्जा के चलाई जाने वाली एक कार दुनिया के लगभग 40 देशों का दौरा करने के बाद संयुक्त राष्ट्र के पौलैंड में जलवायु परिवर्तन पर हो रहे सम्मेलन में पहुँची है. इस तीन पहियों वाली सोलर कार के चालक स्विट्ज़रलैंड के एक अध्यापक लुई पाल्मर हैं जिन्होंने 17 महीनों में 52 हज़ार किलोमीटर की यात्रा की है.
उनका कहना है कि इससे ये साबित होता है कि सौर ऊर्जा तेल और उससे पैदा होने वाली ऊर्जा का विकल्प है. पाल्मर का दावा है कि ग्लोबल वॉर्मिंग यानी पृथ्वी के बढ़ते तापमान की समस्या का हल निकालने में मदद मिल सकती है लेकिन उनका ये भी कहना है कि उनके वाहन की इस 52 किलोमीटर की यात्रा के दौरान केवल दो बार मरम्मत करनी पड़ी.
हालाँकि पाल्मर का ये भी कहना है कि इसका उद्यौगिक स्तर पर उत्पादन करना है तो इसमें कई परिवर्तन करने होंगे. इस छोटी दो सीटों की कार के पीछे एक ट्रेलर है जिसमें सूरज की किरणों से चार्ज होने वाली बैटरी रहती है और एक बार चार्ज किए जाने के बाद ये कार तीन सौ किलोमीटर चल सकती है. ये कार 90 किलोमीटर प्रति घंटा कि रफ़्तार तक चल सकती है
उनका कहना है कि इससे ये साबित होता है कि सौर ऊर्जा तेल और उससे पैदा होने वाली ऊर्जा का विकल्प है. पाल्मर का दावा है कि ग्लोबल वॉर्मिंग यानी पृथ्वी के बढ़ते तापमान की समस्या का हल निकालने में मदद मिल सकती है लेकिन उनका ये भी कहना है कि उनके वाहन की इस 52 किलोमीटर की यात्रा के दौरान केवल दो बार मरम्मत करनी पड़ी.
हालाँकि पाल्मर का ये भी कहना है कि इसका उद्यौगिक स्तर पर उत्पादन करना है तो इसमें कई परिवर्तन करने होंगे. इस छोटी दो सीटों की कार के पीछे एक ट्रेलर है जिसमें सूरज की किरणों से चार्ज होने वाली बैटरी रहती है और एक बार चार्ज किए जाने के बाद ये कार तीन सौ किलोमीटर चल सकती है. ये कार 90 किलोमीटर प्रति घंटा कि रफ़्तार तक चल सकती है
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