Friday, January 2, 2009

'ताज और ओबेरॉय में आग लगाओ-आग लगाओ'

  • वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल कॉल्स से मिले विवरण से खुलासा
  • लश्कर-ए-तैयबा के आलाकमान जिहादियों दे रहे थे दिशा-निर्देश
  • लश्कर के कमांडरों की पहचान ज़रार शाह, अबू हमज़ा और अबू काफा के रूप में
नई दिल्लीः 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों की जांच में वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल से आंतकवादियों और उनके आकाओं के बीच बातचीत का खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, कॉल्स से मिले विवरण से खुलासा हुआ है कि हमले के मास्टरमाइंड पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आलाकमान जिहादियों के साथ बड़े ही शांत तरीके से बातचीत कर रहे थे और दिशा-निर्देश दे रहे थे। आतंकवादियों और लश्कर के कमांडरों के बीच बातचीत जांच में एक अहम सबूत मानी जा रही है।
गौरतलब है लश्कर के कमांडरों की पहचान ज़रार शाह, अबू हमज़ा और अबू काफा के रूप में हुई है। हालांकि लश्कर कमांडरों ने बातचीत के जरिए अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की थी। लेकिन अमेरिका की खुफिया एजंसी एफबीआई और दूसरी एजंसियों की मदद से भारतीय जांचकर्ताओं ने कॉल्स के डीटेल्स पता कर लिए हैं।
डीटेल्स से पता चला है कि नरीमन हाउस, ओबेरॉय और ताज होटेल में घुसे आतंकवादियों को उनके आका पल पल की जानकारी दे रहे थे। पंजाबी में बात करते हुए लश्कर आकाओं ने जिहादियों से कहा कि उन जगहों पर नजर रखें जहां से सुरक्षाकर्मी और कमांडो आ सकते हैं। उन्होंने कहा- कमांडो पर ग्रेनेड फेंको और उन पोजिशनों से हट जाओ जहां से कमांडो उन्हें निशाना बना सकते हैं। लश्कर के कमांडर आतंकवादियों से बार-बार आग लगाने के लिए कह रहे थे ताकि ज्यादा से ज्यादा जान-माल का नुकसान हो। उनके शब्द थे- 'आग लगाओ, आग लगाओ।'
पाकिस्तान में बैठे इन आकाओं ने नरीमन हाउस में घुसे आतंकवादियों से इस्राइलियों को मार डालने के लिए कहा। कॉल्स डीटेल्स से पता चला कि लश्कर लीडर्स नरीमन हाउस में एक आतंकवादी इमरान बब्बर द्वारा टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू पर भी शांत नजर आए। बल्कि वह इस बात पर खुश हुए कि बब्बर ने इंटरव्यू के दौरान इंग्लिश शब्दों का भी इस्तेमाल किया।
यही नहीं लश्कर कमांडर ने दूसरे आतंकवादियों से पूछा- 'तुम भी देना चाहते हो।' जैसे ही सेना ने मोर्चा संभाला और कमांडो कार्रवाई के लिए आगे बढ़ें लश्कर कमांडर ने तुरंत आतंकवादियों को चेताया- 'फौज आ रही है, कवर लो।' लेकिन बातचीत के दौरान कहीं भी उनकी आवाज़ में चिंता नज़र नहीं आई। बल्कि वह इस बात से आश्वस्त लगे कि एनएसजी के जवानों के लिए इन आतंकवादियों को निपटाना आसान नहीं होगा।
कमांडो कार्रवाई के दौरान लश्कर कमांडर ने उन्हें खजूर खाने और आराम करने के लिए कहा। आतंकवादियों से उन्होंने कहा- 'थकना नहीं है' । आतंकवादियों के कोई भी आका इस पूरी बातचीत के दौरान कहीं भी चिंतित नजर नहीं आए। एक आतंकवादी ने जब उन्हें बताया कि वह बुरी तरह जख्मी हो गया है, तब उन्होंने बड़े ही शांत तरीके से आतंकवादी से कहा- 'आखिरी वक्त आ गया है, नमाज़ अदा करो।'

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