Thursday, January 1, 2009

नाम बदलने की फिराक में जमात-उद-दावा

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के नेताओं की हाल की गतिविधियां से संकेत मिले हैं कि यह संगठन नये नाम से फिर से सक्रिय होने की फिराक में हैं। सूत्रों के मुताबिक मुंबई हमलों में लश्कर-ए-तैयबा का नाम सामने आने पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किए गए लश्कर के छद्म रूप जमात-उद-दावा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हाल में पाकिस्तान में तहरीक-ए-हुरमत-ए-रसूल [टीएचआर] के बैनर तले एक रैली की थी।
उन्होंने बताया कि यह संभव है कि जमात अपने पुराने नाम को छोड़ कर टीएचआर का छद्मावरण ओढ़ कर अपनी गतिविधियों को संचालित करने की योजना बना रहा हो। दरअसल, अमेरिका द्वारा लश्कर पर करीब सात साल पहले प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उसने जमात-उद-दावा के नाम से अपनी गतिविधियां जारी रखी थी। वर्ष 1990 में अफगानिस्तान के कुनार प्राप्त में गठित किए गए लश्कर-ए-तैयबा का लोकतंत्र में तनिक भी विश्वास नहीं है और उसके संस्थापक सईद का कहना है कि जेहाद ही एकमात्र रास्ता है जिससे पाकिस्तान आत्मसम्मान और संपन्नता के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है।
भारत बार-बार कहता रहा है कि जमात-उद-दावा तालीम और तथाकथित खैरात के नाम पर विभिन्न अवैध गतिविधियों में लिप्त है मगर उसके बावजूद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कानूनों को ताक पर रखकर उसकी तरफ से नजरें फेरे हुए हैं।

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