Thursday, January 1, 2009

सशस्त्र बलों को नव वर्ष का तोहफा

  • बनेगा अलग वेतन आयोग
नई दिल्ली। सशस्त्र बलों को नए साल का तोहफा देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने रक्षा मंत्रालय को सूचित किया है कि उनके लिए अलग से वेतन आयोग होगा, जो असैनिक वेतन आयोग से अलग होगा।
रक्षा मंत्रालय को प्रधानमंत्री कार्यालय ने सूचित किया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने 12 हजार से अधिक लेफ्टिनेंट कर्नलों तथा नौसेना और वायु सेना में उनके समकक्षों को छठे वेतन आयोग के पे बैंड चार में लाने की मांग को भी स्वीकार कर लिया है।
हालांकि पीएमओ ने कहा कि 8000 रुपये के ग्रेड पे के साथ पे बैंड चार का दर्जा उन्हीं लेफ्टिनेंट कर्नलों को दिया जाएगा, जो युद्ध में भूमिका निभा रहे हों अथवा जो युद्ध के लिए तैयार होंगे। जो लेफ्टिनेंट कर्नल प्रतिस्थापन पर अन्य सेवाओं में होंगे उन्हें पे बैंड चार का दर्जा तभी मिलेगा जब वे अपनी मूल सेवा में लौटेंगे।
जवानों से संबंधित एक अन्य मांग को पीएमओ ने स्वीकार किया है। सरकार जवानों का 70 फीसदी पेंशनभार बहाल करेगी। सरकार की ओर से सेवानिवृत्ता सशस्त्र बल के जवानों को अ‌र्द्धसैनिक बलों और केंद्रीय पुलिस बल में प्रवेश की अनुमति देने के संबंध में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने तक 70 फीसदी पेंशनभार का प्रावधान जारी रहेगा।
पीएमओ ने यह पत्र रक्षा मंत्रालय को दिसंबर के आखिरी हफ्ते में भेजा। हालांकि इस पत्र में लेफ्टिनेंट जनरलों को उच्चतर प्रशासनिक ग्रेड प्लस वेतनमान में डालने तथा कैप्टन से ब्रिगेडियर तक के अधिकारियों को उनके असैनिक समकक्षों के बराबर लाने की सशस्त्र बलों की दो अन्य प्रमुख मांगों पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन रक्षा कर्मियों की मांगों को मानते हुए पीएमओ ने कहा कि वह कमान और नियंत्रण कार्यो तथा उनके असैनिक तथा अ‌र्द्धसैनिक समकक्षों के विपरीत सशस्त्र बलों के दर्जे की समीक्षा के लिए उच्चाधिकार समिति का गठन करेगी।

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