Tuesday, January 20, 2009

ओबामा के समक्ष आर्थिक चुनौतियाँ

वर्ष 2008 की शुरुआत से ही अमरीकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है और अगले एक साल तक इससे निजात मिलने की उम्मीद नहीं है। इस हिसाब से दूसरे विश्व युद्ध के बाद की ये सबसे लंबी मंदी साबित हो रही है। बीते साल लगभग 26 लाख अमरीकियों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा और बेरोज़गारी की दर सात फ़ीसदी से अधिक हो गई है।
ऐसे समय में जब बराक ओबामा राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहे हैं, लगभग एक करोड़ दस लाख अमरीकी बेरोज़गार हैं और उन्होंने संकेत दिए हैं कि रोज़गार के नए अवसर पैदा करना उनकी प्राथमिकता होगी। हाउसिंग क्षेत्र को संकट से उबारना एक बड़ी चुनौती होगी। यह उनके 800 अरब डॉलर के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का मुख्य लक्ष्य है और वो चाहते हैं कि अमरीकी कांग्रेस इसे तुरंत मंज़ूरी दे दे।
ओबामा ने कहा है कि वो सड़क, पुल, स्कूल और बिजली जैसे बुनियादी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना चाहते हैं।
संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव ने पहले ही 825 अरब डॉलर की योजना प्रस्तावित की है जिसमें 550 अरब डॉलर निवेश पर और 275 अरब डॉलर करों में छूट पर खर्च होंगे। लेकिन सदन का कहना है कि और पैसों की ज़रूरत पड़ेगी।
बराक ओबामा की सोच पर कुछ विरोधाभास भी उभर कर सामने आए हैं जिनका समाधान नहीं हो सका है। एक ऐसा ही मुद्दा है कि रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए और बुनियादी ढाँचे पर कितना खर्च किया जाए और आम लोगों और कारोबारियों को कर में कितनी छूट दी जाए ताकि वे ख़ुद खर्च करने की पहल करें।
ओबामा ने व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर पर कुल 1500 डॉलर के बराबर कर छूट देने का वादा किया है। लेकिन कुछ आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की छूट का आर्थिक विकास पर असर पड़ सकता है। आर्थिक मंदी से निपटने के लिए पिछले साल अक्तूबर में 700 अरब डॉलर के आपात पैकेज को कांग्रेस ने मंज़ूरी दी थी। बुश प्रशासन ने इनमें से आधी राशि खर्च कर दी है और इसका अधिकतर इस्तेमाल बैंकों को अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराने पर हुआ है लेकिन आधा हिस्सा अभी बचा हुआ है। शेष पैकेज को भी सीनेट ने पारित कर दिया है लेकिन महज 52-42 के वोट से। इससे लगता है कि वित्तीय क्षेत्र में सरकारी हस्तक्षेप के मुद्दे पर उन्हें डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों दलों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस की एक समिति पहले ही पैकेज के बँटवारे को लेकर नाखुशी जता चुकी है। इनके अलावा हाउसिंग क्षेत्र को संकट से उबारना और बजट घाटे को पाटना ओबामा के लिए बड़ी चुनौती होगी.

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