Friday, November 7, 2008

सौरभ गांगुली की कुछ अनजानी बातें...



  • सौरभ गांगुली भले ही बाएं हाथ से बैटिंग करते हों, लेकिन वह नैचरल रूप से राइट हैंडर हैं। वह सारा काम दाएं हाथ से करते हैं।

  • बचपन में दादा काफी शरारती थे। बचपन में उन्हें कुत्तों से काफी डर लगता था।

  • सौरभ गांगुली ने क्रिकेट का पहला सबक अपने भाई स्नेहाशीष से सीखा। दरअसल सौरभ गांगुली फुलबॉलर बनना चाहते थे, पर ऐक्सिडंटली क्रिकेटर बन गए। सौरभ ने कई इंटरव्यूज़ में यह बात स्वीकार की। वह अब भी कहते हैं कि मैं टीवी पर क्रिकेट मैच देखने के मुकाबले फुटबॉल देखना पसंद करता हूं।

  • बंगाल रणजी टीम में पहली बार सौरभ गांगुली का सिलेक्शन उनके भाई स्नेहाशीष के स्थान पर हुआ।

  • सौरभ गांगुली कोलकाता के एक धनी परिवार से आते हैं। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि गांगुली का कोलकाता में 48 कमरों का मकान है और उनके पास 32 कारें हैं।

  • सौरभ होटल के कमरे में जब भी पहुंचते हैं, अपनी बीवी और बेटी का फोटो टेबल पर इस प्रकार सेट करते हैं कि वे दोनों हमेशा उनकी आंखों के सामने होते हैं।

  • सौरभ के नाम पर कोलकाता में एक अपार्टमंट कॉम्पलेक्स है। इसका नाम है सौरभ हाउसिंग कॉम्पलेक्स।

  • सौरभ डायरी मेंटन करते हैं। वह बंगाला भाषा में रोज अपनी बातें इसमें लिखते हैं। -सौरभ गांगुली अब भी जॉइंट फैमिली में रहते हैं। इस परिवार में 50 लोग

  • सौरभ गांगुली का पहला सिलेक्शन 1992 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर हुआ था। यहां पर उन्हें वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेलने का मौका मिला। इस मैच में दादा ने 3 रन बनाए। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। सौरभ पर ऐरगन्ट होने का आरोप लगा। इसके चार साल बाद फिर उन्हें मौका मिला। दरअसल कप्तान अजहर से कहासुनी के बाद नवजोत सिद्धू इंग्लैंड से स्वदेश लौट गए। इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू की जगह पर लॉर्ड्स टेस्ट में उनका सिलेक्शन हुआ। फिर दादा ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

  • मंगलवार और शनिवार को दादा सिर्फ शाकाहारी भोजन ही करते हैं।

  • गांगुली को आलू पोस्तो काफी पसंद है। यह एक बंगाली डिश है। दादा विदेश दौरे से जब भी घर लौटते हैं, डोना उनके लिए आलू पोस्तो बनाती हैं।

  • अपने साथी तेंडुलकर के नक्शे कदम पर चलते हुए दादा ने भी तीन मंजिला रेस्तरां खोला है। यह रेस्तरां कोलकाता के पॉश इलाके पार्क स्ट्रीट में है। 2004 में तेंडुलकर ने इसका उद्घाटन किया था। रोचक बात यह कि जिस टेस्ट में दादा ने सेंचुरी बनाई, उसमें भारत को हार नहीं मिली।

  • सौरभ को कोलकाता से बेहद प्यार है और वह इस शहर के अलावा किसी दूसरे शहर में रहने के बारे में सोच भी नहीं सकते।

  • 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए बेंगलुरु टेस्ट में दादा ने पहली पारी में डबल सेंचुरी लगाई। दूसरी पारी में भी उन्होंने 91 रन बनाए। अगर दादा दूसरी पारी में 100 रन बनाने में कामयाब हो जाते, तो वह सुनील गावस्कर के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर होते, जिसने एक ही टेस्ट में डबल सेंचुरी और सेंचुरी बनाई।

  • अरविंदा डिसिल्वा और महेला जयवर्धने के बाद सौरभ तीसरे कप्तान हैं, जिन्होंने सेंचुरी लगाकर अपनी टीम को वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाया।

No comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणी हमारे लिए बेहद खास है।
अत: टिप्पणीकर उत्साह बढ़ाते रहें।
आपको टिप्पणी के लिए अग्रिम धन्यवाद।