Tuesday, November 4, 2008

जेहन में जुझारू क्रिकेटर


जुझारू क्रिकेटर अनिल कुंबले के जीवट के कायल तो सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, सौरभ गांगुली और वी.वी. एस. लक्ष्मण सरीखे उनके समकालीन भी रहे हैं। इनके नाम के साथ कुंबले के नाम को जोड़कर ही इन्हें 'फैब फाइव' कहकर बुलाया जाता है।

फैब फाइव' ने ही भारतीय क्रिकेट को उस बुलंदी पर पहुंचाने में मदद की जहां से वह ऑस्ट्रेलिया सरीखी टीम को भी चुनौती देने की स्थिति में आ गया है। यह देखते हुए कि कुंबले ने अपने करिअर में सबसे ज्यादा विकेट (111) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही लिए हैं, इस काम में कुंबले के योगदान की कीमत समझी जा सकती है। भारत के कप्तान कुंबले ने रविवार को जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के अंतिम दिन इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कहने की घोषणा की तो मैदान पर मौजूदा हर कोई सकते में आ गया।

मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ के दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन 17 अक्टूबर को अनिल कुंबले 38 बरस के हुए थे। सचिन ने कुंबले के जन्म दिन के दिन ही लारा का टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने का रेकॉर्ड तोड़ने का गौरव पाया था। सचिन से तब बतौर क्रिकेटर कुंबले के बाबत पूछा गया तो उन्होंने उन्हें सलाम करते हुए कहा था, 'टेस्ट क्रिकेट में 600 से अधिक विकेट लेना वाकई बड़ी उपलब्धि है। यह वाकई बतौर गेंदबाज उनके समर्पण की मिसाल है। उनका जीवट बेमिसाल रहा है। मैं उनके साथ ड्रेसिंग रूम में रहने के हर क्षण को याद करता हूं। उनके साथ खेलना गौरव की बात है।

अनिल कुंबले को भारतीय टीम में मौका मनिंदर सिंह की जगह मिला था। इस पर खुद मनिंदर सिंह ने कहा कि बधाई उस समय के चयनकर्ताओं को, जिन्होंने मुझे ड्रॉप कर ऐसा महान स्पिनर चुना, जिसने देश और विदेश में अकेले दम भारत को बहुत ही यादगार टेस्ट जीत दिलाई और डेढ़ दशक तक छाया रहा। रही बात कुंबले के जीवट की तो यह सब क्रिकेटर में तभी आता है जब उसमें जुनून होता है। क्रिकेटर में जुनून हो तो वह तो वह किसी भी चोट की परवाह किए बगैर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। कुंबले ने बस यही किया। कुंबले के अंत तक हार नहीं मानने के जज्बे का मुरीद तो हर कोई रहा है। गांगुली भी मोहाली टेस्ट में अपनी शानदार सेंचुरी के बीच कुंबले के जीवट की चर्चा करने से नहीं चूके थे। गांगुली ने रविवार को कहा कि भारतीय टीम को उनकी कमी अखरेगी। दि ल्ली में तीसरे टेस्ट में 'मैन ऑफ द मैच' रहे लक्ष्मण ने भी कहा, 'मुझे कुंबले के साथ ड्रेसिंग रूम में बिताया हर क्षण याद रहेगा। मैं उनके जीवट का कायल हूं। कुंबले खुद तो बढ़िया प्रदर्शन करते ही थे, मुश्किल स्थिति में पूरी टीम को अच्छे प्रदर्शन का हौसला देते रहते थे। मैं कुंबले को इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कहने पर भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं। द्रविड़ और कुंबले अपनी क्रिकेट साथ-साथ खेले।

राहुल द्रविड़ ने कहा कि कुंबले के साथ खेलना गौरव की बात है। वह देश के महानतम क्रिकेटरों में से एक हैं। कुंबले ने 2002 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ एंटीगा टेस्ट में जब जबड़ा टूट जाने के बाद गेंद थामी और ब्रायन लारा का विकेट लिया तो वहां मौजूद वेस्ट इंडीज के पूर्व महान बल्लेबाज विवियन रिर्चड्स तक उनके जीवट के कायल हो गए थे। ऐसी ही जीवट कुंबले ने दिल्ली में यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में बाएं हाथ में चोट लगने के बावजूद गेंदबाजी कर दिखाया।

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