Saturday, November 8, 2008

क्रिकेट इतिहास का सबसे कुख्यात ओवर

20 मार्च 1990 को क्राइस्ट चर्च में वेलिंगटन और कैन्टरबरी के बीच न्यूजीलैंड की घरेलू प्रतियोगिता शैल ट्रोफी के मैच का आखिरी दिन था। कैन्टरबरी को जीत के लिए 291 रनों की जरूरत थी। वेलिंगटन की घातक गेंदबाजी के आगे कैन्टरबरी की टीम के शुरुआती आठ विकेट फकत 108 रन पर गिर गए थे, लेकिन ली जरमोन और रोजर फोर्ड ने जैसे तैसे समय काटा।
अब सिर्फ दो ओवर बाकी बचे थे। मैच के ड्रॉ होने की पूरी संभावना नजर आ रही थी। उस वक्त स्कोर था 115 पर 8 विकेट। जरमोन 75 रन बनाकर खेल रहे थे। वेलिंगटन के कैप्टन जान मॉरिसन को एक आइडिया सूझा और उन्होंने गेंद रॉबर्ट वान्स को थमा दी।
न्यूजीलैंड की ओर से बतौर बल्लेबाज टेस्ट और वन डे खेल चुके वान्स के करिअर के अंतिम दिन चल रहे थे। उनका क्रिकेट जीवन बहुत साधारण रहा था और अब यह बात तय है कि अगर वान्स को यह ओवर नहीं मिलता, तो शायद उनका नाम इतिहास की गर्द से कब का ढंक चुका होता। मॉरिसन ने वान्स से कहा कि वह बिल्कुल लप्पा गेंद डाले और जितना संभव हो रन पिटाए। इसके पीछे दलील यह थी कि मारने के चक्कर में बल्लेबाज अक्सर विकेट दे बैठते हैं और वेलिंगटन के लिए यह जीत प्रतियोगिता के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होती।
खैर वान्स ने अपने कप्तान की बात को ज्यादा ही अच्छी तरह समझ लिया और क्रिकेट के इतिहास का सबसे कुख्यात ओवर डाला। वान्स ने ओवर में कुल 22 गेंदें डालीं। पहली गेंद नो बाल थी। दूसरी पर जरमोन ने चौका मारा। उसके बाद जानबूझकर अगली 15 गेंदें वान्स ने नो बॉल कीं। वान्स की कमजोर फुलटॉसों के सिलसिले के जवाब में न्यूजीलैंड के टेस्ट विकेटकीपर रहे ली जरमोन ने चौकों और छक्कों की झड़ी लगा दी। ओवर की छठी गेंद पर लगाए एक छक्के के साथ उन्होंने अपना शतक पूरा किया। आलम यह था कि फील्डर गेंद को रोकने में कतई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे जबकि जरमोन ने गेंदों के साथ कत्लेआम मचा रखा था।
ओवर की 22 में से 2 गेंदें दूसरे छोर पर खेल रहे फोर्ड को मिलीं जिन पर उन्होंने 5 रन बनाए। बाकी की गेंदों में जरमोन ने कुल मिला कर 70 रन ठोक डाले। इनमें 8 छक्के और 5 चौके शामिल थे। ध्यान रहे नो बाल पर रन बनने की स्थिति में नो बाल का रन उन दिनों स्कोर में नहीं जोड़ा जाता था। नए नियमों के हिसाब से चलें, तो कुल स्कोर में पंद्रह रन और जुड़ते।
ओवर का विवरण कुछ इस तरह था - 04446646410666401
उधर बेचारे स्कोररों का बुरा हाल था और उनकी कुछ समझ में कुछ नहीं आ रहा था। एकाध बार उन्हें अपने काम में दर्शकों तक की मदद लेनी पड़ी। हतप्रभ अंपायरों के पल्ले भी कुछ ज्यादा नहीं पड़ रहा था। इसी अफरातफरी के बीच आखिरी ओवर शुरू हुआ। स्कोर दोनों टीमों को नहीं मालूम था। लेकिन असल में कैन्टरबरी को जीत के लिए 18 रन रह गए थे। पहली पांच गेंदों में जरमोन ने 17 रन बना डाले। फोर्ड ने अंतिम गेंद पर रक्षात्मक शॉट खेला और मैच टाई पर खत्म हुआ।
खिलाड़ियों को मैच की स्थिति ड्रेसिंग रूम में पहुंचने के बाद साफ हुई। दो ओवर पहले जो टीम मैच को जैसे-तैसे बचाने के प्रयास में लगी हुई थी, वह असल में जीत से सिर्फ एक रन दूर रह गई थी। मैच को याद करते हुए वेलिंगटन के कैप्टन का कहना था कि इस बात का पता चलने के बाद उन्हें कई दिनों तक बुरे सपने आते रहे। 77 रन लुटा देने वाले उस बदनाम ओवर के कारण रॉबर्ट वान्स इतिहास का एक दिलचस्प हिस्सा बन गए।

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