Friday, December 19, 2008

टीवी चैनलों के लिए गाईडलाइन

मुंबई आतंकी हमलों की कवरेज के लिए आलोचनाओं के शिकार हुए टेलीविजन चैनलों के लिए संवेदनशील घटनाओं के दौरान समाचार प्रसारण के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। समाचार प्रसारण मानक विवाद निवारण प्राधिकरण [न्यूज ब्रोडकास्टिंग स्टैंडर्स डिस्प्यूट रिड्रेसल अथोरिटी] के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जेएस वर्मा ने ये दिशानिर्देश जारी किए-

  • बंधकों की पहचान, संख्या और उनकी स्थिति के बारे में किसी भी जानकारी का प्रसारण नहीं करें। उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वे बचाव अभियानों में सुरक्षाबलों की संख्या और अभियान के तरीकों के बारे में भी खुलासा नहीं करें।
    टेलीविजन चैनल इस तरह का कोई सीधा प्रसारण नहीं करें जिससे आतंकी या उग्रवादी संगठन या उनकी विचारधारा के प्रचार-प्रसार में सहायता मिलती हो अथवा अपराधियों के प्रति सहानुभूति पैदा होती हो।
  • आतंकियों का महिमामंडन करने से बचने के साथ ही उनके अवैध ऐजेंडे को आगे बढ़ाने में सहायक होने से भी बचा जाना चाहिए।
    किसी घटना के समय पीड़ितों, सुरक्षा बलों या उनके तकनीकी सहयोगियों और अपराधियों के साथ सीधा संपर्क नहीं करे। उन्हें ध्यान रखना होगा कि वे भावनात्मक दृश्यों के प्रसारण में खास सावधानी बरते। मृतकों के प्रति सम्मान दिखाए और इस संबंध में दृश्य नहीं दिखाए।
    सशस्त्र संघर्ष, आंतरिक विवाद, सांप्रदायिक हिंसा, जनता की नाराजगी आदि से संबंधित सभी खबरों का प्रसारण जनता के हितों को ध्यान में रखकर सोच समझ कर किया जाना चाहिए।
  • मीडिया को पुराने फुटेज के अनावश्यक बार-बार और लगातार प्रसारित करने पर भी रोक लगाने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि इस प्रकार के प्रसारण से दर्शकों के मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ सकता है।
  • लेकिन यदि प्रसारण किया जाता है तो उस स्थिति में उस प्रसारण पर फाइल लिखा होना चाहिए और फाइल शब्द का प्रसारण भी साथ में किया जाना चाहिए।

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