Friday, December 19, 2008

आठवीं तक बिना एग्जाम पास होंगे बच्चे

नई दिल्लीः किसी भी बच्चे को आठवीं क्लास तक फेल नहीं किया जाना चाहिए। यदि कोई बच्चा पढ़ने में कमजोर है, तो उसके लिए स्कूल विशेष क्लास और कोचिंग की व्यवस्था करे। यह प्रस्ताव रखा गया है कि राज्यसभा में पिछले हफ्ते रखे गए बिल में।

  • इसमें कहा गया है कि प्राथमिक कक्षाओं में दुनिया में कहीं भी किसी बच्चे को फेल नहीं किया जाता। मगर हमारे यहां बहुत से प्राइवट स्कूल कमजोर विद्यार्थियों को फेल कर देते हैं और उन्हें क्लास रिपीट करने के लिए कहते हैं। कई स्कूल तो ऐसे बच्चों को सीधे स्कूल से निकाल देते हैं। अगर यह बिल कानून बन जाता है तो ऐसे स्कूलों को दंडित किया जाएगा।
  • बिल में यह भी कहा गया है कि परीक्षा को ऑप्शनल बना दिया जाए।
  • विद्यार्थियों का मूल्यांकन स्कूल चाहें तो दैनिक आधार पर कर सकते हैं। मूल्यांकन के लिए टर्मिनल, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक परीक्षा लेने की कोई जरूरत नहीं है।
इन परीक्षाओं की वजह से बच्चों में हीनभावना बढ़ती है और वे खुदकुशी तक कर लेते हैं। इस बिल को तैयार करने वालों में से एक दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो. विनोद रैना का कहना है कि लोग आम तौर पर सोचते हैं कि यदि कोई परीक्षा न हो और फेल होने का डर न हो तो बच्चे ढंग से पढ़ाई ही नहीं करेंगे। हमारा कहना है कि बच्चे खाली भय के मारे पढ़ाई नहीं करते हैं, बल्कि यदि आप उन्हें सही माहौल दें तो भी वे पढ़ाई में सीरियस होंगे।

No comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणी हमारे लिए बेहद खास है।
अत: टिप्पणीकर उत्साह बढ़ाते रहें।
आपको टिप्पणी के लिए अग्रिम धन्यवाद।