Monday, December 15, 2008

अंगरेजों को किया चेन्नई में चित


भारतीय टीम ने चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम पर इंग्लैंड को पहले टेस्ट मैच में छह विकेट से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भारत ने इंग्लैंड के द्वारा दिए गए 387 रन के मुश्किल लक्ष्य को बड़ी आसानी से चार विकेट खोकर हासिल किया।
इंग्लैंड के द्वारा दिए गए लक्ष्य को भारत के बल्लेबाजों ने बौना साबित कर दिया। बड़े लक्ष्य का दबाव कभी भी भारतीय बल्लेबाजों पर नहीं दिखा और उन्होंने पांचवें व अंतिम दिन टूटती हुई पिच पर लक्ष्य हासिल करके विजय पताका फहराई। टीम इंडिया की जीत की नींव वीरेद्र सहवाग ने धुआंधार अंदाज में 83 रन बनाकर रखी तो इस नींव को पुख्ता उनके जोड़ीदार गौतम गंभीर [66] ने किया। उनके इस प्रयास को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा सचिन तेंदुलकर [नाबाद 103] और सिक्सर किंग युवराज सिंह [नाबाद 85] ने पहुंचाया।
इंग्लैंड ने जब भारत के सामने 387 रन का लक्ष्य रखा तो केविन पीटरसन ने नहीं सोचा होगा कि एमए चिदंबरम स्टेडियम की टूटती पिच पर इसे हासिल किया जा सकेगा क्योंकि उनके पास दो विशेषज्ञ स्पिनरों के अलावा मंझा हुआ तेज आक्रमण भी है। लेकिन तेंदुलकर की बेजोड़ शतकीय पारी और युवराज से मिले शानदार सहयोग से भारत ने टेस्ट इतिहास में चौथा सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड बना दिया। भारत ने तय समय से एक घंटे पहले ही चार विकेट पर 387 रन बनाकर इतिहास रचा। तेंदुलकर ने जैसे ही विजयी चौका लगाकर अपना शतक पूरा किया रिकार्ड बुक में एक रोमांचक टेस्ट दर्ज हो गया। महेंद्र सिंह धौनी फिर से भारत के लिए भाग्यशाली कप्तान साबित हुए। यह उनकी कप्तानी में भारतीय टीम की चार मैच में चौथी जीत है। कप्तान के रूप में अपने शुरुआती चार मैच जीतने का यह भारतीय रिकार्ड है।

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