Wednesday, December 17, 2008

ऐंटी टेरर बिल -किसने क्या कहा

आतंकवाद से निपटने के लिए देश की सबसे बड़ी पंचायत-संसद में नेता एकजुट हो रहे हैं। लोकसभा में यूपीए सरकार लोकसभा की चर्चा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी। (फाइल फोटो) र की ओर से पेश ऐंटी टेरर बिल को बीजेपी के समर्थन मिलने के बाद सर्वसम्मति से पास हो जाने की उम्मीद है। संसद से मंजूरी मिलने के बाद नैशनल इन्वेस्टीगेशन एजंसी (एनआईए) का गठन होगा। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए संसद के ऊपरी सदन-राज्यसभा में भेजा जाएगा।
इस मुद्दे पर नेताओं ने क्या-क्या कहा :-
' मैं सदन से गुजारिश करता हूं कि इन बिलों को समर्थन देकर पास करें। आतंकी गतिविधियों की जांच का मूल जिम्मा राज्यों के पास ही रहेगा। आतंकी वारदातों से जुड़े संवेदनशील मामलों की सुनवाई कर रहे जज रिटायरमंट के बाद भी इन केसों की सुनवाई करते रहेंगे। देश आतंक से निपटने के लिए एक फेडरल एजंसी की मांग कर रहा है। हमें आतंकवाद की जड़ तक पहुंचकर इसे ख़त्म करना होगा।
- पी. चिदंबरम (केंद्रीय गृहमंत्री)
' हम सैद्धांतिक तौर पर बिल का समर्थन करते हैं। मुझे खुशी है कि कांग्रेस ने दस साल बाद सही पर आतंकवाद पर हमारे स्टैंड को सही माना। हमने 9 / 11 के बाद अमेरिका को भी आतंकवाद पर चेताया था। पाकिस्तान ने आतंकवाद की आड़ में हमारे खिलाफ छद्म युद्ध (प्रॉक्सी वॉर) छेड़ रखा है। पोटा कानून बनाने में हमारी नियत बिल्कुल सही थी। लेकिन अफसोस की उसे समझा नहीं गया। आतंकवाद से निपटने के लिए यूपीए सरकार एनडीए के ही फॉर्म्यूले पर बढ़ रही है। यूपीए को मानना चाहिए कि उन्हें आतंकवाद के खतरे को समझने में दस साल लग गए। लेफ्ट पार्टियों ने मुझसे कहा है कि भारत को आतंकवाद से निपटने के लिए ज़्यादा सख्त होना पड़ेगा।'
- लालकृष्ण आडवाणी (नेता-विपक्ष लोकसभा)
' इस कानून के दायरे में उन लोगों को भी लाना चाहिए जो दंगे-फसाद कराते हैं। दंगे-फसाद में पकड़े गए लोगों पर भी इन्हीं कानूनों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।'
-ए.आर.अंतुले (नेता-कांग्रेस)

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