Saturday, December 6, 2008

हां, हमारे नागरिक थे आतंकीः पाकिस्तान

नई दिल्लीः मुंबई आतंकवादी हमले के मामले अमेरिकी दबाव के आगे आखिरकार पाकिस्तान को थोड़ा झुकना पड़ा है। पाकिस्तान ने मान लिया है मुंबई पर हमला करने वाले आतंकी उनके देश के थे। अमेरिकी रक्षा प्रमुख ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन और रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी को यह जानकारी दी है। अमेरिका के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजंसियों ने लश्कर-ए-तैबा का हाथ होने की बात मान ली है।

दूसरी ओर, भारत में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। मुंबई पर आतंकवादी हमले के सिलसिले जम्मू कश्मीर पुलिस के एक कॉन्सटेबल को गिरफ्तार किया गया है। इस कॉन्सटेबल का नाम मुख्तार अहमद बताया जाता है। दूसरा व्यक्ति तौसिफ रहमान है, जिसे पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया है। इन दोनों को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया है। माना जाता है कि मुंबई में आतंकवादियों ने हमले के दौरान जो सिम कार्ड्स इस्तेमाल किए थे, वे इन्हीं लोगों ने उपलब्ध करवाए थे। खुफिया सूत्रों के मुताबिक उन्होंने लश्कर के ऑपरेशंस चीफ मुजामिल और याहया नाम के एक आदमी के बीच हुई बातचीत को पकड़ा है। बताया जाता है कि इसी याहया खान ने बांग्लादेश में सिम कार्ड्स दिलाए थे।

फोन पर पूछते थे, मार दें या छोड़ दें

मुंबई हमलों की साजिश को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैबा का एक बड़ा आतंकवादी तीन महीने से कराची में था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लश्कर के संपर्क में रहे एक पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से यह रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर-ए-तैबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी साजिश रचने में आतंकवादियों की मदद कर रहा था।

अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि हमलावर पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में थे। रिपोर्ट में 5 आतंकवादियों के फरार हो जाने की आशंका जताई गई है। गौरतलब है कि जिस ट्रॉलर को आतंकवादियों ने हाईजैक किया था, उसमें 10 लोगों के लिए नहीं बल्कि 15 लोगों के लिए जरूरी सामान था। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमलावरों ने सैटलाइट फोन से कई सबूत छोड़े हैं। यह फोन आतंकवादियों द्वारा हाईजैक किए गए फिशिंग ट्रॉलर में पड़ा मिला था। इसमें लश्कर आतंकवादी यूसुफ मुजम्मिल का टेलिफोन नंबर भी है। यूसुफ को मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

लंदन के एशिया-पैसिफिक फाउंडेशन के दो सुरक्षा विश्लेषकों एम. जे. गोहल और सज्जन एम. गोहल ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। सैटलाइट फोन से मुजम्मिल का नंबर और ताज और ओबेरॉय होटलों से मिले सेल फोनों से डायल नंबर एक हैं। ट्रॉलर से मिले सबूतों के आधार पर आशंका है कि हमले के पीछे 5 और आतंकवादी हो सकते हैं। होटलों में आतंकवादियों ने कई विदेशियों से यह पूछा कि वह किस जाति के हैं और कौन से देश से आए हैं? माना जा रहा है कि यह ब्यौरा लेने के बाद हमलावरों ने मुजम्मिल को फोन किया। इसकी पुष्टि गिरफ्तार हुए इकलौते आतंकवादी ने भी की है। होटल से बाहर आए विदेशियों ने बताया कि हमारी पहचान पूछने के बाद आतंकवादियों ने फोन पर पूछा कि इन्हें जिंदा छोड़ना है या मारना है? एक विदेशी का कहना है कि यह कॉन्फ्रंस कॉल लग रही थी और दूसरी ओर दो लोग थे। फोन रखने के बाद आतंकवादियों ने विदेशियों को छोटे-छोटे ग्रुपों में बांट दिया। तभी पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और बंधक भागने में सफल रहे।

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